नई दिल्ली: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की कोविड-19 रोकथाम के बाद अब शिक्षकों की प्रदूषण नियंत्रण के लिए ड्यूटी लगाई जा रही है. इस संबंध में रोहिणी की SDM, मीना त्यागी के द्वारा एक ऑर्डर जारी किया गया है. ऑर्डर में उन्होंने शिक्षकों को प्रदूषण नियंत्रण करने के लिए पांच टीम में बांटा है.
वहीं राजकीय स्कूल शिक्षक संघ के महासचिव अजयवीर यादव ने कहा कि सरकार ने शिक्षकों को बंधुआ मजदूर बना दिया है. साथ ही उन्होंने सभी शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से स्कूल वापस भेजने की मांग की है.
रोहिणी की SDM, मीना त्यागी के द्वारा जारी किए गए ऑर्डर में कहा गया है कि प्रदूषण नियंत्रण करने के लिए बनाई गई पांच टीम निर्माण कार्य से होने वाले प्रदूषण और कूड़ा जलने से होने वाले प्रदूषण के अलावा पटाखे की बिक्री पर स्पेशल ड्राइव और इंस्पेक्शन करेगी. टीम एक से तीन सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक और टीम चार और पांच शाम 8 बजे से सुबह 4 बजे तक कार्य करेगी. यह टीम 9 नवंबर तक कार्य करेंगी.
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वहीं कोविड-19 की ड्यूटी के बाद प्रदूषण नियंत्रण के लिए शिक्षकों की ड्यूटी लगाए जाने को लेकर राजकीय स्कूल शिक्षक संघ के महासचिव अजय वीर यादव ने विरोध जताते हुए कहा कि शिक्षकों को बंधुआ मजदूर समझ लिया गया है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी की आपात स्थिति में शिक्षकों ने चालान ड्यूटी, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, राशन वितरण और वैक्सीनेशन आदि जगहों पर ड्यूटी दी है.
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उन्होंने कहा कि शिक्षकों ने महामारी के समय में देश हित में कार्य किए, लेकिन अब कोविड-19 की स्थिति जब नियंत्रण में है. सभी विभाग सामान्य रूप से कार्य कर रहे हैं, लेकिन अधिकारियों ने शिक्षकों को बंधुआ मजदूर समझ लिया है. इस दौरान उन्होंने सरकार से मांग की है कि जिन भी शिक्षकों की कोविड-19 व अन्य किसी भी प्रकार की ड्यूटी लगाई जा रही है तत्काल प्रभाव से निरस्त कर उन्हें उनके स्कूल में वापस भेजा जाए जिससे की वह सुचारू रूप से बच्चों को पढ़ा सकें.