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CAIT की मांग: दिल्ली में लगे प्रतिबंधों पर विचार करे सरकार

कन्फ़ेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of All India Traders) ने कोविड और ओमीक्रोन के बढ़ते खतरे को देखते हुए कोविड प्रोटोकॉल के तहत दिल्ली में जो प्रतिबंध लगाए हैं, उससे व्यापारियों को होने वाले नुकसान को देखते हुए अव्यवहारिक और तर्कहीन बताया है. साथ ही उपराज्यपाल से इस पर पुनः विचार करने की अपील की है.

कन्फ़ेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स
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Published : Dec 29, 2021, 9:12 PM IST

नई दिल्ली: कन्फ़ेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कोविड औरओमीक्रोन के बढ़ते खतरे को देखते हुए, कोविड प्रोटोकॉल के तहत दिल्ली में जो प्रतिबंध लगाए है उसको अव्यवहारिक और तर्कहीन बताया और इसी कड़ी में कैट ने दिल्ली के उपराजयपाल अनिल बैजल (Lieutenant Governor Anil Baijal) को एक पत्र भी लिखा है.पत्र में कहा है कि लगाए गए प्रतिबंधों से इस महामारी को फैलने से रोकना नामुमकिन है और इससे हालात और भी खराब हो जाएंगे, इसलिए जरूरी है कि सरकार गंभीरता से इन प्रतिबंधों पर पुनर्विचार करे.

कैट के राष्टीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल (CAT National General Secretary Praveen Khandelwal) ने कोविड पर सरकार की चिंताओं की सराहना करते हुए उपराज्यपाल अनिल बैजल को भेजे पत्र में दिल्ली के व्यापारी संगठनों का पूर्ण सहयोग का भरोसा दिया. उन्होंने कहा कि कोविड की रोकथाम के लिए अब तक घोषित प्रतिबंधों को दिल्ली के व्यापारियों और अन्य हितधारकों के साथ चर्चा किए बिना जल्दबाजी में लिया गया है. यह प्रतिबन्ध कोविड रोकने में सफल साबित होंगे, इसमें संदेह है.


खंडेलवाल ने कहा की विशेषज्ञों का स्पष्ट मत है कि कोविड से बचने का एकमात्र उपाय कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन ही है, इसलिए बजाय प्रतिबंधों के कोविड सुरक्षा प्रोटोकाल के पालन पर ध्यान दिया जाता तो बेहतर होता. उन्होंने कहा की इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती कि कोविड रोकथाम से बचना पहली प्राथमिकता है, लेकिन व्यापार एवं आर्थिक गतिविधियां भी चलती रहें, इस पर भी ध्यान देना जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा की पिछले दो वर्षों में दिल्ली के व्यापारियों को बहुत बड़ा नुक्सान हुआ है. वर्तमान में व्यापारी वित्तीय संकट से घिरे हुए हैं और ऐसे समय में यदि प्रतिबंधों का असर व्यापार पर पड़ा तो, दिल्ली का व्यापार तबाह हो जाएगा.

इसे भी पढ़ें:दिल्ली में कोरोना का कहर, एक दिन में 900 से ज्यादा मामले आए सामने

कैट के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा एवं राष्ट्रीय मंत्री सुमित अग्रवाल ने कहा की सम-विषम योजना व्यावहारिक नहीं है. वास्तव में यह बड़े पैमाने पर जनता के लिए केवल असुविधा का कारण बनता है. यदि उपभोक्ता दो अलग-अलग उत्पादों को खरीदना चाहते हैं जो ऑड और इवन नंबर की दुकानों पर मिलते हैं तो उपभोक्ताओं को दोनों दिन बाजार का दौरा करना होगा.

लोगों की आवाजाही पर अंकुश लगाने के बजाय, यह लोगों को अधिक बार बाहर निकलने का कारण बनेगा. दिल्ली के विभिन्न बाजारों में भी अनेक दुकानों के नंबर संयुक्त रूप से ऑड -ईवन है, ऐसे में इस योजना के अंतरगत दुकान किस दिन खुलेगी. ऑड-ईवन योजना के बजाय यह बेहतर है कि दिल्ली के बाजारों को अलग-अलग क्षेत्रों में विभाजित किया जाए और प्रत्येक बाजार अलग-अलग समय पर प्रतिदिन खुलें. इस तरीके से बाज़ारों में लोगों की संख्यां पर काबू पाया जा सकेगा.

कैट ने आग्रह किया है की बैंक्वेट्स और फार्म हाउस को भी 50% क्षमता पर संचालित करने की अनुमति दी जाए. यह उल्लेख करने की आवश्यकता नहीं है कि यह क्षेत्र निचले तबके के लोगों को भारी रोजगार दे रहा है. प्रतिबंधों की स्थिति में, नौकरी का बड़ा नुकसान हो सकता है.


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नई दिल्ली: कन्फ़ेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कोविड औरओमीक्रोन के बढ़ते खतरे को देखते हुए, कोविड प्रोटोकॉल के तहत दिल्ली में जो प्रतिबंध लगाए है उसको अव्यवहारिक और तर्कहीन बताया और इसी कड़ी में कैट ने दिल्ली के उपराजयपाल अनिल बैजल (Lieutenant Governor Anil Baijal) को एक पत्र भी लिखा है.पत्र में कहा है कि लगाए गए प्रतिबंधों से इस महामारी को फैलने से रोकना नामुमकिन है और इससे हालात और भी खराब हो जाएंगे, इसलिए जरूरी है कि सरकार गंभीरता से इन प्रतिबंधों पर पुनर्विचार करे.

कैट के राष्टीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल (CAT National General Secretary Praveen Khandelwal) ने कोविड पर सरकार की चिंताओं की सराहना करते हुए उपराज्यपाल अनिल बैजल को भेजे पत्र में दिल्ली के व्यापारी संगठनों का पूर्ण सहयोग का भरोसा दिया. उन्होंने कहा कि कोविड की रोकथाम के लिए अब तक घोषित प्रतिबंधों को दिल्ली के व्यापारियों और अन्य हितधारकों के साथ चर्चा किए बिना जल्दबाजी में लिया गया है. यह प्रतिबन्ध कोविड रोकने में सफल साबित होंगे, इसमें संदेह है.


खंडेलवाल ने कहा की विशेषज्ञों का स्पष्ट मत है कि कोविड से बचने का एकमात्र उपाय कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन ही है, इसलिए बजाय प्रतिबंधों के कोविड सुरक्षा प्रोटोकाल के पालन पर ध्यान दिया जाता तो बेहतर होता. उन्होंने कहा की इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती कि कोविड रोकथाम से बचना पहली प्राथमिकता है, लेकिन व्यापार एवं आर्थिक गतिविधियां भी चलती रहें, इस पर भी ध्यान देना जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा की पिछले दो वर्षों में दिल्ली के व्यापारियों को बहुत बड़ा नुक्सान हुआ है. वर्तमान में व्यापारी वित्तीय संकट से घिरे हुए हैं और ऐसे समय में यदि प्रतिबंधों का असर व्यापार पर पड़ा तो, दिल्ली का व्यापार तबाह हो जाएगा.

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कैट के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा एवं राष्ट्रीय मंत्री सुमित अग्रवाल ने कहा की सम-विषम योजना व्यावहारिक नहीं है. वास्तव में यह बड़े पैमाने पर जनता के लिए केवल असुविधा का कारण बनता है. यदि उपभोक्ता दो अलग-अलग उत्पादों को खरीदना चाहते हैं जो ऑड और इवन नंबर की दुकानों पर मिलते हैं तो उपभोक्ताओं को दोनों दिन बाजार का दौरा करना होगा.

लोगों की आवाजाही पर अंकुश लगाने के बजाय, यह लोगों को अधिक बार बाहर निकलने का कारण बनेगा. दिल्ली के विभिन्न बाजारों में भी अनेक दुकानों के नंबर संयुक्त रूप से ऑड -ईवन है, ऐसे में इस योजना के अंतरगत दुकान किस दिन खुलेगी. ऑड-ईवन योजना के बजाय यह बेहतर है कि दिल्ली के बाजारों को अलग-अलग क्षेत्रों में विभाजित किया जाए और प्रत्येक बाजार अलग-अलग समय पर प्रतिदिन खुलें. इस तरीके से बाज़ारों में लोगों की संख्यां पर काबू पाया जा सकेगा.

कैट ने आग्रह किया है की बैंक्वेट्स और फार्म हाउस को भी 50% क्षमता पर संचालित करने की अनुमति दी जाए. यह उल्लेख करने की आवश्यकता नहीं है कि यह क्षेत्र निचले तबके के लोगों को भारी रोजगार दे रहा है. प्रतिबंधों की स्थिति में, नौकरी का बड़ा नुकसान हो सकता है.


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