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दिल्ली के अंदर वेतन की समस्या उत्पन्न कर रही नगर निगम: दुर्गेश पाठक

आम आदमी पार्टी के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने भाजपा शासित नगर निगम पर यह आरोप लगाया कि उनके द्वारा जानबूझकर दिल्ली में वेतन की समस्या उत्पन्न कर रही है. साथ ही बताया कि, एमसीडी के वकील ने भी कोर्ट के अंदर कहीं यह जिक्र नहीं किया है कि निगम को दिल्ली सरकार से 13000 करोड़ रुपए लेने हैं.

Durgesh Pathak said Municipal corporation causing problem of salary
आम आदमी पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक.
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Published : Dec 23, 2020, 10:56 AM IST

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने भाजपा शासित नगर निगम पर यह आरोप लगाया कि उनके द्वारा जानबूझकर दिल्ली में वेतन की समस्या उत्पन्न की जा रही है. ताकि दिल्ली सरकार की छवि को खराब किया जा सके. आम आदमी पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा कि, कुछ महीने पहले भी वेतन की समस्या उत्पन्न हुई थी. लेकिन कुछ दिनों के हड़ताल के बाद नगर निगम ने कर्मचारियों के वेतन का भुगतान कर दिया था. अब दुबारा से नगर निगम द्वारा कर्मचारियों के वेतन को जानबूझकर रोका जा रहा है.

आम आदमी पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक.




"भाजपा नेता गंदी राजनीति ना करें"- दुर्गेश पाठक, एमसीडी प्रभारी

दुर्गेश पाठक ने आगे कहा कि एमसीडी जानबूझकर निगम के कर्मचारियों के साथ खेल रही है. पिछले कुछ महीनों से उन्होंने सैलरी देना फिर से बंद किया गया है. मीडिया रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र है कि आने वाले महीने के 7 तारीख को निगम के सभी कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे हैं. मैं भाजपा के नेताओं से कहना चाहता हूं कि कर्मचारियों के मुद्दे पर वह गंदी राजनीति ना करें. उनके पास एमसीडी को लूटने के लिए तो पैसा है. कर्मचारियों को देने के लिए भी पैसा है. लेकिन वह जानबूझकर कर्मचारियों को पैसा नहीं दे रहे ताकि कर्मचारियों को परेशान किया जा सके.


ये भी पढ़ें:- MCD में 2500 करोड़ के घोटाले का आरोप, AAP ने निकाली पदयात्रा

दिल्ली सरकार को नहीं देना नगर निगम को कोई बकाया फंड


दुर्गेश पाठक कहते हैं कि जब भी कोई कर्मचारी निगम से यह सवाल पूछता है कि उन्हें समय से पैसा क्यों नहीं मिल रहा तो निगम की नेता रटा रटाया जवाब देते हैं कि, दिल्ली सरकार हमें फंड नहीं दे रही. कोर्ट के एक आर्डर का हवाला करते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा कि कोर्ट ने भी कहीं यह नहीं कहा है कि दिल्ली सरकार को नगर निगम को कोई बकाया फंड देना है. साथ ही एमसीडी के वकील ने भी कोर्ट के अंदर कहीं यह जिक्र नहीं किया है कि निगम को दिल्ली सरकार से 13,000 करोड़ रुपए लेने हैं. जो साफ दर्शाता है कि कर्मचारियों को बस परेशान करने के लिए भाजपा के नेता उनका पैसा रोक कर बैठे हैं.

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने भाजपा शासित नगर निगम पर यह आरोप लगाया कि उनके द्वारा जानबूझकर दिल्ली में वेतन की समस्या उत्पन्न की जा रही है. ताकि दिल्ली सरकार की छवि को खराब किया जा सके. आम आदमी पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा कि, कुछ महीने पहले भी वेतन की समस्या उत्पन्न हुई थी. लेकिन कुछ दिनों के हड़ताल के बाद नगर निगम ने कर्मचारियों के वेतन का भुगतान कर दिया था. अब दुबारा से नगर निगम द्वारा कर्मचारियों के वेतन को जानबूझकर रोका जा रहा है.

आम आदमी पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक.




"भाजपा नेता गंदी राजनीति ना करें"- दुर्गेश पाठक, एमसीडी प्रभारी

दुर्गेश पाठक ने आगे कहा कि एमसीडी जानबूझकर निगम के कर्मचारियों के साथ खेल रही है. पिछले कुछ महीनों से उन्होंने सैलरी देना फिर से बंद किया गया है. मीडिया रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र है कि आने वाले महीने के 7 तारीख को निगम के सभी कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे हैं. मैं भाजपा के नेताओं से कहना चाहता हूं कि कर्मचारियों के मुद्दे पर वह गंदी राजनीति ना करें. उनके पास एमसीडी को लूटने के लिए तो पैसा है. कर्मचारियों को देने के लिए भी पैसा है. लेकिन वह जानबूझकर कर्मचारियों को पैसा नहीं दे रहे ताकि कर्मचारियों को परेशान किया जा सके.


ये भी पढ़ें:- MCD में 2500 करोड़ के घोटाले का आरोप, AAP ने निकाली पदयात्रा

दिल्ली सरकार को नहीं देना नगर निगम को कोई बकाया फंड


दुर्गेश पाठक कहते हैं कि जब भी कोई कर्मचारी निगम से यह सवाल पूछता है कि उन्हें समय से पैसा क्यों नहीं मिल रहा तो निगम की नेता रटा रटाया जवाब देते हैं कि, दिल्ली सरकार हमें फंड नहीं दे रही. कोर्ट के एक आर्डर का हवाला करते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा कि कोर्ट ने भी कहीं यह नहीं कहा है कि दिल्ली सरकार को नगर निगम को कोई बकाया फंड देना है. साथ ही एमसीडी के वकील ने भी कोर्ट के अंदर कहीं यह जिक्र नहीं किया है कि निगम को दिल्ली सरकार से 13,000 करोड़ रुपए लेने हैं. जो साफ दर्शाता है कि कर्मचारियों को बस परेशान करने के लिए भाजपा के नेता उनका पैसा रोक कर बैठे हैं.

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