नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया डील केस में पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है. सुनवाई के दौरान पी चिदंबरम ने कहा कि वे इंद्राणी मुखर्जी से कभी नहीं मिले थे. चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि चिदंरबम कभी भी आईएनएक्स के डेलीगेशन से नहीं मिले.
चिदंबरम इंद्राणी से कभी नहीं मिले!
सिब्बल ने कहा कि सीबीआई ने ये सवाल चिदंबरम से पूछा कि वे इंद्राणी से मिले कि नहीं. तब कोर्ट ने पूछा कि आप दलील दे रहे हैं कि आपने इंद्राणी का कभी चेहरा नहीं देखा. तब सिब्बल ने कहा कि हां, सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अभी जांच जारी है और इस मामले में चार्जशीट दाखिल की जानी है.
मेहता ने कहा कि अग्रिम जमानत की मांग याचिका दायर करते समय दो धाराओं के तहत की गई थी. एक मनी लाउंड्रिगं एक्ट के तहत दूसरा भारतीय दंड संहिता के तहत. सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. हम ये कहना चाहते हैं कि सीबीआई का केस मजबूत था, इसीलिए सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज की थी.
साथ में उन्होंने कहा कि पूरा रिकॉर्ड देख लिया जाए, भ्रष्टाचार के केस गंभीर प्रकृति के होते हैं. अगर आरोपी को जमानत दी गई तो वो गवाहों को प्रभावित कर सकता है.
होटल आबेराय ने ये कहा
तुषार मेहता ने कहा कि विजिटर रजिस्टर नष्ट कर दिए गए और होटल ओबेराय के बयानों के मुताबिक पीटर और इंद्राणी मुखर्जी वहां ठहरी हुई थीं, जहां मुलाकात हुई. सीबीआई ने कहा कि जो प्रेस नोट दिखाया गया था. वो आईएनएक्स मीडिया के लिए नहीं था. ये संयुक्त उपक्रम वाली कंपनी के लिए था, जिसमें कुछ हिस्सा भारतीय कंपनी का है और कुछ हिस्सा विदेशी कंपनी का है.
मेहता ने कहा कि एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग प्राईवेट लिमिटेड आरोपियों की साजिश का हिस्सा था. तुषार मेहता ने कहा कि आरोपी का ये कहना गलत है कि गिरफ्तार करने के पहले धारा 41ए के तहत नोटिस जारी किया गया था. 41ए के तहत मई 2019 में नोटिस जारी किया गया था.
'भ्रष्टाचार की गंभीरता को समझना होगा'
मेहता ने कहा कि भ्रष्टाचार की गंभीरता को समझना होगा. यह एक ऐसा अपराध है जो अर्थव्यस्था से धोखा है. हत्या के मामले में जमानत दी जा सकती है लेकिन धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के मामले में नहीं. मेहता ने कहा कि यह गलत है कि आरोपी एक सम्मानित व्यक्ति हैं और उनके भागने का खतरा नहीं है. पहले काफी सम्मानित और संसद के सदस्य भी देश छोड़कर भागे हैं. उनके भी भागने का खतरा है.
सिब्बल ने कहा कि पैसा कानून के मुताबिक आया है. रिजर्व बैंक और सेबी ने कभी भी नोटिस जारी नहीं किया और 7 मंत्रालयों के सचिवों ने इसे स्वीकृति दी थी. चिदंबरम को पैसा देने का कोई सबूत नहीं है. चिदंबरम के भागने का कोई खतरा नहीं है. साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने की कोई आशंका नहीं है. बता दें कि आज उनकी हिरासत का 40वां दिन है.