नई दिल्लीः विदेशों की तर्ज पर दिल्ली वालों के पास भी अपना हेल्थ कार्ड होगा. दिल्ली सरकार स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली (एचआईएमएस) को अगले साल की शुरुआत में लागू कर देगी. इसके लिए वेंडर चयन और वित्तीय बिड की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और लागू करने के लिए कैबिनेट में रखने की तैयारी चल रही है.
देश में अपनी तरह का यह अलग और इकलौता सिस्टम होगा, जिसके तहत दिल्ली के हर नागरिक को एक हेल्थ कार्ड मिलेगा, जिसमें उनके स्वास्थ्य से संबंधित सारी जानकारी होगी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि युद्ध स्तर पर काम करते हुए इस प्रोजेक्ट को तय समय सीमा के अंदर पूरा किया जाए, ताकि यथा शीघ्र लोगों को परेशानी मुक्त स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके.
ये भी पढ़ेंः- HIMS पर सीएम केजरीवाल की बैठक, हर घर तक हेल्थ कार्ड पहुंचाने का लक्ष्य
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष एचआईएमएस प्रोजेक्ट के कार्य प्रगति की विस्तृत जानकारी रखी. अधिकारियों ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में काफी प्रगति हुई है. वेंडर का चयन और वित्तीय बिड की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है. तकनीकी मूल्यांकन, स्पष्टीकरण सहित तकनीकी मूल्यांकन का अनुमोदन पूरा हो गया है. स्वास्थ्य मंत्री की मंजूरी के बाद कैबिनेट नोट का मसौदा अंतर विभागीय विचार-विमर्श के लिए भेज दिया गया.
अधिकारियों ने अवगत कराया कि पहले चरण का कार्य साल के अंत कर पूरा कर लिया जाएगा और अगले साल की शुरुआत में इसको लागू कर पाएंगे. दिल्ली सरकार की योजना है कि लोगों को हेल्थ कार्ड बनवाने के लिए अस्पतालों या दफ्तारों के चक्कर न काटना पड़े. लोगों को इस परेशानी से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार पूरी दिल्ली में सर्वे कराएगी, जिससे की सभी का हेल्थ कार्ड बनाया जा सके.
साथ ही अस्पतालों व अन्य निर्धारित स्थानों पर भी हेल्थ कार्ड बनाए जाएंगे. डोर टू डोर सत्यापन कर हेल्थ कार्ड वितरित किए जाएंगे. हेल्थ कार्ड में व्यक्ति की पूरी मेडिकल हिस्ट्री होगी और वह कार्ड की मदद से एचआईएमएस से जुड़े किसी अस्पताल में इलाज करा सकेगा. हेल्थ कार्ड बनने के बाद उसे मेडिकल रिपोर्ट आदि लेकर जाने की जरूरत नहीं होगी.
दिल्ली सरकार एचआईएमएस को जल्द से जल्द दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में लागू करने की कोशिश कर रही है. साथ ही, चरणबद्ध तरीके से इससे निजी अस्पतालों को भी जोड़ा जाएगा. मरीजों की देखभाल संबंधित सभी सेवाएं जैसे अस्पताल प्रशासन, बजट और योजना, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, बैक एंड सेवा और प्रक्रियाओं आदि को इस सिस्टम के अंदर लाया जाएगा.
हेल्थ कार्ड इस सिस्टम के माध्यम से जारी किए जाएंगे और एक्सेस के लिए ऑनलाइन उपलब्ध होंगे. इससे दिल्ली के लोगों को एक छत के नीचे सभी जानकारी प्राप्त करने और आपातकालीन मामलों में मदद मिल सकेगी. इसे लागू होने के बाद दिल्ली देश का इकलौता राज्य बन जाएगा, जिसके पास क्लाउड आधारित हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम होगा. अभी ऐसा सिस्टम स्वीडन, युगांडा और जर्मनी आदि कुछ विकसित देशों में उपलब्ध है.
हेल्थ कार्ड प्रोजेक्ट के तहत वोटर आईडी और जनसंख्या रजिस्ट्री के आधार पर दिल्ली के निवासियों को क्यूआर कोड आधारित ई-हेल्थ कार्ड जारी किए जाएंगे. जिससे प्रत्येक मरीज की जनसांख्यिकीय और बुनियादी क्लीनिकल जानकारी प्राप्त की जा सकेगी. स्वास्थ्य योजनाओं और कार्यक्रमों के लिए ई-हेल्थ कार्ड के माध्यम से पूरे परिवार की मैपिंग की जाएगी. निर्बाध सूचना आदान-प्रदान के लिए एचआईएमएस के साथ एकीकृत किया जाएगा. भौतिक सत्यापन के बाद प्रत्येक व्यक्ति को क्यूआर कोड के साथ कार्ड वितरित किए जाएंगे. साथ ही, लोगों के अनुरोध पर संशोधित या डुप्लिकेट कार्ड जारी करने का प्रावधान भी किया जाएगा.
एचआईएमएस प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए दो स्तर पर केंद्रीकृत कॉल सेंटर स्थापित होगा. पहले स्तर में कॉल सेंटर ऑपरेटर लोगों के कॉल और मैसेज प्राप्त करेंगे. सीआरएम को लॉग-इन कर केस का आंकलन करते हुए उसका समाधान कराएंगे और संबंधित उपलब्ध हेल्थ केयर स्टाफ को बताएंगे. ऑपरेटर कॉल करने वाले को संबंधित जानकारी देंगे और अंत में उसकी रिपोर्ट बनाई जाएगी.
वहीं, दूसरे स्तर पर दिल्ली सरकार के डॉक्टर और विशेषज्ञ कॉल व संदेश को प्राप्त कर मरीज को मिलने का समय देंगे. यदि केस इमरजेंसी है, तो उनके कॉल को तत्काल स्वीकार करेंगे और उनसे बात कर समस्या का समाधान करेंगे. यदि जरूरत पड़ती है, तो वे संबंधित रोग के विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करेंगे.