नई दिल्ली: द्वारका स्थित इस्कॉन टेंपल में बुधवार से झूलन यात्रा महोत्सव शुरू हो रहा है. इसकी तैयारी जोर-शोर से चल रही है. यह महोत्सव 18 से 22 अगस्त तक चलेगा. जहां हर दिन शाम 7 से 9 बजे तक राधा- कृष्ण को झूला झुलाया जाएगा.
हर साल यह महोत्सव सावन महीने के एकादशी के दिन से शुरू होकर, पूर्णिमा तक मनाया जाता है. यह त्यौहार श्रीकृष्ण भगवान और राधा की लीलाओं को याद करते हुए झूले पर झुलाते हुए मनाया जाता है.
इस महोत्सव के दौरान हर दिन राधा-कृष्ण को विभिन्न गहनों से सजाया जाता है. फूलों से सजाए गए झूले पर प्रतिदिन धीरे-धीरे झुलाया जाता है. प्रत्येक वर्ष इस्कॉन मंदिर को फूलों से खूबसूरती से सजाया जाता है. भक्तों की तरफ से गाये गए कीर्तन के साथ देवताओं की विशेष आरती की जाती है. आरती के बाद, भक्तों को भी झूले को झुलाने और प्रभु के प्रति व्यक्तिगत सेवा करने का अवसर मिलता है. इस महोत्सव का समापन मंदिर के चारों ओर राधा-कृष्ण को एक पालकी में घुमाने के साथ किया जाता है.
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बता दें कि झूलन महोत्सव की शुरुआत सबसे पहले बृषभान दुलारी के निज धाम बरसाना से हुई थी. भले ही आधुनिक युग में गांव से लेकर शहर तक झूला ठहर गया हो, लेकिन राधाकृष्ण के प्राचीन स्थलों पर आज भी झूला झुलाया जाता है. राधाकृष्ण के स्वरूप झूला-झूलते हैं. इस्कॉन टेम्पल में इस साल 18 से 22 अगस्त तक झूला महोत्सव मनाया जाएगा.
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