नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग ने एक कैंसर रोगी महिला द्वारा छह महीने से लापता कोविड पॉजिटिव पति की शिकायत पर जांच शुरू कर दी है. महिला द्वारा दी गई शिकायत में उसने दिल्ली पुलिस एवं अस्पताल अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. शिकायतकर्ता महिला का पति बीते 13 अप्रैल 2021 से लापता बताया जा रहा है.
शिकायतकर्ता महिला का कहना है कि पति की गुमशुदगी के लगभग 15 दिन बाद मामले की सूचना पुलिस को दी गई थी. महिला ने शिकायत में बताया था कि बीते 13 अप्रैल 2021 को एक पीसीआर वैन द्वारा
उनके पति को पंजाबी बाग में बेहोशी की हालत में पाया गया था. इसपर पीसीआर वैन उन्हें आचार्य श्री भिक्षु अस्पताल ले गई, जहां उनकी कोरोना रिपोर्ट पॅाजिटिव पाई गई. इसके बाद उन्हें कैट्स एम्बुलेंस के माध्यम से एलएनजेपी अस्पताल रेफर कर दिया गया, लेकिन महिला अपने पति से मिलने अस्पताल पहुंची, तो उसके पति की वहां कोई जानकारी नहीं थी.
मामले में आयोग की प्रारंभिक जांच के दौरान पति को वास्तव में आचार्य श्री भिक्षु अस्पताल द्वारा उच्च केंद्र में रेफर करना पाया गया. साथ ही कैट्स एम्बुलेंस ने आयोग को यह भी सूचित किया कि मरीज को एलएनजेपी भी ले जाया गया था, लेकिन एलएनजेपी अस्पताल में लापता युवक को भर्ती मिली या नहीं इसकी पुष्टी नहीं हो पाई है. वहीं दूसरी ओर एलएनजेपी द्वारा लापता व्यक्ति का कोई रिकॉर्ड ना होने की बात कही गई.
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वहीं आयोग ने मामले की तह तक जाने के लिए विशेष जांच शुरू की है और सभी संबंधित विभागों को नोटिस जारी किए है. आयोग ने नोटिस द्वारा मामले से संबंधित सभी विभागों को उस व्यक्ति का जल्द से जल्द पता लगाने में जुट जाने को कहा है. डीसीडब्ल्यू ने इस मामले में दोनो अस्पतालों, कैट एम्बुलेंस एवं पुलिस से एक विस्तृत जवाब मांगा है. आयोग ने पूरे मामले की शुरुआत जानने के लिये आचार्य भिक्षु अस्पताल से व्यक्ति को स्थानांतरित करने की आवश्यकता का कारण बताने के लिए कहा है एवं ऐसा करने से पहले एलएनजेपी अस्पताल के साथ कोई संपर्क यदि स्थापित किया गया था तो उसकी भी जानकारी मांगी है. आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कैट्स से भी पूरे मामले पर जवाब मांगा है और एलएनजेपी अस्पताल में मरीज को हैंडओवर करने की सारी जानकारी मांगी है.
आयोग ने कैट्स से यह भी पूछा है कि अगर उन्होंने मरीज को अस्पताल के बाहर छोड़ दिया, तो ऐसा किसके आदेश पर किया गया ? दिल्ली पुलिस से आयोग ने उस व्यक्ति के वर्तमान ठिकाने को ढूंढने तथा मामले में पुलिस की भूमिका का विवरण भी मांगा है. मामले का गहन संज्ञान लेते हुए डीसीडब्ल्यू ने एलएनजेपी से उस व्यक्ति को भर्ती करने से कथित रूप से इनकार करने तथा पूरी जांच करने और योग को जल्द से जल्द सूचित करने और जवाब देने को कहा है.
डीसीडब्ल्यू की चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल ने कहा, 'मैं महिला से मिली और मुझे दुख हुआ की कैंसर की मरीज होने के बावजूद उसे अपने पति को खोजने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. हमने मामले की विशेष जांच शुरू कर दी है। मैं स्वीकार करता हूं कि यह घटना कोविड लहर के दौरान हुई थी जब सब बड़ी आपदा से जूझ रहे थे, पर मैं ये भी मानती हूं की इस मामले में जवाबदेही तय करने की जरूरत है और महिला को यह जानने का अधिकार है कि उसका पति कहां है और उसके साथ आख़िर क्या हुआ?
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