नई दिल्लीः 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रदर्शनकारी किसान ट्रैक्टर परेड निकाल रहे थे. वहीं, प्रदर्शनकारी नियमों को तोड़ते हुए लाल किले के अंदर सुरक्षा के घेरे को तोड़ते हुए ट्रैक्टर के साथ प्रवेश कर गए. इस दौरान लाल किला के अंदर काफी नुकसान पहुंचा. देश की ऐतिहासिक धरोहर को नुकसान पहुंचाने वालों को सजा दिलाने के लिए फॉरेंसिक और क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने किले के हर जगह का मुआयना कर सबूत इकट्ठा किया.
बता दें कि फॉरेंसिक और क्राइम ब्रांच के अधिकारी लाल किले में 26 जनवरी को हुई हिंसा के सबूत इकट्ठा करने के लिए दोपहर करीब 3:30 बजे पहुंचे थे. अधिकारियों ने सबूत इकट्ठा करने के लिए 3 घंटे से भी अधिक समय लगाया. जांच की प्रक्रिया लाल किले के लॉन से शुरू हुई, जहां पर फॉरेंसिक अधिकारियों को भारतीय किसान यूनियन के झंडे मिले. इसके अलावा लॉन की दीवार और लॉन परिसर को बारीकी से देखने के बाद जांच अधिकारी मुख्य सड़क पर गए, जहां प्रदर्शनकारियों ने डिवाइडर को तोड़ा दिया था, वहां से भी सबूत इकट्ठा किए गए.
एक दर्जन से अधिक टूटे हुए ताले मिले
जांच अधिकारियों को अलग जगहों से एक दर्जन से भी अधिक टूटे हुए ताले मिले हैं. जांच के दौरान पाया गया कि प्रदर्शनकारियों ने कमरों के अंदर भी तोड़फोड़ की है. यहां से भी सबूत को इकठ्ठा कर लिया गया है. इस दौरान अधिकारियों ने टिकट खिड़की से भी काफी सबूत इकट्ठा किया है. इसके अलावा सीआईएसफ की एक जिप्सी भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त पाई गई है, जिसके भी निशान ले लिए गए हैं. बता दें कि जांच के दौरान कई जगह पर खून के निशान भी मिले, जिससे जांच के लिए ले लिया गया है.
खाई से लेकर झंडा फहराने वाली जगह से लिया सबूत
जांच अधिकारियों ने उस खाई का भी मुआयना किया और सबूत इकट्ठा किया, जहां की वायरल हो रही वीडियो में प्रदर्शनकारियों से जान को बचाने के लिए पुलिसकर्मी कूद गए थे. इसके अलावा अधिकारियों ने उस जगह से भी सबूत इकट्ठा किया, जहां पर प्रदर्शनकारियों ने झंडा फहराया था.
हर कोने पर की जांच
एफएसएल के असिस्टेंट डारेक्टर संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि लाल किले में हुई हिंसा की पूरी तरह से जांच की जा रही है. जो भी चीज मौका-ए -वारदात से मिल रही है. उसे इकट्ठा कर क्राइम ब्रांच को सौंप दिया जाएगा. जांच के दौरान किसी भी कोने को छोड़ा नहीं जा रहा है. पूरी प्रक्रिया में दो टीम लगी हुई हैं.
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