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CAIT की स्वदेशी राखियों की डोर ने दिया रोजगार, चीनी सामान का बहिष्कार - पूनम गुप्ता कैट

कैट की अगुवाई में देशभर के अलग-अलग शहरों में बड़ी तादाद में स्वदेशी राखियां बनवाई जा रही है. राजधानी में भी अलग-अलग इलाकों में लोगों को स्वदेशी राखी बनाने का काम दिया गया है. इसमें वो लोग शामिल हैं, जिनका लॉकडाउन के दौरान काम छूट गया है.

hand made rakhi being prepared for raksha bandhan by cait women wing
रक्षाबंधन का त्योहार
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Published : Jul 27, 2020, 5:16 PM IST

नई दिल्ली: रक्षाबंधन का त्योहार नजदीक है ऐसे में कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने इस रक्षाबंधन पर चीनी राखियों का बहिष्कार करने की पूरी तैयारी कर ली है. इस रक्षाबंधन पर बड़ी तादाद में CAIT की तरफ से स्वदेशी राखियां बनवाई जा रही हैं. इसके जरिए उन तमाम लोगों को भी रोजगार दिया जा रहा है, जो इस महामारी के दौरान आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट

देशभर में बनवाई जा रही स्वदेशी राखियां

कैट की अगुवाई में देशभर के अलग-अलग शहरों में बड़ी तादाद में स्वदेशी राखियां बनवाई जा रही है. राजधानी में भी अलग-अलग इलाकों में लोगों को स्वदेशी राखी बनाने का काम दिया गया है. इसमें वो लोग शामिल हैं, जिनका लॉकडाउन के दौरान काम छूट गया है. इससे ना केवल उन लोगों को रोजगार मिल रहा है बल्कि स्वदेशी राखियों की मुहिम भी जोर पकड़ रही है.

लोगों को राखी बनवाकर दिया जा रहा रोजगार

कैट की महिला विंग की अध्यक्ष पूनम गुप्ता ने बताया कि हम उन तमाम लोगों को राखी बनाना सिखा रहे हैं जो लॉकडाउन से पहले किसी ना किसी क्षेत्र में काम करके अपना गुजारा करते थे, लेकिन इस महामारी के चलते उनका काम छूट गया. ऐसे लोगों को प्रत्येक राखी 3 से 5 रुपये तक का रोजगार देकर 1 दिन में 500 से 1000 रुपये तक कमाने का अवसर दिया जा रहा है. पूनम गुप्ता ने बताया कि अब तक हम करीब पांच लाख राखियां बना चुके हैं. पिछले 15 से 20 दिनों से यह राखी बनाने का काम किया जा रहा है और देश के अलग-अलग शहरों में यह काम हो रहा है ताकि इस बार रक्षाबंधन पर बाजार में केवल स्वदेशी राखी ही लोगों तक पहुंचे.

मात्र 10 रुपये में मिलेगा राखी का पूरा पैकेट

इसके साथ ही पूनम गुप्ता ने बताया कि ये राखियां बनवाकर हम बॉर्डर पर तैनात हमारे जवानों के लिए भी भेज रहे हैं. इसके लिए खास पैकेट तैयार किया गया है. इसमें दो राखियां, मिश्री और रोली चावल की छोटी सीसी है. इसकी कीमत मात्र 10 रुपये रखी गई है.

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अलग-अलग सेंटर पर यह राखी बनाने का काम हो रहा है ताकि एक साथ एक जगह पर लोग इकट्ठा ना हों. साथ ही जो लोग राखी बना रहे हैं उनका बाकायदा पहले कोरोना टेस्ट करवाया गया है और सभी सावधानियों के साथ ही उनसे राखियां बनवाई जा रही हैं.

राखी बनाकर लोग कमा रहे रोजगार

राखी बनाने वाले लोगों ने बताया कि वह लॉकडाउन से पहले ड्राइवर का काम करते थे, लेकिन लॉकडाउन में उनका काम छूट गया. इसके बाद उन्हें यह राखी बनाने का काम मिला और वह खुशी से यह काम कर रहे हैं. इससे उनके घर का खर्च भी चल रहा है और वह अच्छा कमा भी पा रहे हैं.

नई दिल्ली: रक्षाबंधन का त्योहार नजदीक है ऐसे में कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने इस रक्षाबंधन पर चीनी राखियों का बहिष्कार करने की पूरी तैयारी कर ली है. इस रक्षाबंधन पर बड़ी तादाद में CAIT की तरफ से स्वदेशी राखियां बनवाई जा रही हैं. इसके जरिए उन तमाम लोगों को भी रोजगार दिया जा रहा है, जो इस महामारी के दौरान आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट

देशभर में बनवाई जा रही स्वदेशी राखियां

कैट की अगुवाई में देशभर के अलग-अलग शहरों में बड़ी तादाद में स्वदेशी राखियां बनवाई जा रही है. राजधानी में भी अलग-अलग इलाकों में लोगों को स्वदेशी राखी बनाने का काम दिया गया है. इसमें वो लोग शामिल हैं, जिनका लॉकडाउन के दौरान काम छूट गया है. इससे ना केवल उन लोगों को रोजगार मिल रहा है बल्कि स्वदेशी राखियों की मुहिम भी जोर पकड़ रही है.

लोगों को राखी बनवाकर दिया जा रहा रोजगार

कैट की महिला विंग की अध्यक्ष पूनम गुप्ता ने बताया कि हम उन तमाम लोगों को राखी बनाना सिखा रहे हैं जो लॉकडाउन से पहले किसी ना किसी क्षेत्र में काम करके अपना गुजारा करते थे, लेकिन इस महामारी के चलते उनका काम छूट गया. ऐसे लोगों को प्रत्येक राखी 3 से 5 रुपये तक का रोजगार देकर 1 दिन में 500 से 1000 रुपये तक कमाने का अवसर दिया जा रहा है. पूनम गुप्ता ने बताया कि अब तक हम करीब पांच लाख राखियां बना चुके हैं. पिछले 15 से 20 दिनों से यह राखी बनाने का काम किया जा रहा है और देश के अलग-अलग शहरों में यह काम हो रहा है ताकि इस बार रक्षाबंधन पर बाजार में केवल स्वदेशी राखी ही लोगों तक पहुंचे.

मात्र 10 रुपये में मिलेगा राखी का पूरा पैकेट

इसके साथ ही पूनम गुप्ता ने बताया कि ये राखियां बनवाकर हम बॉर्डर पर तैनात हमारे जवानों के लिए भी भेज रहे हैं. इसके लिए खास पैकेट तैयार किया गया है. इसमें दो राखियां, मिश्री और रोली चावल की छोटी सीसी है. इसकी कीमत मात्र 10 रुपये रखी गई है.

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अलग-अलग सेंटर पर यह राखी बनाने का काम हो रहा है ताकि एक साथ एक जगह पर लोग इकट्ठा ना हों. साथ ही जो लोग राखी बना रहे हैं उनका बाकायदा पहले कोरोना टेस्ट करवाया गया है और सभी सावधानियों के साथ ही उनसे राखियां बनवाई जा रही हैं.

राखी बनाकर लोग कमा रहे रोजगार

राखी बनाने वाले लोगों ने बताया कि वह लॉकडाउन से पहले ड्राइवर का काम करते थे, लेकिन लॉकडाउन में उनका काम छूट गया. इसके बाद उन्हें यह राखी बनाने का काम मिला और वह खुशी से यह काम कर रहे हैं. इससे उनके घर का खर्च भी चल रहा है और वह अच्छा कमा भी पा रहे हैं.

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