नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट न्यूजीलैंड के यूट्यूबर कार्ल एडवर्ड राईस ऊर्फ कार्ल रॉक की पत्नी मनीषा मलिक की अपने पति को भारत में आने से रोकने के लिए ब्लैकलिस्ट करने की कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका पर कल यानी 16 जुलाई को सुनवाई करेगा. जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच सुनवाई करेगी.
कार्ल रॉक को अक्टूबर 2020 से भारत नहीं आने दिया जा रहा है. मनीषा मलिक की ओर से वकील फुजैल अहमद अय्युबी ने कहा है कि राईस को वीजा नहीं देने का केंद्र सरकार का फैसला मनमाना और गैरकानूनी है. याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता के पति को उसके साथ रहने देने से रोककर संविधान की धारा 21 के तहत गरिमापूर्ण जीवन जीने के अधिकार का उल्लंघन है. याचिका में कहा गया है कि राईस 2013 से भारत आते रहे हैं और उन्होंने हर बार वीजा नियमों का पालन किया है.
मनीषा मलिक की शादी के बाद राईस को एक्स-2 वीजा दिया गया जो भारतीय नागरिकों के पति-पत्नी या बच्चों को दिया जाता है. राईस को मिला एक्स-2 वीजा 5 मई 2024 को समाप्त होगा. एक्स-2 वीजा के तहत ये नियम है कि इसे हासिल करने वाला व्यक्ति हर 180 दिनों के बाद भारत छोड़ेगा या संबंधित फॉरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस को सूचित करेगा.
याचिका में कहा गया है कि राईस 10 अक्टूबर 2020 को भारत से बाहर गए थे, लेकिन उसके बाद उन्हें भारत आने के लिए वीजा नहीं दिया जा रहा है. यहां तक कि उन्हें वीजा नहीं देने की कोई वजह भी नहीं बताई जा रही है.
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बता दें कि वीजा नियमों का उल्लंघन करने के जुर्म में भारत सरकार ने न्यूजीलैंड के यूट्यूबर कार्ल रॉक को ब्लैकलिस्ट कर दिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि यूट्यूबर कार्ल रॉक को पिछले अक्टूबर से भारत में प्रवेश करने से रोक दिया गया है. गृह मंत्रालय के अनुसार एक भारतीय से शादी करने वाले न्यूजीलैंड के नागरिक कार्ल रॉक को केंद्र द्वारा काली सूची में डाल दिया गया है और उसने इस मामले को यहां और अपने देश (न्यूजीलैंड) में कई अधिकारियों के सामने उठाया है. वहीं पत्नी मनीषा मलिक ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपने पति को भारत में आने से रोकने के लिए ब्लैकलिस्ट करने की कार्रवाई को चुनौती दी है.