नई दिल्ली : दिल्ली के हर एक इलाके में ई-रिक्शा यातायात का बड़ा साधन बन चुका है, लेकिन जितनी सुविधाएं ई-रिक्शा के चलने से लोगों को होती हैं. वहीं इसका खतरनाक पहलू भी सामने आया है. ई-रिक्शा में से 70 फ़ीसदी ई-रिक्शा बिना फिटनेस के चल रहे हैं. जो हादसों की बड़ी वजह बन सकते हैं. इस बात का खुलासा एक आरटीआई के माध्यम से हुआ है.
हैरानी की बात यह है कि बिना फिटनेस और अवैध तरीके से चलने वाले रिक्शा पर कई बार कोर्ट ने भी सख्त रुख अपनाया है. बावजूद इसके न ही दिल्ली ट्रैफिक पुलिस इन ई-रिक्शा चालकों के खिलाफ गंभीरता से कोई अभियान चलाती और ना ही दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग ही इस मामले को गंभीरता से ले रहा है. जो कहीं न कहीं आने वाले दिनों में बड़े हादसे का सबब बन सकती.
राजौरी गार्डेन इलाके में रहने वाले एक शख्स ने जब इस संबंध में आरटीआई लगाई और कई सारे सवाल रिक्शा से जुड़े पूछे तो उसके जवाब में यह बात सामने आई कि राजधानी में लगभग एक लाख 4708 ई-रिक्शा सवारी ढोने वाले हैं. जबकि माल ढोने वाले ई-रिक्शा की संख्या 9745 है. हैरान करने वाली बात यह है कि सवारी ढोने वाली ई-रिक्शा की संख्या महज 74302 ही है, जिसने फिटनेस करवाया है. जबकि माल ढोने वाले में से 2893 ई-रिक्शा ने ही अपना फिटनेस टेस्ट करवाया है.
आरटीआई लगाने वाले हरजिंदर सिंह का कहना है कि यह तो वह संख्या है जो दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग में रजिस्टर्ड है. इसके अलावा सड़कों पर बिना नंबर प्लेट की ई-रिक्शा कितनी चलती हैं. इसकी तो कोई गिनती ही नहीं है. साथ ही उनका यह भी कहना है कि यह बहुत ही विस्फोटक स्थिति है. क्योंकि अगर सड़क पर बिना फिटनेस वाले ई-रिक्शा या फिर बिना नंबर प्लेट वाले ई-रिक्शा का एक्सीडेंट होता है. तो इसमें न ही उस रिक्शा को चलाने वाले चालक को ही कोई क्लेम मिल सकेगा और न ही हादसे का शिकार होने वाली किसी भी सवारी को. आरटीआईकर्ता का साफ तौर पर कहना है कि इस संबंध में उन्होंने कई बार दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग में शिकायत की, लेकिन सब अपनी जिम्मेदारी एक दूसरे पर डाल देते हैं.
दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग अवैध ई-रिक्शा की शिकायत के लिए लोकल थाने में शिकायत करने की बात करता, लेकिन लोकल पुलिस या ट्रैफिक पुलिस भी इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाती है. क्योंकि जगह के अभाव में वह भी ऐसे ई-रिक्शा को बंद नहीं करना चाहती है.