नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पार्टी के निगम प्रभारी दुर्गेश पाठक ने बच्चों के बीच किताबों का वितरण न करने को लेकर निगम पर सवाल उठाया. दुर्गेश पाठक ने कहा कि कोरोना और लॉक डाउन से समाज का हर वर्ग प्रभावित हुआ है और सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है बच्चों की पढ़ाई.
'1625 स्कूलों में पढ़ते हैं 7 लाख बच्चे'
एमसीडी का जिक्र करते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा कि दिल्ली में एमसीडी के 1,625 स्कूल हैं, जिनमें कुल मिलाकर 7 लाख बच्चे पढ़ते हैं. इन बच्चों के बीच अप्रैल में किताबों का वितरण होना था, लेकिन एमसीडी की तरफ से अब तक इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू नहीं की गई है. दुर्गेश पाठक ने कहा कि ऐसा ना कर इन बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
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'लगातार 5 साल से हो रही है देरी'
दुर्गेश पाठक ने कहा कि ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ है. पिछले साल 9 महीने की देरी से बच्चों को किताबें दी गई थीं, उससे पिछले साल 8 महीने की देरी हुई थी. लगातार 5 साल से यह क्रम चल रहा है. उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि एमसीडी के स्कूलों में गरीबों के बच्चे पढ़ते हैं, जिनकी आमदनी कम से कम है. ऐसे में जरूरी है कि उन्हें समय पर किताबें मिले.
'15-20 दिनों में पूरी हो प्रक्रिया'
उन्होंने निगम के नेताओं से अपील की कि जल्द से जल्द इन बच्चों तक किताबें पहुंचाई जाए. दुर्गेश पाठक ने कहा कि मैं भाजपा और निगम के नेताओं से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि बच्चों का यह सत्र बर्बाद मत होने दीजिए. उन्होंने कहा कि निगम से हमारी मांग है कि 15-20 दिन में सभी प्रक्रियाएं पूरी कर जल्द से जल्द इन बच्चों तक किताबें पहुंचाई जाएं.