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पब्लिक पूछती है: लंबे समय से पानी की समस्या से जूझ रहे रिठाला के लोग

ईटीवी भारत की टीम चुनावी सरगर्मी के बीच पब्लिक पूछती है प्रोग्राम के तहत रिठाला विधानसभा क्षेत्र में पहुंची. अलग-अलग इलाकों का जायजा लेने के बाद लोगों ने मौजूदा विधायक के प्रति मिलीजुली प्रतिक्रिया दी.

ground report from Rithala constituency before delhi assembly election 2020
रिठाला विधानसभा
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Published : Nov 27, 2019, 12:49 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीख का औपचारिक ऐलान अभी तक भले ही ना हुआ हो, लेकिन सभी दलों ने शतरंज की बिसात पर अपने-अपने मोहरे चलने शुरू कर दिए हैं. ईटीवी भारत की टीम चुनावी सरगर्मी के बीच पब्लिक पूछती है प्रोग्राम के तहत जब दिल्ली के रिठाला विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं का मूड टटोलने पहुंची तो विधानसभा क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों का जायजा लेने के बाद लोगों ने मौजूदा विधायक के प्रति मिलीजुली प्रतिक्रिया दी.

रिठाला विधानसभा क्षेत्र में पहुंची ईटीवी भारत की टीम

'औद्योगिकरण के लिए सरकार ने ली जमीन'
बाहरी दिल्ली के अंतर्गत आने वाला रिठाला विधानसभा घनी आबादी, औद्योगिक क्षेत्र, खेत-खलिहान और दिल्ली-देहात के लिए मशहूर है. वर्ष 1993 में विधानसभा के दोबारा परिसीमन के बाद बवाना क्षेत्र को पिछड़ी और अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित कर दिया गया था.


क्षेत्र के परिसीमन में 3 नए वार्ड पुठ कलां, बेगमपुर, शाहबाद डेयरी इस विधानसभा क्षेत्र से जुड़े थे. मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों की बहुलता होने के कारण यहां कृषि के लिए भी बड़ा क्षेत्र है, लेकिन औद्योगिकरण के लिए दिल्ली सरकार की ओर से ज्यादातर जमीन अधिग्रहित कर ली गई.

2015 में आम आदमी पार्टी की हुई थी जीत
वर्ष 2013 में जब पहली बार आम आदमी पार्टी चुनाव मैदान में उतरी थी, तब रिठाला विधानसभा सीट से भाजपा के निवर्तमान विधायक कुलवंत राणा भारी मतों से विजयी हुए थे. जबकि आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था.


जबकि वर्ष 2015 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान दिल्ली वालों के साथ ही रिठाला विधानसभा के क्षेत्र के लोगों ने भी चुनाव मैदान में उतरे आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी महेंद्र गोयल को समर्थन देकर भारी मतों से विजयी बनाया. महेंद्र गोयल आज विधायक हैं. उनका कार्यकाल अब समाप्त होने वाला है.

रिठाला विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख सड़कें तो ठीक-ठाक थी. पानी और सीवर की लाइन कई इलाकों में बिछा दी गयी है, लेकिन आज भी अधिकांश इलाकों में पानी सप्ताह में 3 दिन ही आता है. रिठाला विधानसभा के अंतर्गत दिल्ली का सुदूर इलाका होने से यहां अगर मेट्रो की सुविधा नहीं होती तो लोगों का आना-जाना चुनौती से कम नहीं होता. डीटीसी की बसें पहले जैसी चलती थी, आज उनकी संख्या आधी हो गई है.

जातीय समीकरण- (फीसद में)

  • अनुसूचित जाति 23%
  • पिछड़ा व अन्य वर्ग 29%
  • जाट 24%
  • मुस्लिम 18%
  • ब्राह्मण 5%
  • बनिया 9%


क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे
दिल्ली सरकार के बड़े अस्पतालों में शुमार बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल रिठाला विधानसभा के अंतर्गत है. मोहल्ला क्लीनिक भी कई खुले हैं. मगर लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा लेने के लिए मध्य दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली के अस्पतालों की तरफ रुख करना पड़ता है.


रिठाला विधानसभा के अंतर्गत आने वाले कई इलाकों में बिजली और केवल की तारों का जंजाल ऐसा है कि इन इलाकों में रहने वाले लोग इससे खासे परेशान हैं, वह इससे भी छुटकारा चाहते हैं. क्षेत्र में पानी की समस्या लंबे समय से मौजूद है. जनता पानी की समस्या से जूझ रही है. दर्जनों स्कूल हैं, मगर इनकी हालत खराब है. अध्यापकों के पद लंबे समय से खाली हैं. मुख्य मार्ग पर जाम की समस्या आए दिन लोगों को परेशान करती है. इससे निपटने के लिए भी कोई उपाय नहीं है.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीख का औपचारिक ऐलान अभी तक भले ही ना हुआ हो, लेकिन सभी दलों ने शतरंज की बिसात पर अपने-अपने मोहरे चलने शुरू कर दिए हैं. ईटीवी भारत की टीम चुनावी सरगर्मी के बीच पब्लिक पूछती है प्रोग्राम के तहत जब दिल्ली के रिठाला विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं का मूड टटोलने पहुंची तो विधानसभा क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों का जायजा लेने के बाद लोगों ने मौजूदा विधायक के प्रति मिलीजुली प्रतिक्रिया दी.

रिठाला विधानसभा क्षेत्र में पहुंची ईटीवी भारत की टीम

'औद्योगिकरण के लिए सरकार ने ली जमीन'
बाहरी दिल्ली के अंतर्गत आने वाला रिठाला विधानसभा घनी आबादी, औद्योगिक क्षेत्र, खेत-खलिहान और दिल्ली-देहात के लिए मशहूर है. वर्ष 1993 में विधानसभा के दोबारा परिसीमन के बाद बवाना क्षेत्र को पिछड़ी और अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित कर दिया गया था.


क्षेत्र के परिसीमन में 3 नए वार्ड पुठ कलां, बेगमपुर, शाहबाद डेयरी इस विधानसभा क्षेत्र से जुड़े थे. मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों की बहुलता होने के कारण यहां कृषि के लिए भी बड़ा क्षेत्र है, लेकिन औद्योगिकरण के लिए दिल्ली सरकार की ओर से ज्यादातर जमीन अधिग्रहित कर ली गई.

2015 में आम आदमी पार्टी की हुई थी जीत
वर्ष 2013 में जब पहली बार आम आदमी पार्टी चुनाव मैदान में उतरी थी, तब रिठाला विधानसभा सीट से भाजपा के निवर्तमान विधायक कुलवंत राणा भारी मतों से विजयी हुए थे. जबकि आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था.


जबकि वर्ष 2015 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान दिल्ली वालों के साथ ही रिठाला विधानसभा के क्षेत्र के लोगों ने भी चुनाव मैदान में उतरे आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी महेंद्र गोयल को समर्थन देकर भारी मतों से विजयी बनाया. महेंद्र गोयल आज विधायक हैं. उनका कार्यकाल अब समाप्त होने वाला है.

रिठाला विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख सड़कें तो ठीक-ठाक थी. पानी और सीवर की लाइन कई इलाकों में बिछा दी गयी है, लेकिन आज भी अधिकांश इलाकों में पानी सप्ताह में 3 दिन ही आता है. रिठाला विधानसभा के अंतर्गत दिल्ली का सुदूर इलाका होने से यहां अगर मेट्रो की सुविधा नहीं होती तो लोगों का आना-जाना चुनौती से कम नहीं होता. डीटीसी की बसें पहले जैसी चलती थी, आज उनकी संख्या आधी हो गई है.

जातीय समीकरण- (फीसद में)

  • अनुसूचित जाति 23%
  • पिछड़ा व अन्य वर्ग 29%
  • जाट 24%
  • मुस्लिम 18%
  • ब्राह्मण 5%
  • बनिया 9%


क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे
दिल्ली सरकार के बड़े अस्पतालों में शुमार बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल रिठाला विधानसभा के अंतर्गत है. मोहल्ला क्लीनिक भी कई खुले हैं. मगर लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा लेने के लिए मध्य दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली के अस्पतालों की तरफ रुख करना पड़ता है.


रिठाला विधानसभा के अंतर्गत आने वाले कई इलाकों में बिजली और केवल की तारों का जंजाल ऐसा है कि इन इलाकों में रहने वाले लोग इससे खासे परेशान हैं, वह इससे भी छुटकारा चाहते हैं. क्षेत्र में पानी की समस्या लंबे समय से मौजूद है. जनता पानी की समस्या से जूझ रही है. दर्जनों स्कूल हैं, मगर इनकी हालत खराब है. अध्यापकों के पद लंबे समय से खाली हैं. मुख्य मार्ग पर जाम की समस्या आए दिन लोगों को परेशान करती है. इससे निपटने के लिए भी कोई उपाय नहीं है.

Intro:विधानसभा चुनाव से संबंधित रिठाला विधानसभा की ग्राउंड रिपोर्ट -

नोट- रिठाला विधानसभा के अलग-अलग इलाकों की बाइट के साथ वर्तमान आप विधायक महेंद्र गोयल से बातचीत वीडियो में है.

नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख में का औपचारिक ऐलान अभी तक भले ही ना हुआ हो लेकिन सभी दलों ने शतरंज की बिसात पर अपने अपने मोहरे चलने शुरू कर दिए हैं. ईटीवी भारत की टीम चुनावी सरगर्मी के बीच जब दिल्ली के रिठाला विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं का मूड टटोलने निकली तो विधानसभा क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों का जायजा लेने के बाद लोगों ने मौजूदा विधायक के प्रति मिलीजुली प्रतिक्रिया दी.


बाहरी दिल्ली के अंतर्गत आने वाला रिठाला विधानसभा घनी आबादी, औद्योगिक क्षेत्र, खेत-खलिहान तथा दिल्ली-देहात के लिए मशहूर है. वर्ष 1993 में विधानसभा के दोबारा परिसीमन के बाद बवाना क्षेत्र को पिछड़ी और अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित कर दिया गया था. क्षेत्र के परिसीमन में 3 नए वार्ड पुठ कलां, बेगमपुर, शाहबाद डेयरी इस विधानसभा क्षेत्र से जुड़े थे. मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों की बहुलता होने के कारण यहां कृषि के लिए भी बड़ा क्षेत्र है. लेकिन औद्योगिकरण के लिए दिल्ली सरकार की ओर से ज्यादातर जमीन अधिग्रहित कर ली गई.

नई दिल्ली



Body:वर्ष 2013 में जब पहली बार आम आदमी पार्टी चुनाव मैदान में उतरी थी तब रिठाला विधानसभा सीट से भाजपा के निवर्तमान विधायक कुलवंत राणा भारी मतों से विजयी हुए थे. जबकि आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था.

जबकि वर्ष 2015 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान दिल्ली वालों के साथ ही रिठाला विधानसभा के क्षेत्र के लोगों ने भी चुनाव मैदान में उतरे आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी महेंद्र गोयल को समर्थन देकर भारी मतों से विजयी बनाया. महेंद्र गोयल आज विधायक हैं. उनका कार्यकाल अब समाप्त होने वाला है. ऐसे में ईटीवी भारत ने जब विधानसभा क्षेत्र का जायजा लिया तो विधायक के कामकाज को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया दी.


रिठाला विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख सड़कें तो ठीक-ठाक थी. पानी और सीवर की लाइन कई इलाकों में बिछा दी गयी है, लेकिन आज भी अधिकांश इलाकों में पानी सप्ताह में 3 दिन ही आज भी आता है. रिठाला विधानसभा के अंतर्गत दिल्ली का सुदूर इलाका होने से यहां अगर मेट्रो की सुविधा नहीं होती तो लोगों का आना-जाना चुनौती से कम नहीं होता. डीटीसी की बसें पहले जैसी चलती थी आज उनकी संख्या आधी हो गई है.


जातीय समीकरण- (फीसद में)

अनुसूचित जाति 23%

पिछड़ा व अन्य वर्ग 29%

जाट 24%

मुस्लिम 18%

ब्राह्मण 5%

बनिया 9%




Conclusion: क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे

- रिठाला विधानसभा के अंतर्गत है दिल्ली सरकार के बड़ा अस्पताल बाबा साहेब आंबेडकर है. मोहल्ला क्लीनिक भी कई खुले हैं. मगर लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा लेने के लिए मध्य दिल्ली वह दक्षिणी दिल्ली के अस्पतालों की तरफ रुख करना पड़ता है.

- रिठाला विधानसभा के अंतर्गत आने वाले कई इलाकों में बिजली और केवल की तारों का जंजाल ऐसा है कि इन इलाकों में रहने वाले लोग इससे खासे परेशान हैं वह इस से भी छुटकारा चाहते हैं.

- क्षेत्र में पानी की समस्या लंबे समय से मौजूद है जनता पानी की समस्या से जूझ रही है.

- दर्जनों स्कूल हैं मगर इनकी हालत खराब है अध्यापकों के पद लंबे समय से खाली हैं.

- मुख्य मार्ग पर जाम की समस्या आए दिन लोगों को परेशान करती है. इससे निपटने के लिए भी कोई उपाय नहीं है.


समाप्त, आशुतोष झा
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