नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की अनूठी पॉडकास्ट सीरीज की दूसरी कड़ी 'किस्सा खाकी का' इस बार गणतंत्र दिवस पर केंद्रित है. पॉडकास्ट सीरीज की पहल का उद्देश्य अपराध, जांच, दिल और मानवता की अनसुनी कहानियों को प्रदर्शित करके जनता के साथ संचार स्थापित करना है.
यह दिल्ली पुलिस के कर्मचारियों द्वारा प्रदान की गई असाधारण सामाजिक और मानवीय सेवाओं का जश्न मनाने पर केंद्रित है. इन कहानियों को मीडिया शिक्षक और जेल सुधारक डॉ. वर्तिका नंदा ने सुनाया है.
26 जनवरी से तीन दिन पहले रविवार, 23 जनवरी को डिजिटल रूप से प्रसारित होने वाला 'किस्सा खाकी का' का दूसरा एपिसोड साल दर साल गणतंत्र दिवस समारोह को सफल बनाने में दिल्ली पुलिस की भूमिका पर केंद्रित होगा.
कोरोना वायरस महामारी के दौरान अपने ही 17 हजार पुरुष कर्मचारी संक्रमित होने और 79 नागरिकों की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने के बावजूद, इस स्वास्थ्य संकट में सबसे आगे दिल्ली पुलिस का मनोबल ऊंचा है. पॉडकास्ट में शहर की सुरक्षा के लिए अथक परिश्रम करने वाले पुलिसकर्मियों का विशेष उल्लेख होगा.
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दिल्ली के पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना के अनुसार, पुलिस और नागरिकों के बीच का संबंध निरंतर जुड़ाव का है. हमारा पॉडकास्ट 'किस्सा खाकी का' हमारे रिश्ते को अगले स्तर पर ले जाता है जहां हम अपनी कहानियों को खुले दिल से लोगों के साथ साझा करते हैं. यह अधिक पारस्परिक विश्वास और बंधन को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे बेहतर पुलिसिंग सक्षम होती है. राजधानी की पुलिस नए-मीडिया जानकार है, भले ही हम पारंपरिक संचार चैनलों के माध्यम से उपलब्ध हैं. हम नए युग की संचार जरूरतों को पूरा करने के लिए हमेशा तैयार हैं.
पॉडकास्ट का पहला एपिसोड 16 जनवरी को प्रसारित किया गया था. इसमें आंख खोलने वाली श्रृंखला के एक भाग के रूप में लाल किला, नई दिल्ली के पास झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों के लिए पुलिस कांस्टेबल थान सिंह द्वारा चलाए जा रहे एक स्कूल पर विस्तार से चर्चा की गई.
इस पॉडकास्ट कहानी के माध्यम से हर हफ्ते एक छोटी कहानी सुनाई जाएगी. फरवरी में आने वाले 'दिल्ली पुलिस वीक' के साथ, पॉडकास्ट की नई पहल पुलिस और नागरिकों को करीब लाने और उनके बंधन को और मजबूत करने का वादा करती है.