नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली से जिम, योगा और हेल्थ सेंटर्स पर लटकी सीलिंग की तलवार का खतरा लगभग टल गया है. पिछले दिनों डीडीए बोर्ड की बैठक में मिक्स लैंड यूज के तहत जिम और फिटनेस सेंटर चलाने की सशर्त मंजूरी दी गई थी. डीडीए की इस घोषणा के बाद से जहां नगर निगम के अधिकारी चैन की सांस ले रहे हैं वहीं जिम संचालकों में भी खुशी का माहौल है.
उपराज्यपाल का फैसला स्वागत योग्य
इस संबंध में पूर्वी दिल्ली नगर निगम के नेता सदन निर्मल जैन ने बताया कि उपराज्यपाल का ये फैसला स्वागत योग्य है. अगर जिम और योगा सेंटर्स पर सीलिंग की जाती तो कई परिवारों की समक्ष रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो जाता. मास्टर प्लान 2021 में संशोधन कर इन हेल्थ सेंटर को मिक्स लैंड यूज के तहत चलाने की मंजूरी दी गई है. साथ ही भविष्य में खुलने वाले नए स्वास्थ्य केंद्र और जिम भी केवल ग्राउंड फ्लोर और बेसमेंट में ही खुल सकेंगे.
नए खुलने वाले जिम और योगा सेंटर्स के लिए नगर निगम अपने लाइसेंस पॉलिसी में भी अब बदलाव करेगा और अब ध्यान रखा जाएगा कि जिम और योगा सेंटर्स ग्राउंड फ्लोर और बेसमेंट में ही खोले जाए.
जिम के मालिकों ने ली चैन की सांस
इस संबंध में जिम संचालकों का कहना है कि सीलिंग का खतरा टल जाने से जिम संचालक राहत की सांस ले रहे हैं. क्योंकि जिम के साथ कई लोगों की आजीविका जुड़ी हुई है. अगर जिम बंद होता तो कई लोग बेरोजगार हो जाते. इनफर्नो जिम फ्रेंचाइजी के मालिक मनोज ने बताया कि उनकी पूरी दिल्ली में 7 जिम है और लगभग 200 लोग उनकी जिम से जुड़े हैं. अगर जिम पर सीलिंग की जाती तो इससे जुड़े सभी लोग बेरोजगार हो जाते.
इतना ही नहीं कई ऐसे युवा जो बॉडीबिल्डिंग और फिटनेस में अपना करियर बनाना चाहते हैं उनके समक्ष भी संकट उत्पन्न हो जाता. क्योंकि जिमों के बंद हो जाने के बाद उनके समक्ष खुद को तंदुरुस्त रखने का कोई विकल्प नहीं बचता.