नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल के लिए बने कानून मेंटेनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पैरेंट्स एंड सीनियर सिटिजंस एक्ट के ठीक से लागू नहीं होने पर स्वत: संज्ञान लिया है. कार्यकारी चीफ जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार, सभी जिलों के जिला विधिक सेवाएं प्राधिकार, सभी जिलों के डीएम और एसडीएम को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने 12 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
कोर्ट ने दिल्ली के सभी डीएम और एसडीएम को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर ये बताने को कहा है कि वो शिकायतों पर की गई कार्रवाई संबंधी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें. कोर्ट ने डीएम और एसडीएम से पूछा है कि 1 जनवरी 2022 से बुजुर्ग नागरिकों की मिली कितनी शिकायतों पर कितने समय में क्या कार्रवाई की गई है. स्टेटस रिपोर्ट में ये भी बताने को कहा गया है कि कितनी शिकायतों का मौके पर जाकर वेरिफिकेशन किया गया है.
दरअसल वकील नेहा राय ने 23 मई को हाईकोर्ट को पत्र लिखा था. पत्र में सीनियर सिटिजंस एक्ट के दिल्ली में ठीक से लागू नहीं होने का मसला उठाया गया है. पत्र में कहा गया है कि दिल्ली सरकार के डीएम और एसडीएम सीनियर सिटिजंस एक्ट को तेजी से लागू नहीं कर रहे हैं. ये अधिकारी बुजुर्ग नागरिकों की अपीलों पर सुनवाई भी नहीं कर रहे हैं, जिससे बुजुर्ग नागरिकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
बुजुर्ग नागरिकों के कल्याण के लिए बने कानून ठीक से लागू नहीं होने पर हाईकोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान - बुजुर्ग नागरिकों के कल्याण के लिए बने कानून
कोर्ट ने दिल्ली के सभी डीएम और एसडीएम को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर ये बताने को कहा है कि वो शिकायतों पर की गई कार्रवाई संबंधी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें. कोर्ट ने डीएम और एसडीएम से पूछा है कि 1 जनवरी 2022 से बुजुर्ग नागरिकों की मिली कितनी शिकायतों पर कितने समय में क्या कार्रवाई की गई है. स्टेटस रिपोर्ट में ये भी बताने को कहा गया है कि कितनी शिकायतों का मौके पर जाकर वेरिफिकेशन किया गया है.
नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल के लिए बने कानून मेंटेनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पैरेंट्स एंड सीनियर सिटिजंस एक्ट के ठीक से लागू नहीं होने पर स्वत: संज्ञान लिया है. कार्यकारी चीफ जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार, सभी जिलों के जिला विधिक सेवाएं प्राधिकार, सभी जिलों के डीएम और एसडीएम को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने 12 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
कोर्ट ने दिल्ली के सभी डीएम और एसडीएम को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर ये बताने को कहा है कि वो शिकायतों पर की गई कार्रवाई संबंधी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें. कोर्ट ने डीएम और एसडीएम से पूछा है कि 1 जनवरी 2022 से बुजुर्ग नागरिकों की मिली कितनी शिकायतों पर कितने समय में क्या कार्रवाई की गई है. स्टेटस रिपोर्ट में ये भी बताने को कहा गया है कि कितनी शिकायतों का मौके पर जाकर वेरिफिकेशन किया गया है.
दरअसल वकील नेहा राय ने 23 मई को हाईकोर्ट को पत्र लिखा था. पत्र में सीनियर सिटिजंस एक्ट के दिल्ली में ठीक से लागू नहीं होने का मसला उठाया गया है. पत्र में कहा गया है कि दिल्ली सरकार के डीएम और एसडीएम सीनियर सिटिजंस एक्ट को तेजी से लागू नहीं कर रहे हैं. ये अधिकारी बुजुर्ग नागरिकों की अपीलों पर सुनवाई भी नहीं कर रहे हैं, जिससे बुजुर्ग नागरिकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.