नई दिल्ली: हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत एक हेल्थ वर्कर की सेवाओं को बहाल करने का आदेश दिया है. जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई के बाद केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है.
अगली सुनवाई तक सेवा समाप्ति पर रोक
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि सुनवाई की अगली तिथि 13 अगस्त तक याचिकाकर्ता भरत आर्य की सेवा समाप्त नहीं की जाएगी. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता हेल्थ मिशन में लैब असिस्टेंट के पद पर कार्यरत है और कोरोना के संकट के दौरान उसकी काफी जरुरत है. इसलिए उसकी सेवा समाप्ति पर अगली सुनवाई तक रोक लगाने का आदेश दिया जाता है.
2010 से लैब असिस्टेंट के पद पर कार्यरत हैं भरत
भरत आर्य दिल्ली सरकार की हेल्थ मिशन के तहत चलने वाली नेशनल आयोडीन डिफिसिएंसी डिसॉर्डर कंट्रोल प्रोग्राम में लैब असिस्टेंट के पद पर कार्यरत है.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील राहुल शुक्ला ने कहा कि भरत आर्य लैब असिस्टेंट के पद पर 27 मार्च 2010 से काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि भले ही याचिकाकर्ता संविदाकर्मी है लेकिन उनकी सेवा जारी रखने की अनुशंसा की गई है.
याचिका में कहा गया है कि कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन के बाद उसकी सेवा विस्तार रोक दी गई. उससे कहा गया कि 31 मार्च के बाद उसे दफ्तर आने की जरुरत नहीं है.
केंद्र ने सेवा विस्तार का आदेश दिया था
याचिका में कहा गया है कि 18 मार्च को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी दिशानिर्देश में विभिन्न हेल्थ मिशन में काम करने वाले सभी कर्मचारियों के सेवा विस्तार का आदेश दिया गया है.
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से वकील अजय दिगपाल ने 18 मार्च के इस दिशानिर्देश पर जोर देते हुए कहा कि कोरोना संकट के दौरान याचिकाकर्ता की सेवा समाप्त नहीं की जानी चाहिए.