नई दिल्ली : कंपनी के फंड से 13 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी करने के मामले में एक कर्मचारी को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है. आरोपी कंपनी के अकाउंट विभाग में काम करता था. तीन फर्जी कंपनी बनाकर वह अकाउंट से अपनी इन कंपनियों को पेमेंट करता रहा. इस मामले का जब खुलासा हुआ तो पुलिस टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. उसे पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया है.
अतिरिक्त आयुक्त आरके सिंह के अनुसार, एक निजी कंपनी की तरफ से एक शिकायत आर्थिक अपराध शाखा को मिली थी. इसमें असिस्टेंट मैनेजर शुभम सक्सेना पर घोटाला करने का आरोप लगाया गया था. बताया गया कि कंपनी के रुपये गलत ढंग से उसने अपने अकाउंट में ट्रांसफर किए हैं. कंपनी को बीते अगस्त महीने में इस गड़बड़ी का पता तब लगा जब एक वेंडर को दो बार पेमेंट भेजी गई. कंपनी की इंटरनल इंक्वायरी में पता चला कि 2018 से शुभम सक्सेना इस तरीके से करोड़ों रुपए निकाल चुका है. यह भी बताया गया कि फर्जी तरीके से उसने इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल किया है.
इस शिकायत पर आर्थिक अपराध शाखा में मामला दर्ज किया गया. प्राथमिक जांच में पता चला कि आरोपी ने 13 करोड़ 65 लाख रुपये से ज्यादा की रकम निकाली है. बीते 23 सितंबर को यह मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की गई. इस दौरान बैंक के सभी दस्तावेज खंगाले गए. जांच में यह पता चला कि इंटरनेट बैंकिंग के जरिये अधिकांश रकम को ट्रांसफर किया गया है. इसमें शुभम सक्सेना के मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी का इस्तेमाल किया गया है. पुलिस को पता चला कि आरोपी ने तीन कंपनी अपने, पत्नी एवं मां के नाम से बनाई थी. उसने फर्जी बिल बनाए और इन्हें पास कर पेमेंट कर दी. FIR दर्ज होने के बाद से आरोपी फरार चल रहा था. पुलिस टीम ने ग्रेटर नोएडा से उसे गिरफ्तार कर लिया.
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पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि ठगी की रकम वह नकद निकाल लेता था और इससे मौज मस्ती की जिंदगी बिता रहा था. उसने इस रकम को सैलून और प्रॉपर्टी खरीदने में खर्च किया था. इन रुपयों से उसने दो फ्लैट और दो दुकानें ग्रेटर नोएडा में खरीदी थीं. इसके अलावा हुंडई क्रेटा और मारुति सियाज गाड़ी भी उसने खरीदी थी. गिरफ्तार किया गया आरोपी शुभम इग्नू से बीकॉम पास है. वह बीते 11 साल से इस कंपनी में नौकरी कर रहा था. उसे अदालत के समक्ष पेश कर पुलिस ने 3 दिन की रिमांड पर लिया है.