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पिता ने फिरौती मांगने वाले बेटे के लिए अदालत से मांगी जमानत, जानिए क्यों

आरोपी मेहताब ने खुद के अपहरण का नाटक रच अपने पिता से फिरौती मांगी थी. पुलिस को बताया था कि उसने खुद अपने अपहरण का नाटक रचा था. दरअसल वह ऑनलाइन सट्टा खेलता है, जिसमें उसे काफी नुकसान हुआ था. उसके ऊपर काफी कर्ज हो गया था. इसे चुकाने के लिए उस पर काफी दबाव था. इसलिए वह अपने अपहरण का नाटक रच परिजनों से फिरौती वसूल रहा था.

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Published : Feb 15, 2022, 1:53 PM IST

father asked bail for his son demanded ransom from his father pretend as he is kidnapped
father asked bail for his son demanded ransom from his father pretend as he is kidnapped

नई दिल्ली : राजेन्द्र नगर पुलिस के पिता से उगाही के मामले में गिरफ्तार किये गए युवक को अदालत से जमानत मिल गई है. शिकायतकर्ता पिता ने ही अदालत से बेटे को जमानत देने की गुहार लगाई. उन्होंने अदालत से कहा कि बेटे से गलती हो गई, वह अपराधी नहीं है. इसके बाद अदालत ने बेटे को जमानत पर रिहा कर दिया है. आरोपी ने अपने अपहरण का नाटक रच पिता से ही 20 लाख रुपये की फिरौती (son demanded ransom from his father) मांगी थी.


जानकारी के अनुसार, 8 जनवरी को बिहार के चंपारण जिला निवासी मोहम्मद अजीजुल हक राजेंद्र नगर थाने में अपने बेटे के लापता होने की शिकायत दर्ज कराने पहुंचे. उन्होंने बताया कि उनका 20 वर्षीय बेटा मेहताब हाशमी बीते तीन दिनों से लापता है. वह राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर में UPSC की तैयारी कर रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि बीते सितंबर महीने में उन्होंने अपने बेटे को पढ़ाई के लिए दो बारी में 5 लाख रुपये भेजे थे. उन्हें न तो अपने बेटे के वजीराबाद स्थित घर का पता है और न ही कोचिंग सेंटर का पता है. वह अपने बेटे से मिलने के लिए पहले दिल्ली भी नहीं आए थे.


बीते 6 जनवरी को उनकी पत्नी के मोबाइल पर एक रिकॉर्डिंग वाला मैसेज उनके बेटे के मोबाइल से आया. इसमें बताया गया कि मेहताब को अगवा कर लिया गया है और उसे छुड़ाने के लिए 20 लाख रुपये की फिरौती (Ransom of 20 lakhs rupees) मांगी गई. बातचीत के बाद अपहरणकर्ता 10 लाख रुपये लेकर उसे छोड़ने को तैयार हो गया. उनके पास एक वीडियो क्लिप भेजी गई जिसमें उनका बेटा रो रहा था. अपहरण का व्हाट्सएप मैसेज भी उन्हें बार-बार भेजा गया. इसे लेकर 9 जनवरी को ही अपहरण का मामला राजेंद्र नगर थाने में दर्ज किया गया. पुलिस टीम ने टेक्निकल सर्विलांस की मदद ली तो पता चला कि मेहताब का मोबाइल वजीराबाद इलाके में चल रहा है. इस जानकारी पर पुलिस टीम ने वहां छापा मारकर उसे पकड़ लिया था.


पूछताछ के दौरान मेहताब ने पुलिस को बताया था कि उसने खुद अपने अपहरण का नाटक रचा था. दरअसल वह ऑनलाइन सट्टा खेलता है, जिसमें उसे काफी नुकसान हुआ था. उसके ऊपर काफी कर्ज हो गया था. इसे चुकाने के लिए उस पर काफी दबाव था. इसलिए वह अपने अपहरण का नाटक रच परिजनों से फिरौती वसूल रहा था. मां के मोबाइल पर सभी व्हाट्सएप मैसेज उसने खुद ही भेजे थे. उन्हें अपहरण का विश्वास दिलाने के लिए उसने अपना रोते हुए वीडियो बनाकर व्हाट्सएप पर मां को भेजा था. इसके चलते पुलिस ने अपहरण के इस मामले को जबरन उगाही में बदल दिया था.


इस मामले में पुलिस ने आरोपी मेहताब को जेल भेज दिया था. उसके पिता ने इस घटना के बाद बेटे के जमानत की याचिका अदालत में दायर की. उन्होंने अदालत को बताया कि उनका बेटा पेशेवर अपराधी नहीं है. उसने फिरौती की रकम भी नहीं वसूली है. उसने अपने माता-पिता से ही रुपये लेने का प्रयास किया. इसलिए उसे जमानत पर छोड़ दिया जाए. अदालत ने इस सुनवाई के बाद आरोपी मेहताब को जमानत पर छोड़ दिया है.

नई दिल्ली : राजेन्द्र नगर पुलिस के पिता से उगाही के मामले में गिरफ्तार किये गए युवक को अदालत से जमानत मिल गई है. शिकायतकर्ता पिता ने ही अदालत से बेटे को जमानत देने की गुहार लगाई. उन्होंने अदालत से कहा कि बेटे से गलती हो गई, वह अपराधी नहीं है. इसके बाद अदालत ने बेटे को जमानत पर रिहा कर दिया है. आरोपी ने अपने अपहरण का नाटक रच पिता से ही 20 लाख रुपये की फिरौती (son demanded ransom from his father) मांगी थी.


जानकारी के अनुसार, 8 जनवरी को बिहार के चंपारण जिला निवासी मोहम्मद अजीजुल हक राजेंद्र नगर थाने में अपने बेटे के लापता होने की शिकायत दर्ज कराने पहुंचे. उन्होंने बताया कि उनका 20 वर्षीय बेटा मेहताब हाशमी बीते तीन दिनों से लापता है. वह राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर में UPSC की तैयारी कर रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि बीते सितंबर महीने में उन्होंने अपने बेटे को पढ़ाई के लिए दो बारी में 5 लाख रुपये भेजे थे. उन्हें न तो अपने बेटे के वजीराबाद स्थित घर का पता है और न ही कोचिंग सेंटर का पता है. वह अपने बेटे से मिलने के लिए पहले दिल्ली भी नहीं आए थे.


बीते 6 जनवरी को उनकी पत्नी के मोबाइल पर एक रिकॉर्डिंग वाला मैसेज उनके बेटे के मोबाइल से आया. इसमें बताया गया कि मेहताब को अगवा कर लिया गया है और उसे छुड़ाने के लिए 20 लाख रुपये की फिरौती (Ransom of 20 lakhs rupees) मांगी गई. बातचीत के बाद अपहरणकर्ता 10 लाख रुपये लेकर उसे छोड़ने को तैयार हो गया. उनके पास एक वीडियो क्लिप भेजी गई जिसमें उनका बेटा रो रहा था. अपहरण का व्हाट्सएप मैसेज भी उन्हें बार-बार भेजा गया. इसे लेकर 9 जनवरी को ही अपहरण का मामला राजेंद्र नगर थाने में दर्ज किया गया. पुलिस टीम ने टेक्निकल सर्विलांस की मदद ली तो पता चला कि मेहताब का मोबाइल वजीराबाद इलाके में चल रहा है. इस जानकारी पर पुलिस टीम ने वहां छापा मारकर उसे पकड़ लिया था.


पूछताछ के दौरान मेहताब ने पुलिस को बताया था कि उसने खुद अपने अपहरण का नाटक रचा था. दरअसल वह ऑनलाइन सट्टा खेलता है, जिसमें उसे काफी नुकसान हुआ था. उसके ऊपर काफी कर्ज हो गया था. इसे चुकाने के लिए उस पर काफी दबाव था. इसलिए वह अपने अपहरण का नाटक रच परिजनों से फिरौती वसूल रहा था. मां के मोबाइल पर सभी व्हाट्सएप मैसेज उसने खुद ही भेजे थे. उन्हें अपहरण का विश्वास दिलाने के लिए उसने अपना रोते हुए वीडियो बनाकर व्हाट्सएप पर मां को भेजा था. इसके चलते पुलिस ने अपहरण के इस मामले को जबरन उगाही में बदल दिया था.


इस मामले में पुलिस ने आरोपी मेहताब को जेल भेज दिया था. उसके पिता ने इस घटना के बाद बेटे के जमानत की याचिका अदालत में दायर की. उन्होंने अदालत को बताया कि उनका बेटा पेशेवर अपराधी नहीं है. उसने फिरौती की रकम भी नहीं वसूली है. उसने अपने माता-पिता से ही रुपये लेने का प्रयास किया. इसलिए उसे जमानत पर छोड़ दिया जाए. अदालत ने इस सुनवाई के बाद आरोपी मेहताब को जमानत पर छोड़ दिया है.

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