नई दिल्ली : दिल्ली मेट्रो रेल निगम ऊर्जा बचाने के लिए लगातार अभियान चला रही है. इसी कड़ी में दिल्ली मेट्रो पुरानी लाइट व्यवस्था में बदलाव कर स्टेशनों, डिपो और पार्किंग लॉट समेत 155 जगहों पर एलईडी लाइट लगवा रही है. हाल के महीनों में पुरानी लाइट के स्थान पर लगभग एक लाख एलईडी लाइट लगाई गई हैं. बताया जाता है कि DMRC ने हाल के महीनों में इस अभियान का 75 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है.
बता दें कि दिल्ली मेट्रो की शुरुआत 24 दिसंबर 2002 को शाहदरा और तीस हजारी के बीच हुई थी. दिल्ली मेट्रो की अधिकतम स्पीड 80 किमी/घंटा रखी गई है. यह हर स्टेशन पर करीब 20 सेकेंड रुकती है. शुरुआत में इसकी योजना छह मार्गों पर चलने की थी जो दिल्ली के ज्यादातर हिस्से को जोड़ती थी. बाद में इसका विस्तार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सीमावर्ती शहरों गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुड़गांव और नोएडा तक किया गया.
वहीं, डीएमआरसी के अनुसार, मेट्रो के चौथे फेज के लिए काम जारी है. इस फेज में अभी तक तीन कॉरिडोर पर 45 मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे. मुकुंदपुर से मौजपुर, आरके आश्रम से जनकपुरी पश्चिम और एयरोसिटी से तुगलकाबाद कॉरिडोर पर काम शुरू किया जा चुका है. इसके अलावा रिठाला से नरेला, इंदरलोक से इंद्रप्रस्थ और लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक पर भी तीन लाइन बननी है, जिसके लिए अभी मंजूरी नहीं मिली है.
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दिल्ली मेट्रो दुनिया का पहला ऐसा रेलवे नेटवर्क है जिसे संयुक्त राष्ट्र ने ग्रीन हाउस गैसों में कमी लाने के लिए 'कॉर्बन क्रेडिट' दिया है. संयुक्त राष्ट्र ने विज्ञप्ति में कहा है कि इस परिवहन प्रणाली ने शहर का प्रदूषण स्तर एक साल में 6,30,000 टन कम किया है. इसके अनुसार, अब दिल्ली को सात सालों के लिए 95 लाख डॉलर कार्बन क्रेडिट के तौर पर मिलेंगे.
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