नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारी जीत के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार के लिए नौकरशाहों का ट्रांसफर और पोस्टिंग अगली एक बड़ी चुनौती है. फिलहाल दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच नौकरशाहों को ट्रांसफर करने के निर्णय पर पावर की लड़ाई चल रही है.
मुख्यमंत्री कर रहे मंत्रणा
सोमवार को जब मुख्यमंत्री ने सचिवालय में कामकाज संभाला तब इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई और अदालत में कैसे पक्ष रखना है इस पर भी बातें हुईं.
पावर को लेकर अदालत में मामला विचाराधीन
फरवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट के दो सदस्यीय पीठ ने इस विवादास्पद मुद्दों पर दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच पावर के विभाजन पर फैसला दिया था. जिसमें दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र और उपराज्यपाल के माध्यम से केंद्र की पावर को उजागर किया गया था. दिल्ली सरकार को तीन पावर दिए गए थे जिसमें कानून अधिकारियों की नियुक्ति, बिजली आयोग व बोर्ड के साथ नियुक्ति, भूमि राजस्व दर को ठीक करने का अधिकार शामिल है. इससे पहले यह पावर उपराज्यपाल के पास थी. वहीं केंद्र को दिल्ली भ्रष्टाचार निरोधक और जांच आयोग के गठन का अधिकार दिया गया था. इस मुद्दे पर हालांकि निर्णय नहीं हो सका है बाद में इसे एक बड़ी पीठ के पास भेजा गया था.