ETV Bharat / city

दिल्ली नगर निगम चुनावों में बैलेट पेपर और EVM से चुनाव चिह्न हटाने की मांग खारिज

याचिका 2017 में दिल्ली नगर निगम का चुनाव लड़ चुकी अलका गहलोत ने दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि चुनाव चिह्न आरक्षित करना भ्रष्टाचार का बड़ा कारण है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील HS गहलोत ने कहा कि दिल्ली नगर निगम कानून के मुताबिक, पार्षदों का चुनाव बिना किसी राजनीतिक दल को वरीयता दिए हुए सीधे बालिग मताधिकार के जरिये करने का प्रावधान है.

demand-for-removal-of-election-symbol-from-ballot-paper-and-evm-in-delhi-municipal-corporation-elections-rejected
demand-for-removal-of-election-symbol-from-ballot-paper-and-evm-in-delhi-municipal-corporation-elections-rejected
author img

By

Published : Apr 18, 2022, 8:51 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने आगामी नगर निगम चुनावों में बैलेट पेपर और EVM मशीनों से चुनाव चिह्न को हटाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दिया है. कार्यकारी चीफ जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका खारिज करने का आदेश दिया.

याचिका 2017 में दिल्ली नगर निगम का चुनाव लड़ चुकी अलका गहलोत ने दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि चुनाव चिह्न आरक्षित करना भ्रष्टाचार का बड़ा कारण है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील HS गहलोत ने कहा कि दिल्ली नगर निगम कानून के मुताबिक, पार्षदों का चुनाव बिना किसी राजनीतिक दल को वरीयता दिए हुए सीधे बालिग मताधिकार के जरिये करने का प्रावधान है. ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग को राजनीतिक दलों को दरकिनार कर सीधे-सीधे पार्षदों का चुनाव आयोजित करने का निर्देशानिर्देश जारी करना चाहिए.

याचिका में कहा गया था कि चुनाव चिह्न को आरक्षित करना लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. याचिकाकर्ता ने 2019 में भी हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था. 2019 में हाईकोर्ट ने दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग को याचिकाकर्ता के प्रतिवेदन पर विचार करने का आदेश दिया था.

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने आगामी नगर निगम चुनावों में बैलेट पेपर और EVM मशीनों से चुनाव चिह्न को हटाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दिया है. कार्यकारी चीफ जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका खारिज करने का आदेश दिया.

याचिका 2017 में दिल्ली नगर निगम का चुनाव लड़ चुकी अलका गहलोत ने दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि चुनाव चिह्न आरक्षित करना भ्रष्टाचार का बड़ा कारण है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील HS गहलोत ने कहा कि दिल्ली नगर निगम कानून के मुताबिक, पार्षदों का चुनाव बिना किसी राजनीतिक दल को वरीयता दिए हुए सीधे बालिग मताधिकार के जरिये करने का प्रावधान है. ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग को राजनीतिक दलों को दरकिनार कर सीधे-सीधे पार्षदों का चुनाव आयोजित करने का निर्देशानिर्देश जारी करना चाहिए.

याचिका में कहा गया था कि चुनाव चिह्न को आरक्षित करना लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. याचिकाकर्ता ने 2019 में भी हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था. 2019 में हाईकोर्ट ने दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग को याचिकाकर्ता के प्रतिवेदन पर विचार करने का आदेश दिया था.

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.