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दुर्गेश पाठक का सवाल, 'क्या भाजपा के कमाई पूत हैं MCD के अधिकारी' - delhi news

आम आदमी पार्टी के निगम प्रभारी दुर्गेश पाठक ने एमसीडी पर दवा खरीद घोटाले के आरोप मामले में कुछ अधिकारियों को भी कटघरे में खड़ा किया है. इससे जुड़े खुलासे के साथ उन्होंने भाजपा पर कुछ सवाल खड़े किए हैं.

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दुर्गेश पाठक का निगम और बीजेपी पर निशाना
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Published : Aug 26, 2020, 6:57 PM IST

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी भाजपा शाषित निगम पर लगातार हमलावर है. निगम पर डेंगू की दवा खरीद में घोटाले का आरोप लगाने के अगले दिन, आज आम आदमी पार्टी के निगम प्रभारी दुर्गेश पाठक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस पूरे मामले में शामिल कुछ अधिकारियों का भी खुलासा किया. दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाया कि मनमाने तरीके से दवा खरीद के कागजात पर साइन कराने के लिए निगम ने एक ऐसे अधिकारी को प्रमोट किया, जो पहले से एक गम्भीर मामले में दोषी हैं.

दुर्गेश पाठक का निगम और बीजेपी पर निशाना



'तब आदेश गुप्ता थे मेयर'

पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दुर्गेश पाठक ने दवा खरीद से जुड़े कागजात दिखाते हुए कहा कि इसमें जिस एडिशनल एमएचओ अशोक रावत का सिग्नेचर है, वो दरअसल करोलबाग जिले के डीएचओ हुआ करते थे. उस समय आदेश गुप्ता उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर थे. दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाया कि जब दवाल खरीद की फाइल पर तत्कालीन एमएचओ (मेडिकल हेल्थ ऑफिसर) अरुण बंसल ने साइन करने से इनकार कर दिया, तो उन्हें सस्पेंड कर दिया गया.


'साइन नहीं किया तो सस्पेंड कर दिए गए'

दुर्गेश पाठक ने कहा कि अरुण बंसल 3 जुलाई 2019 को सस्पेंड किए गए और फिर अशोक रावत डीएचओ (डिस्ट्रिक्ट हेल्थ ऑफिसर) से सीधे एडिशनल एमएचओ बना दिए गए. जबकि प्रक्रिया के हिसाब से यह बिल्कुल गलत था. दुर्गेश पाठक ने कहा कि 25 जुलाई को अशोक रावत ने उस फाइल पर साइन किया और 26 जुलाई को अरुण बंसल फिर से बहाल कर दिए गए. जबकि वे 30 जुलाई को रिटायर हो गए और तब से अब तक अशोक रावत ही एमएचओ हैं.



'गलत तरीके से पद पर रखा'

अशोक रावत पर दुर्गेश पाठक का एक बड़ा आरोप यह भी था कि इन्होंने उस अर्पित होटल को लाइसेंस दिया था, जिसमें लगी आग में 17 लोगों की मौत हो गई थी. दुर्गेश पाठक ने कहा कि विजिलेंस की जांच कहती है कि उनपर एफआईआर होनी चाहिए, पहले से भी उनपर वार्निंग है, लेकिन भाजपा ने उन्हें गलत तरीके से पद पर बनाए रखा है. अपने इन आरोपों के आधार पर दुर्गेश पाठक ने भाजपा को कटघरे में खड़ा किया.


कांग्रेस पर भी साधा निशाना

उन्होंने खासकर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता से सवाल किया कि भाजपा के अशोक रावत से क्या सम्बन्ध हैं और क्या वे भाजपा के कमाई पूत हैं. दुर्गेश पाठक ने इस मामले में कांग्रेस को भी निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि जिस व्हिसल ब्लोअर ने हमें है कागजात दिए, वो पहले कांग्रेस के पास गया था, लेकिन उन्होंने इसे लेकर सवाल उठाने से मना कर दिया. दुर्गेश पाठक ने पूछा क्या कांग्रेस की भी इसमें मिलीभगत है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी अपने वकीलों के जरिए विचार कर रही है कि इस पूरे मामले में क्या कदम उठाया जा सकता है.

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी भाजपा शाषित निगम पर लगातार हमलावर है. निगम पर डेंगू की दवा खरीद में घोटाले का आरोप लगाने के अगले दिन, आज आम आदमी पार्टी के निगम प्रभारी दुर्गेश पाठक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस पूरे मामले में शामिल कुछ अधिकारियों का भी खुलासा किया. दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाया कि मनमाने तरीके से दवा खरीद के कागजात पर साइन कराने के लिए निगम ने एक ऐसे अधिकारी को प्रमोट किया, जो पहले से एक गम्भीर मामले में दोषी हैं.

दुर्गेश पाठक का निगम और बीजेपी पर निशाना



'तब आदेश गुप्ता थे मेयर'

पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दुर्गेश पाठक ने दवा खरीद से जुड़े कागजात दिखाते हुए कहा कि इसमें जिस एडिशनल एमएचओ अशोक रावत का सिग्नेचर है, वो दरअसल करोलबाग जिले के डीएचओ हुआ करते थे. उस समय आदेश गुप्ता उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर थे. दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाया कि जब दवाल खरीद की फाइल पर तत्कालीन एमएचओ (मेडिकल हेल्थ ऑफिसर) अरुण बंसल ने साइन करने से इनकार कर दिया, तो उन्हें सस्पेंड कर दिया गया.


'साइन नहीं किया तो सस्पेंड कर दिए गए'

दुर्गेश पाठक ने कहा कि अरुण बंसल 3 जुलाई 2019 को सस्पेंड किए गए और फिर अशोक रावत डीएचओ (डिस्ट्रिक्ट हेल्थ ऑफिसर) से सीधे एडिशनल एमएचओ बना दिए गए. जबकि प्रक्रिया के हिसाब से यह बिल्कुल गलत था. दुर्गेश पाठक ने कहा कि 25 जुलाई को अशोक रावत ने उस फाइल पर साइन किया और 26 जुलाई को अरुण बंसल फिर से बहाल कर दिए गए. जबकि वे 30 जुलाई को रिटायर हो गए और तब से अब तक अशोक रावत ही एमएचओ हैं.



'गलत तरीके से पद पर रखा'

अशोक रावत पर दुर्गेश पाठक का एक बड़ा आरोप यह भी था कि इन्होंने उस अर्पित होटल को लाइसेंस दिया था, जिसमें लगी आग में 17 लोगों की मौत हो गई थी. दुर्गेश पाठक ने कहा कि विजिलेंस की जांच कहती है कि उनपर एफआईआर होनी चाहिए, पहले से भी उनपर वार्निंग है, लेकिन भाजपा ने उन्हें गलत तरीके से पद पर बनाए रखा है. अपने इन आरोपों के आधार पर दुर्गेश पाठक ने भाजपा को कटघरे में खड़ा किया.


कांग्रेस पर भी साधा निशाना

उन्होंने खासकर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता से सवाल किया कि भाजपा के अशोक रावत से क्या सम्बन्ध हैं और क्या वे भाजपा के कमाई पूत हैं. दुर्गेश पाठक ने इस मामले में कांग्रेस को भी निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि जिस व्हिसल ब्लोअर ने हमें है कागजात दिए, वो पहले कांग्रेस के पास गया था, लेकिन उन्होंने इसे लेकर सवाल उठाने से मना कर दिया. दुर्गेश पाठक ने पूछा क्या कांग्रेस की भी इसमें मिलीभगत है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी अपने वकीलों के जरिए विचार कर रही है कि इस पूरे मामले में क्या कदम उठाया जा सकता है.

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