नई दिल्ली: सरकारी स्कूलों की शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर में लगातार सुधार का दावा करने वाली दिल्ली सरकार के दावों कहीं-कहीं फेल होते दिख रहे हैं. नजफगढ़ के उजवा गांव में स्थित गवर्नमेंट बॉयस सीनियर सेकेंडरी स्कूल की बिल्डिंग का एक ब्लॉक जर्जर हालत में है.
प्रशासन की ओर से कार्रवाई नहीं की गई
डेंजर जोन घोषित होने के बाद भी इस पर ना कोई प्रशासनिक कार्रवाई हुई ना, ही स्कूल प्रशासन ने इस ब्लॉक की मरम्मत कराने की जहमत उठाई. सैकड़ों बच्चों के जीवन को खतरे में डालकर स्कूल चलाया जा रहा है. अभिभावकों का आरोप है कि उन्होंने कई बार इसकी शिकायत प्रिंसिपल से की, लेकिन अभी भी स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है.
प्रिंसिपल ने कहा कि इस ब्लॉक को सही कराने की कई बार अर्जी डाली जा चुकी है, लेकिन पीडब्ल्यूडी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इसमें उनका क्या कसूर है? अचानक अभिभावकों के पहुंच जाने से स्कूल के प्रिंसिपल ने बौखलाहट में कहा कि स्कूल में किसी तरह का इंस्पेक्शन नहीं हुआ है और ना ही किसी खामी को लेकर उन्हें कोई रिपोर्ट सौंपी गई है. जबकि स्कूल बिल्डिंग पर स्पष्ट रूप से डेंजर जोन मार्क किया जा चुका है. प्रिंसिपल ने साफ तौर पर कहा कि उनके हाथ में केवल कागजी कार्रवाई है जो उन्होंने पूरी की है. उन्होंने लिखित तौर पर शिकायत की, लेकिन प्रशासन की ओर से किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गई.
'कोई भी फंड सेक्शन नहीं किया जाता'
वहीं एक गैर सरकारी संस्था इंटेलेक्चुअल फॉर्म फॉर ह्यूमन राइट्स के चैयरमैन राहुल भारत ने बताया कि स्कूल की जर्जर स्थिति को लेकर उन्होंने प्रिंसिपल से शिकायत की. उन्होंने कहा कि प्रिंसिपल के यह कहने पर कि पीडब्लूडी एक्शन नहीं लेता, उन्होंने पीडब्ल्यूडी विभाग और विधायक से भी बात की, तो उन्हें केवल आश्वासन ही मिला. वहीं स्कूल के प्रिंसिपल और अन्य अधिकारियों से पता चला कि इस स्कूल के नाम पर कोई भी फंड सैंक्शन नहीं किया जाता. जिसका कारण पूछने पर यह समझ आया कि यहां बच्चों की संख्या कम है.