नई दिल्ली: इंपोर्ट-एक्सपोर्ट करने वाले एक कारोबारी ने सरकारी योजना का लाभ उठाकर 158 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा कर दिया. इसकी शिकायत आईसीआईसीआई बैंक की तरफ से पुलिस को की गई थी. इस मामले में पुलिस ने आरोपी को एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया है. उसके एक अन्य साथी को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुके हैं. जबकि, मुख्य आरोपी फिलहाल फरार चल रहा है.
सरकार को लगभग 158 करोड़ का नुकसान
अतिरिक्त आयुक्त आरके सिंह के अनुसार आईसीआईसीआई बैंक की तरफ से 467 फर्जी फॉरेन इनवार्ड रेमिटेंस सर्टिफिकेट जमा करवाने की शिकायत नारायणा विहार ब्रांच में मिली थी. दो साल के भीतर इन्हें जमा करवाया गया था. यह सभी एफआईआरसी भीकाजी कामा प्लेस स्थित कॉरपोरेशन बैंक से जारी करवाई गई थी. इनके आधार पर बैंक की तरफ से बैंक रिलाइजेशन सर्टिफिकेट जारी कर दिए गए. जिससे डायरेक्टरेट जनरल आफ फॉरेन ट्रेड के दफ्तर से एक्सपोर्ट में फायदा मिलता है. इसकी वजह से सरकार को लगभग 158 करोड़ का नुकसान हुआ था. इस शिकायत पर आर्थिक अपराध शाखा में मामला दर्ज किया गया था.
एयरपोर्ट से गिरफ्तार हुआ आरोपी
छानबीन के दौरान पुलिस टीम ने एफआईआरसी जप्त करने के साथ ही बैंक खातों को सीज किया. यह बैंक खाते फर्जी नाम पर खुले हुए थे. कॉरपोरेशन बैंक द्वारा बताया गया कि उन्होंने यह एफआईआरसी जारी नहीं किए हैं. आगे छानबीन में पता चला कि इसमें आरोपी अमन पुनीत सिंह कोहली है जो फरार चल रहा है. उसे अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया था. 10 जून को आर्थिक अपराध शाखा को सूचना मिली कि वह मुंबई से दिल्ली आ रहा है. इस जानकारी पर एयरपोर्ट से उसकी गिरफ्तारी की गई. अदालत में पेश कर उसे पूछताछ के लिए तीन दिन की रिमांड पर लिया.
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दिल्ली एनसीआर में शिफ्ट हुआ आरोपी
पूछताछ के दौरान उसने पुलिस को बताया कि वह मुंबई का निवासी है. अगस्त 2020 में वह दिल्ली एनसीआर शिफ्ट हो गया था. वह दिल्ली में अपने रिश्तेदारों और अंगद पाल सिंह से कारोबार के सिलसिले में मिलने आता था. वह अंगद और अंकित के साथ यह कारोबार कर रहा था. बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर उन्होंने इस पूरे फर्जीवाड़े को अंजाम दिया. आनंदपाल सिंह इस मामले में फरार चल रहा है जबकि अंकित को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. गिरफ्तार किया गया अमन पुनीत सिंह कोहली एएसके ग्रुप का मालिक है. वह मुख्य आरोपी अंगद पाल सिंह का रिश्तेदार है. उसके पिता भी इंपोर्ट एक्सपोर्ट का कारोबार करते थे. 2008 में उसने कारोबार की शुरुआत की थी.