नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने पकड़े गए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स (seized oxygen concentrators) को छोड़ने के लिए मैट्रिक्स सेलुलर (Matrix Cellular) सर्विसेज की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी है. जस्टिस योगेश खन्ना की बेंच ने कहा कि एक्ट के तहत ऑक्सीजन कंसंट्रेटर ड्रग्स है, इसलिए पुलिस ने जब्त कर कोई गैरकानूनी काम नहीं किया है.
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ड्रग्स की श्रेणी में ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर
कोर्ट ने कहा कि पिछले 11 फरवरी को सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी किया था. इसके तहत कोई भी उपकरण, जो बीमारी के इलाज के लिए जरूरी हो, ड्रग्स की श्रेणी में आएगा. कोर्ट ने कहा कि एफआईआर और याचिकाकर्ता की ओर से पेश रसीद और बिल को पढ़ने से साफ है कि ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स को काफी लाभ के लिए गैरकानूनी तरीके से लोगों को बेचे गए. कोर्ट ने इस तथ्य पर गौर किया कि याचिकाकर्ता ने बिना इस बात की जांच किए ही ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स ऊंचे दाम पर बेच दिए कि वे ठीक से काम कर रहे हैं कि नहीं. याचिकाकर्ता ने ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स लोगों को, तब ऊंचे दाम पर बेचे, जब पूरे देश में कोरोना का संक्रमण काफी ज्यादा था और ऑक्सीजन सिलेंडर और कंसेंट्रेटर की काफी किल्लत थी.
पुलिस पर गैर जिम्मेदाराना काम करने का आरोप
सुनवाई के दौरान मैट्रिक्स सेलुलर (Matrix Cellular) की ओर से वकील मोहित माथुर, त्रिदिप पेस औऱ समुद्र सारंगी ने कहा था कि जब दिल्ली पुलिस ने ऑक्सीजन कंसेट्रेटर्स, तब जब्त किया, जब दिल्ली में लोगों को ऑक्सीजन कंसेट्रेटर्स की सख्त जरुरत थी. उन्होंने कहा था कि पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर में, किसी अपराध का खुलासा नहीं किया गया है. पुलिस ने ऐसा कर गैर जिम्मेदाराना व्यवहार का परिचय दिया है.
खान मार्केट के एक रेस्टोरेंट से ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर बरामद
पिछले सात मई को हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. मैट्रिक्स सेलुलर सर्विसेज के सीईओ गौरव खन्ना को इस मामले में पिछले 7 मई को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली पुलिस ने खान मार्केट के एक रेस्टोरेंट से ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर बरामद दिया था. उसके बाद पुलिस ने छतरपुर में छापा मारकर एक आरोपी को गिरफ्तार किया था. दिल्ली पुलिस ने 387 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मेट्रिक्स सेलुलर कंपनी के वेयरहाउस से बरामद किया था.
चार आरोपियों को मिल चुकी है जमानत
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में गौरव, सतीश सेठी, विक्रांत और हितेश को गिरफ्तार किया था. इन सभी को जमानत मिल चुकी है. पिछले 12 मई को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने, इन सभी को जमानत दी थी. इस मामले में नवनीत कालरा अभी भी जेल में बंद है.