नई दिल्लीः तिहाड़ जेल में बंद वैसे सिख कैदी जिनकी सजा पूरी होने के बावजूद सियासी कारणों से जेल से रिहाई नहीं मिल रही, ऐसे बंदियों की रिहाई के लिए सियासी सिख कैदी रिहाई मोर्चा ने तिलक नगर में जागरुकता अभियान (Campaign launched for release of Sikh prisoners) चलाया. मोर्चा की अगुवाई में काफी संख्या में सिख समाज के लोगों ने तिलक नगर मेट्रो स्टेशन के पास अभियान चलाया.
लोगों ने बताया कि जिस तरह से काफी सिख बंदियों को उनकी 25 साल की सजा पूरी करने के बाद भी जेल में रखा जा रहा है. कोई 27 तो कोई 30 साल से दिल्ली और दिल्ली के बाहर दूसरे राज्य की जेलों में बंद हैं, लेकिन कुछ सरकार की सियासी कारण से इनकी रिहाई नहीं की जा रही और इस लड़ाई में सिख समाज के लोगों को एकजुट कर संस्था इसे एक बड़े आंदोलन का रूप देना चाहती है ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके.
सिख बंदियों की इतने साल बाद भी रिहाई नहीं होने को लेकर ये संस्था सिख नेताओं को भी कटघरे में खड़ी करती है. इनके अनुसार जब सत्ता में बड़े नेता थे, तब किसी ने सकारात्मक प्रयास नहीं किया, जिसका नतीजा कुछ नहीं निकला.
अभियान के दौरान पंपलेट लेकर और नारे लगाकर कर इन सिख बंदियों की रिहाई की मांग की गई, जिसमें इस संस्था के साथ-साथ आसपास के इलाके से भी सिख समाज के लोगों ने हिस्सा लिया. साथ ही आंदोलन को तेज करने की योजना भी बना रहे. इनके अनुसार अब आनेवाले दिनों में प्रत्येक रविवार को मेट्रो स्टेशन के नीचे इस अभियान को चलाया जाएगा.
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जानकारी के अनुसार, दिल्ली और दिल्ली से बाहर दूसरे राज्यों में कुल 9 ऐसे सिख बंदी हैं, जिनकी रिहाई को लेकर सिख संगठन यह जागरुकता अभियान चला रहा है. इनके अनुसार इन सभी सिख बंदियों ने अपनी 20 से 25 साल तक की सजा पूरी करने के बाद भी लगभग 4 से 5 साल अधिक समय बेवजह जेल में बिता रहे हैं. समय-समय पर कुछ सिख संगठन इनकी रिहाई की मांग को लेकर प्रयास करते रहते हैं, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है.