नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए दिल्ली के संस्थान से पढ़े हुए छात्रों को दाखिले में पचास फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर रोक लगा दी है. जस्टिस हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने यूनिवर्सिटी को आदेश दिया कि एलएलबी और एलएलएम में दाखिले के लिए पहले से चले आ रहे प्रावधान ही लागू होंगे.
हाईकोर्ट ने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी को निर्देश दिया कि वो दाखिले के लिए नया नोटिफिकेशन 2 जुलाई के पहले अपने वेबसाइट पर प्रकाशित करें. कोर्ट ने कहा कि दाखिले के लिए आवेदन करने के इच्छुक छात्रों को नए सिरे से आवेदन करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाए. कोर्ट ने इस मामले से जुड़े अन्य सभी मसलों पर 18 अगस्त को सुनवाई करने का आदेश दिया.
50 फीसदी दिल्ली के छात्रों के लिए आरक्षित किया गया था
याचिका पिया सिंह ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि यूनिवर्सिटी की दाखिले में आरक्षण नीति के तहत उन छात्रों को 50 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है, जो दिल्ली स्थित संस्थानों में पढ़े हैं. यूनिवर्सिटी की यह आरक्षण नीति धारा 15(3) का उल्लंघन है. याचिका में यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से सीटों की संख्या बढ़ाए बिना ओबीसी को 22 फीसदी आरक्षण और ईडब्ल्यूएस कैटेगरी को 10 फीसदी आरक्षण देने को भी चुनौती दी गई है. याचिका में इसे असंवैधानिक बताया गया है.
भविष्य की संभावनाओं पर आशंका
याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता सामान्य कैटेगरी का है और वह दिल्ली का स्थायी निवासी भी है. वह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली से एलएलएम करना चाहती है, लेकिन दिल्ली के छात्रों को 50 फीसदी, बिना सीटों को बढ़ाए 22 फीसदी ओबीसी और 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के आरक्षण से उसकी भविष्य की संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे हैं.