नई दिल्ली : बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने खिलाफ टिप्पणियां हटाने की मांग की है. याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने साफ किया कि उसके आदेश में की गई टिप्पणियों को निचली अदालत में सुनवाई पर कोई असर नहीं होना चाहिए. निचली अदालतें मेरिट पर फैसला करें.
पिछले 31 मई को हाईकोर्ट ने गौतम गंभीर और प्रवीण कुमार को क्लीन चिट देने के लिए ड्रग कंट्रोलर को कड़ी फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि आप जांच नहीं कर सकते हैं तो बताएं, हम आपको हटाकर किसी और को यह जिम्मा दे देते हैं.
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जस्टिस जसमीत सिंह ने कहा था कि गौतम गंभीर ने लोगों की सेवा करने के लिए दवाइयां लीं और उसके लिए काफी पैसे भी खर्च किए. गौतम गंभीर ने चैरिटी की लेकिन इससे काफी लोगों को असुविधा हुई. लोगों की सेवा दूसरे तरीके से करनी चाहिए थी.
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अगर चैरिटी करना चाहते हैं, आप केवल चैरिटी के ख्याल से करें, उसमें कोई दूसरा एंगल न ढूंढें. ड्रग कंट्रोलर इस पर कार्रवाई करे. तब ड्रग कंट्रोलर की ओर से नंदिता राव ने कहा कि कुछ लोगों ने स्टेरॉयड भी बांटे हैं. हम उनके खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे. कोर्ट ने छह हफ्ते में एक्शन टेकन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था.