नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने नए आईटी नियमों पर अमल को लेकर ट्विटर के जवाब पर नाराजगी जाहिर की है. जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने ट्विटर को निर्देश दिया कि एक हफ्ते में बेहतर हलफनामा दायर करें, जिसमें मुख्य शिकायत निवारण अधिकारी और स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी का स्पष्ट उल्लेख हो. मामले की अगली सुनवाई 6 अगस्त को होगी.
कोर्ट ने ट्विटर को निर्देश दिया कि वे हलफनामे में ये भी बताएं कि नोडल अफसर की नियुक्ति कब तक होगी. सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि ट्विटर ने सात मिलियन डॉलर से ज़्यादा का कारोबार किया है, तब भी उन्हें अधिकारियों की नियुक्ति में दिक्कत हो रही है. पिछले 8 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट ने साफ किया था कि केंद्र सरकार चाहे तो नए आईटी रूल्स पर अमल न होने के चलते ट्विटर पर कोई भी एक्शन ले सकती है. कोर्ट ने कहा था कि कोर्ट उसे किसी तरह का संरक्षण नहीं दे रहा. पिछले 6 जुलाई को हाईकोर्ट ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि ट्विटर ने जिस शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति की है वो अंतरिम है. कोर्ट ने कहा था कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि आपने पिछली सुनवाई में कोर्ट को भ्रमित करने की कोशिश की.
पिछले 5 जुलाई को केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि ट्विटर आईटी रूल्स का पालन करने में नाकाम रहा है. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय ने हाईकोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा है कि सभी महत्वपूर्ण सोशल मीडिया को नए आईटी रूल्स को लागू करने के लिए तीन महीने का पर्याप्त समय दिया गया था, लेकिन ट्विटर ने नए आईटी रूल्स को पूरी तरीके से पालन नहीं किया. केंद्र सरकार ने कहा है कि ट्विटर के वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक, भारत से मिलने वाली शिकायतों का निवारण अमेरिका स्थिति उनके अधिकारी कर रहे हैं. ये नए आईटी रूल्स का उल्लंघन है.
याचिका वकील अमित आचार्य ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि महत्वपूर्ण सोशल मीडिया कंपनी होने के नाते ट्विटर को बिना देरी किए कानून का पालन करना चाहिए. याचिकाकर्ता की ओर से वकील आकाश वाजपेयी और मनीष कुमार ने याचिका में कहा है कि केंद्र सरकार ट्विटर को निर्देश दे कि वो बिना देरी किए आईटी रूल्स के तहत शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति करे. आईटी रूल्स के रूल 4(सी) के तहत किसी सोशल मीडिया प्लेटफार्म को एक स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी.
याचिका में कहा गया है कि आईटी रूल्स के मुताबिक, हर सोशल मीडिया प्लेटफार्म को एक मेकानिज्म विकसित करनी होगी, जिसके तहत कोई शिकायत मिलने पर वो एक टिकट नंबर देगा. उस टिकट नंबर के जरिये शिकायतकर्ता अपनी शिकायतों पर होने वाली कार्रवाई को ट्रैक कर सकेगा. ये सोशल मीडिया की जिम्मेदारी होगी कि वह शिकायतकर्ता को बताए कि उसकी शिकायतों पर क्या कार्रवाई हुई.
याचिका में कहा गया है कि आईटी रूल्स पिछले 25 फरवरी को लाया गया था. आईटी रूल्स में सोशल मीडिया प्लेटफार्म को निर्देश दिया गया था कि वे तीन महीने के अंदर निर्देशों का पालन करें, लेकिन ट्विटर ने आईटी रूल्स का पालन नहीं किया. ट्विटर ने स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति भी नहीं की. 26 मई को याचिकाकर्ता ने ट्विटर पर देखा कि दो लोगों ने ऐसे ट्वीट किए थे, जो अपमानजनक और झूठे थे. इनकी शिकायत करने के लिए उसने शिकायत निवारण अधिकारी के बारे में पता लगाया, लेकिन ट्विटर ने स्थानीय स्तर पर कोई शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति नहीं की है, जो आईटी रूल्स का उल्लंघन है. उसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
इसे भी पढ़ें: इसरो जासूसी मामला : पूर्व आईबी अधिकारी वीके मैनी को जमानत