नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार ने कहा है कि उसने शिक्षकों को जुलाई और अगस्त की सैलरी देने के लिए 98 करोड़ 35 लाख रुपये उत्तरी दिल्ली नगर निगम को जारी किए हैं. उसके बाद जस्टिस हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को निर्देश दिया कि वो नौ हजार शिक्षकों की सैलरी जल्द जारी करे. कोर्ट ने इस आदेश की अनुपालना रिपोर्ट दो हफ्ते में दाखिल करने का निर्देश दिया.
शिक्षकों को सैलरी नहीं देने पर फटकार लगाई थी
पिछले 21 जुलाई को कोर्ट ने शिक्षकों को सैलरी नहीं देने पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम को फटकार लगाई थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि वह शिक्षकों की सैलरी के पैसे को दूसरे कर्मचारियों में डायवर्ट कर रही है. सुनवाई के दौरान उत्तरी दिल्ली नगर निगम के वकील मिनी पुष्कर्णा ने कहा था कि उसने अपने सभी शिक्षकों की मार्च और अप्रैल की सैलरी का भुगतान कर दिया है. उन्होंने कहा था कि निगम ने कोरोना ड्यूटी में लगे 5406 शिक्षकों की सैलरी 14 जुलाई को जारी कर दी गई है. बाकी शिक्षकों की अप्रैल की सैलरी जुलाई के अंत तक जारी कर दी जाएगी. तब कोर्ट ने कहा था कि मई और जून की सैलरी तो फिर भी बाकी रह जाएगी.
पहली तिमाही के लिए 147 करोड़ जारी
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा था कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम को शिक्षकों को सैलरी देने के लिए इस साल की पहली तिमाही में 147 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं.ये रकम तीन किश्तों में जारी की गई. दूसरी तिमाही के जुलाई महीने की सैलरी के लिए भी 49 करोड़ 17 लाख रुपये जुलाई के अंत तक जारी होंगे. बाकी दो महीनों की सैलरी के लिए अगस्त और सितंबर में राशि जारी की जाएगी.
सफाईकर्मियों की सैलरी के मद में कोई राशि जारी नहीं
उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने कहा था कि दिल्ली सरकार ने सफाईकर्मियों को दी जानेवाली सैलरी के मद में कोई राशि जारी नहीं की जिसकी वजह से शिक्षकों की सैलरी सफाईकर्मियो को देनी पड़ी. निगम ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से सफाईकर्मियों और हेल्थवर्कर्स को सैलरी देनी पड़ी. निगम ने कहा था कि डॉक्टरों को अप्रैल, मई और जून की सैलरी की राशि दिल्ली सरकार ने जुलाई के पहले सप्ताह में जारी किया.
फंड की कमी की दलील खारिज
याचिका अखिल दिल्ली प्राथमिक शिक्षक संघ ने दायर किया है. कोर्ट ने कहा था की शिक्षकों को केवल अपनी सैलरी के भुगतान के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है वह भी ऐसे समय में जब लॉकडाउन की वजह से लोग मानसिक अवसाद से ग्रसित हो रहे हैं.कोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि उसके पास फंड की कमी है. कोर्ट ने कहा कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम कोर्ट में बयान देने से कतरा रही है कि फंड की कमी की वजह से उसके अधिकारियों की भी सैलरी रोकी गई है इसलिए शिक्षकों पर ही तलवार क्यों लटकाई जा रही है.