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दिल्ली हिंसा: इकबाल तान्हा के खिलाफ सूचनाएं लीक करने के मामले में सुनवाई आज

दिल्ली हाईकोर्ट दिल्ली हिंसा मामले के आऱोपी और जामिया युनिवर्सिटी के छात्र आसिफ इकबाल तान्हा के बारे में सूचनाएं लीक करने के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुनवाई करेगा. मामले की सुनवाई जस्टिस मुक्ता गुप्ता की बेंच करेगी.

दिल्ली हाईकोर्ट आरोपी
दिल्ली हाईकोर्ट आरोपी
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Published : Aug 11, 2021, 1:48 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट दिल्ली हिंसा मामले के आऱोपी और जामिया युनिवर्सिटी के छात्र आसिफ इकबाल तान्हा के बारे में सूचनाएं लीक करने के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुनवाई करेगा. मामले की सुनवाई जस्टिस मुक्ता गुप्ता की बेंच करेगी.

पिछले 5 अगस्त को दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि उसने मामले से जुड़ी कई सूचनाएं लीक की थी. दिल्ली पुलिस ने कई पत्रकारों से भी पूछताछ की है. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि किसी भी पत्रकार ने अपने स्रोत के बारे में कुछ बताने से इनकार किया है. दिल्ली पुलिस ने कहा था कि जांच के दौरान जांच अधिकारी को ये पता नहीं चल सका कि जांच से संबंधित सूचनाएं मीडिया के पास कैसे पहुंची.

पिछले 5 मार्च को हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा था कि तान्हा के बारे में सूचनाएं लीक करने का मामला केवल आरोप नहीं हैं. मीडिया में छपने के बाद ये आरोप स्थापित हो चुके हैं. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा था कि अगर वे चाहते हैं तो उनका पक्ष सुनने के लिए तैयार हैं. तब दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अमित महाजन ने कहा था कि सूचनाएं लीक करने का आरोप उनके ऊपर नहीं मढ़ा जा सकता है. उसके बाद कोर्ट ने आरोपी तान्हा को निर्देश दिया था कि वो अपने आरोप से संबंधित अतिरिक्त हलफनामा दायर करें.


पिछले 1 मार्च को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आधी-अधूरी रिपोर्ट दाखिल करने पर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अमित महाजन ने कहा था कि सूचनाएं लीक होना अप्रत्याशित था और इससे जांच एजेंसी को भी नुकसान हुआ है. तब कोर्ट ने कहा था कि निष्पक्ष जांच के लिए मीडिया लीक पर रोक लगनी चाहिए. कोर्ट ने साफ कहा था कि इस लीक के लिए केवल दिल्ली पुलिस जिम्मेदार है.

सुनवाई के दौरान अमित महाजन ने इस बात पर चिंता जताई थी कि अधिकारी संबंधित पत्रकार पर कार्रवाई कर सकते हैं. इस पर कोर्ट ने कहा था कि अगर अपराध हुआ है तो किसी पर कोई कार्रवाई करने पर रोक नहीं है. गोपनीय सूचना ऐसा दस्तावेज नहीं है जो रोड पर पड़ा मिल गया हो, इसमें लापरवाह अधिकारी जिम्मेदार हैं.


26 नवंबर 2020 को सुनवाई के दौरान तान्हा की ओर से वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा था कि सूचनाएं लीक कर संज्ञेय अपराध किया गया है और इसके खिलाफ जरुरी कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने कहा था कि जिस मीडिया संगठन ने तान्हा के बारे में सूचनाएं लीक की उन्होंने प्रोग्राम कोड का उल्लंघन किया है. याचिका में मीडिया में आई इन रिपोर्ट्स का खंडन किया गया है, जिसमें कहा गया है कि उसने दंगों को भड़काने में अपनी भूमिका को कबूल किया है. याचिका में कहा गया है कि उसे कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाया गया. याचिका में कहा गया है कि जो सूचनाएं जारी की जा रही हैं उनकी साक्ष्य के रुप में कोई कीमत नहीं है, लेकिन उसे मीडिया में पेश कर मीडिया ट्रायल किया जा रहा है. अभी तक चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है.

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, तान्हा स्टूडेंट इस्लामिक आर्गनाइजेशन का सदस्य है और शाहीन बाग के अबुल फजल एंक्लेव में रहता है। वो जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी का एक अहम सदस्य है जिसके जरिये नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को बढ़ावा दिया गया था. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, तान्हा उमर खालिद, शरजील इमाम, मीरान हैदर और सफूरा जरगर का निकट सहयोगी है. तान्हा फिलहाल जमानत पर है.

इसे भी पढ़ें: दिल्ली हिंसा मामले में अमित गुप्ता को सरकारी गवाह बनाने की मांग पर सुनवाई टली

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट दिल्ली हिंसा मामले के आऱोपी और जामिया युनिवर्सिटी के छात्र आसिफ इकबाल तान्हा के बारे में सूचनाएं लीक करने के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुनवाई करेगा. मामले की सुनवाई जस्टिस मुक्ता गुप्ता की बेंच करेगी.

पिछले 5 अगस्त को दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि उसने मामले से जुड़ी कई सूचनाएं लीक की थी. दिल्ली पुलिस ने कई पत्रकारों से भी पूछताछ की है. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि किसी भी पत्रकार ने अपने स्रोत के बारे में कुछ बताने से इनकार किया है. दिल्ली पुलिस ने कहा था कि जांच के दौरान जांच अधिकारी को ये पता नहीं चल सका कि जांच से संबंधित सूचनाएं मीडिया के पास कैसे पहुंची.

पिछले 5 मार्च को हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा था कि तान्हा के बारे में सूचनाएं लीक करने का मामला केवल आरोप नहीं हैं. मीडिया में छपने के बाद ये आरोप स्थापित हो चुके हैं. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा था कि अगर वे चाहते हैं तो उनका पक्ष सुनने के लिए तैयार हैं. तब दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अमित महाजन ने कहा था कि सूचनाएं लीक करने का आरोप उनके ऊपर नहीं मढ़ा जा सकता है. उसके बाद कोर्ट ने आरोपी तान्हा को निर्देश दिया था कि वो अपने आरोप से संबंधित अतिरिक्त हलफनामा दायर करें.


पिछले 1 मार्च को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आधी-अधूरी रिपोर्ट दाखिल करने पर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अमित महाजन ने कहा था कि सूचनाएं लीक होना अप्रत्याशित था और इससे जांच एजेंसी को भी नुकसान हुआ है. तब कोर्ट ने कहा था कि निष्पक्ष जांच के लिए मीडिया लीक पर रोक लगनी चाहिए. कोर्ट ने साफ कहा था कि इस लीक के लिए केवल दिल्ली पुलिस जिम्मेदार है.

सुनवाई के दौरान अमित महाजन ने इस बात पर चिंता जताई थी कि अधिकारी संबंधित पत्रकार पर कार्रवाई कर सकते हैं. इस पर कोर्ट ने कहा था कि अगर अपराध हुआ है तो किसी पर कोई कार्रवाई करने पर रोक नहीं है. गोपनीय सूचना ऐसा दस्तावेज नहीं है जो रोड पर पड़ा मिल गया हो, इसमें लापरवाह अधिकारी जिम्मेदार हैं.


26 नवंबर 2020 को सुनवाई के दौरान तान्हा की ओर से वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा था कि सूचनाएं लीक कर संज्ञेय अपराध किया गया है और इसके खिलाफ जरुरी कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने कहा था कि जिस मीडिया संगठन ने तान्हा के बारे में सूचनाएं लीक की उन्होंने प्रोग्राम कोड का उल्लंघन किया है. याचिका में मीडिया में आई इन रिपोर्ट्स का खंडन किया गया है, जिसमें कहा गया है कि उसने दंगों को भड़काने में अपनी भूमिका को कबूल किया है. याचिका में कहा गया है कि उसे कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाया गया. याचिका में कहा गया है कि जो सूचनाएं जारी की जा रही हैं उनकी साक्ष्य के रुप में कोई कीमत नहीं है, लेकिन उसे मीडिया में पेश कर मीडिया ट्रायल किया जा रहा है. अभी तक चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है.

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, तान्हा स्टूडेंट इस्लामिक आर्गनाइजेशन का सदस्य है और शाहीन बाग के अबुल फजल एंक्लेव में रहता है। वो जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी का एक अहम सदस्य है जिसके जरिये नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को बढ़ावा दिया गया था. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, तान्हा उमर खालिद, शरजील इमाम, मीरान हैदर और सफूरा जरगर का निकट सहयोगी है. तान्हा फिलहाल जमानत पर है.

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