नई दिल्ली: देशभर में डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ के साथ किए जा रहे बुरे बर्ताव और हमलों को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर कानून जारी कर दिया. जिसमें ऐसा करने वाले लोगों पर 5 हजार से 5 लाख तक का जुर्माना और 6 महीने से 7 साल तक गैर जमानती धारा और जेल का प्रावधान है. लोग भी इसको लेकर सरकार के पक्ष में नजर रहे है. इसी को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने लोगों से बातचीत कर जानी उनकी राय.
'शर्म की बात है'
स्थानीय निवासी शालू ने ईटीवी भारत को बताया कि इस महामारी के दौरान लोगों के बचाव में जुटे डॉक्टर के साथ बहुत ही बुरा व्यवहार किया जा रहा है, जो वाकई बहुत शर्म की बात है. जहां एक तरफ डॉक्टर हमारे लिए भगवान बनकर हमारी जान बचा रहे हैं. वहीं कुछ लोगों द्वारा ऐसे बर्ताव के कारण खुद डॉक्टरों की जान को खतरा हो रहा है. लोगों का यह भी कहना है कि डॉक्टर देश सेवा के लिए अपना घर बार सब कुछ छोड़ कर हॉस्पिटल में ही रह रहे हैं, ऐसे में हमें उनका सम्मान करना चाहिए ना कि उन पर हमला करना चाहिए.
'पहले सौ बार सोचने पर कर देगा मजबूर'
लोगों के अनुसार सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश में हमला करने वाले लोगों को दिए जाने वाली सजा बिल्कुल उचित है. यह कानून ऐसा करने वाले लोगों को कोई भी हमला करने या बुरा बर्ताव करने से पहले 100 बार सोचने पर मजबूर कर देगा. वहीं स्थानीय सचिन ने निजामुद्दीन मरकज के मौलाना मोहम्मद साद के लिए भी संदेश दिया कि वह सोशल मीडिया और अन्य मीडिया के माध्यम से मुस्लिम भाइयों को जागरूक करें और पुलिस का सहयोग देने के लिए कहें.