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बदहाल सड़कों को संवारने को लेकर CM ने बुलाई बैठक, ETV भारत ने चलाई थी खबर

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने लोक निर्माण विभाग को सभी सड़कों को ऐसे लिए डिजाइन करने को कहा निर्देश दिए हैं, जिससे बॉटलनेक खत्म होंगे. अभी कोई सड़क चार लेन से तीन लेन की हो जाती है या छह लेन से चार लेन की हो जाती है तो अचानक सड़क पर एक जगह दबाव बनता है.

CM Kejriwal convenes meeting to discuss bad roads of Delhi
दिल्ली की बदहाल सड़कों को सवांरने को लेकर CM ने बुलाई बैठक
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Published : Jul 28, 2020, 10:56 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की खस्ताहाल सड़कों को दशा सुधारने की दिशा में अब दिल्ली सरकार ने पहल शुरू की है. पिछले दिनों ईटीवी भारत ने दिल्ली की खस्ताहाल सड़कों सड़कों के संबंध में विस्तृत खबर प्रकाशित की थी. इसमें जिक्र किया था कि इस वर्ष सड़कों के रखरखाव के लिए लोक निर्माण विभाग ने अभी तक एक भी मीटिंग नहीं की है. ऐसे में मानसून बाद राजधानी हो बदहाल सड़कों का क्या होगा.

बदहाल सड़कों के बहुरेंगे दिन

अब मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की सड़कों को लेकर एक समीक्षा बैठक की. इसमें दिल्ली की 100 फीट चौड़ी, 500 किलोमीटर लंबी सड़कों को यूरोपीय शहरों की तरह खूबसूरत बनाने के संबंध पर चर्चा हुई. पहले पायलट प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली के 7 सड़कों के री-डिजाइन करने की योजना को मंजूरी दी गई थी.

विभाग से तीन सप्ताह में रिपोर्ट मांगा

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोक निर्माण विभाग से 3 सप्ताह में 500 किलोमीटर सड़क को बेहतर बनाने का विस्तृत प्लान मांगा है. इन सड़कों का विकास बीओटी यानी बिल्ट, ऑपरेट और ट्रांसफर की तर्ज पर होगा. निर्माण करने वाली कंपनी 15 साल तक मेंटेनेंस की जिम्मेदारी संभालेगी. पायलट प्रोजेक्ट के तहत 7 सड़कों का काम दिसंबर 2020 तक पूरा होना था. उसकी समय सीमा को कोरोना के चलते अगस्त 2021 तक बढ़ा दी गई है.

सभी बॉटलनेक खत्म करने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को सभी सड़कों को ऐसे लिए डिजाइन करने को कहा निर्देश दिए हैं, जिससे बॉटलनेक खत्म होंगे. अभी कोई सड़क चार लेन से तीन लेन की हो जाती है या छह लेन से चार लेन की हो जाती है तो अचानक सड़क पर एक जगह दबाव बनता है. इससे जाम लग जाता है. नए डिजाइन में इसे खत्म किया जाएगा. इससे लग रहा जाम खत्म हो जाएगा.

सड़क किनारे या आसपास की सड़कों का स्पेस खत्म किया जाएगा और इसका बेहतर इस्तेमाल होगा. फुटपाथ, नॉन मोटर व्हीकल के लिए स्पेस बनाया जाएगा. कम से कम 5 फुट के फुटपाथ को अधिकतम 10 फुट का किया जाएगा. दिव्यांगों के हिसाब से फुटपाथ को डिजाइन किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: मानसून के दौरान दिल्ली की उखड़ी सड़कों की मरम्मत पर संशय

बता दें कि गत 23 जुलाई को ईटीवी भारत ने दिल्ली की उखड़ी सड़कों की स्थिति को लेकर रिपोर्ट की थी. इसमें बताया गया था कि मानसून से पूर्व नालों की सफाई की जाती थी ताकि बारिश के दौरान जलभराव आदि की समस्या से राहगीरों को ना जूझना पड़े, मगर कोरोना काल में ऐसा नहीं हो सका. दिल्ली की बरसात में सड़कें जलमग्न हो गईं और कई जगह गड्ढे भी पड़ गए. अब मानसून के बाद इसे कैसे दुरुस्त किया जाएगा इसे लेकर भी लोक निर्माण विभाग की फिलहाल कोई योजना नहीं है. इसिलए आज मुख्यमंत्री ने स्वयं समीक्षा बैठक बुलाई.

नई दिल्ली: दिल्ली की खस्ताहाल सड़कों को दशा सुधारने की दिशा में अब दिल्ली सरकार ने पहल शुरू की है. पिछले दिनों ईटीवी भारत ने दिल्ली की खस्ताहाल सड़कों सड़कों के संबंध में विस्तृत खबर प्रकाशित की थी. इसमें जिक्र किया था कि इस वर्ष सड़कों के रखरखाव के लिए लोक निर्माण विभाग ने अभी तक एक भी मीटिंग नहीं की है. ऐसे में मानसून बाद राजधानी हो बदहाल सड़कों का क्या होगा.

बदहाल सड़कों के बहुरेंगे दिन

अब मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की सड़कों को लेकर एक समीक्षा बैठक की. इसमें दिल्ली की 100 फीट चौड़ी, 500 किलोमीटर लंबी सड़कों को यूरोपीय शहरों की तरह खूबसूरत बनाने के संबंध पर चर्चा हुई. पहले पायलट प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली के 7 सड़कों के री-डिजाइन करने की योजना को मंजूरी दी गई थी.

विभाग से तीन सप्ताह में रिपोर्ट मांगा

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोक निर्माण विभाग से 3 सप्ताह में 500 किलोमीटर सड़क को बेहतर बनाने का विस्तृत प्लान मांगा है. इन सड़कों का विकास बीओटी यानी बिल्ट, ऑपरेट और ट्रांसफर की तर्ज पर होगा. निर्माण करने वाली कंपनी 15 साल तक मेंटेनेंस की जिम्मेदारी संभालेगी. पायलट प्रोजेक्ट के तहत 7 सड़कों का काम दिसंबर 2020 तक पूरा होना था. उसकी समय सीमा को कोरोना के चलते अगस्त 2021 तक बढ़ा दी गई है.

सभी बॉटलनेक खत्म करने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को सभी सड़कों को ऐसे लिए डिजाइन करने को कहा निर्देश दिए हैं, जिससे बॉटलनेक खत्म होंगे. अभी कोई सड़क चार लेन से तीन लेन की हो जाती है या छह लेन से चार लेन की हो जाती है तो अचानक सड़क पर एक जगह दबाव बनता है. इससे जाम लग जाता है. नए डिजाइन में इसे खत्म किया जाएगा. इससे लग रहा जाम खत्म हो जाएगा.

सड़क किनारे या आसपास की सड़कों का स्पेस खत्म किया जाएगा और इसका बेहतर इस्तेमाल होगा. फुटपाथ, नॉन मोटर व्हीकल के लिए स्पेस बनाया जाएगा. कम से कम 5 फुट के फुटपाथ को अधिकतम 10 फुट का किया जाएगा. दिव्यांगों के हिसाब से फुटपाथ को डिजाइन किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: मानसून के दौरान दिल्ली की उखड़ी सड़कों की मरम्मत पर संशय

बता दें कि गत 23 जुलाई को ईटीवी भारत ने दिल्ली की उखड़ी सड़कों की स्थिति को लेकर रिपोर्ट की थी. इसमें बताया गया था कि मानसून से पूर्व नालों की सफाई की जाती थी ताकि बारिश के दौरान जलभराव आदि की समस्या से राहगीरों को ना जूझना पड़े, मगर कोरोना काल में ऐसा नहीं हो सका. दिल्ली की बरसात में सड़कें जलमग्न हो गईं और कई जगह गड्ढे भी पड़ गए. अब मानसून के बाद इसे कैसे दुरुस्त किया जाएगा इसे लेकर भी लोक निर्माण विभाग की फिलहाल कोई योजना नहीं है. इसिलए आज मुख्यमंत्री ने स्वयं समीक्षा बैठक बुलाई.

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