नई दिल्ली : गाजियाबाद में वाल्मीकि समाज के लोगों द्वारा बौद्ध धर्म अपनाने का मामला अब पूरी तरह से सियासी रूप ले चुका है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने आवास पर उन लोगों से मिल चुके हैं, जिन्होंने बौद्ध धर्म अपनाया है. वहीं, इसे लेकर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री तक को चिट्ठी लिख दी है.
पीएम को लिखी थी चिट्ठी
संजय सिंह ने इसे वाल्मीकि समाज के लोगों के साथ ज्यादती से जोड़ते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर कार्रवाई की मांग की है, लेकिन उन्हीं की पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने इसे घर वापसी का मुद्दा बताया है. इस पूरे मामले पर ईटीवी भारत से खास बातचीत में राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि बौद्ध धर्म हमारे अपने देश का धर्म है.
'यह तथागत बुद्ध की शिक्षा है'
उन्होंने कहा कि जो लोग आज बौद्ध धर्म अपना रहे हैं, वो अपने ही समाज में वापस लौट रहे हैं. यह संप्रदाय नहीं है, यह तथागत बुद्ध की शिक्षा है, जो मैत्री और न्याय की बात करती है. राजेंद्र पाल गौतम ने बौद्ध धर्म से जुड़े इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार बहुत वृहद था, जिसे खत्म करने का षड्यंत्र हुआ, बौद्ध मठ तोड़े गए. आज जैसे जैसे लोगों को पता चल रहा है कि उनके पूर्वज बौद्ध थे, वे इसमें फिर से आ रहे हैं.
'दलितों के साथ हो रहा जुल्म'
राजेंद्र पाल गौतम ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में लगातार वाल्मीकि समाज और दलितों के साथ हिंसा और ज्यादती हो रही है. हर 13 मिनट में देश में किसी एक दलित के साथ जुल्म होता है. उन्होंने कहा कि इसका समाधान सिर्फ सरकार के वश की बात नहीं है. यह समाज से जुड़ा है और इसीलिए लोग घर वापसी कर रहे हैं.