नई दिल्ली : इस साल गणेश चतुर्थी का त्यौहार कई पाबंदियों के साथ मनाया जा रहा है. दक्षिणी दिल्ली के सिद्ध पीठ कालकाजी मंदिर में भी कोरोना काल को देखते हुए कई पाबंदियों के साथ गणेश चतुर्थी की तैयारियां की गई हैं. हर साल मंदिर परिसर में जहां भजन-कीर्तन के लिए भव्य पंडाल लगाया जाता था, वहीं पंडाल भी इस साल नहीं लगाया गया है. साथ ही भक्तों द्वारा गणपति को मोदक और बूंदी का प्रसाद जो हर वर्ष चढ़ाया जाता था, उसकी अनुमति भी नहीं दी गई है.
मोदक और बूंदी का प्रसाद स्वीकार्य नहीं
मंदिर के महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने बताया कि कालकाजी मंदिर में जो भक्त हर साल गणपति बप्पा के लिए प्रसाद लेकर आते थे, वह लाने की अनुमति नहीं है. इसके अलावा सामान्य रूप से भी मंदिर में प्रसाद स्वीकार नहीं किया जा रहा है. केवल फल चढ़ाने की ही अनुमति है. इसके अलावा मंदिर में जो पहले से ही स्थापित गणपति जी की प्रतिमा है, वहीं पूजा-पाठ करने की अनुमति है, जो केवल मंदिर के पुजारी द्वारा ही की जाएगी. मंदिर के पुजारी ही वहां पर केवल भोग लगा पाएंगे. इसके साथ ही जो भक्त मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचेंगे, उन्हें पैकेट बंद प्रसाद मिलेगा.
घर पर ही करें गणेश जी का विसर्जन
महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने बताया कि कोरोना वायरस को देखते हुए जो सरकार की तरफ से गाइडलाइन बनाई गई हैं, उन्हीं का पालन करते हुए मंदिर प्रशासन ने यह फैसला लिया है. इसके साथ ही हम लोगों को भी यही संदेश दे रहे हैं, कि वह कोरोना काल में सभी सावधानियों के साथ ही त्यौहारों को मनाएं और गणेश चतुर्थी के लिए जो गणेश जी घर पर ला रहे हैं, उन्हें घर पर ही विसर्जित करें.