नई दिल्ली: सुरक्षा बलों की आवाजाही के लिए तैनात दिल्ली परिवहन निगम की बसों को वापस बुलाने को लेकर दिल्ली सरकार के फैसले पर भारतीय जनता पार्टी ने कड़ा एतराज जताया है. भाजपा ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार अब बाहरी ताकतों की तर्ज पर देश तोड़ने की कोशिशों में भी जुट गई है. सांसद मीनाक्षी लेखी ने इसे निराशाजनक बताया और कहा कि उन्हें नहीं पता था कि आम आदमी पार्टी इतनी नीचे गिर जाएगी.
'कानून का हो रहा था एनक्रोचमेंट'
दिल्ली सरकार के आरोप के बाद भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने माना है कि दिल्ली के उपराज्यपाल की शक्तियां बढ़ जाएंगी. लेखी के मुताबिक, दिल्ली में कानून का एनक्रोचमेंट हो रहा था. दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच के कई मामले कोर्ट तक पहुंच गए थे. ऐसे में केंद्र सरकार ने कानून के तहत उपराज्यपाल को ये शक्ति दी है कि अब उन्हें दिल्ली सरकार के मंत्रियों की सलाह की जरूरत नहीं होगी.
'आर्टिकल 239 में उपराज्यपाल की शक्तियों का जिक्र'
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए मीनाक्षी लेखी ने कहा कि आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं को आर्टिकल 239 पढ़ लेना चाहिए, जिसमें उपराज्यपाल की शक्तियों का ज़िक्र है. उन्होंने कहा कि आर्टिकल 239 A में इस बात का ज़िक्र है कि उपराज्यपाल को कैबिनेट मंत्रियों की सलाह लेकर काम करना होता है. दिल्ली में इसकी सलाह के चलते लगातार एनक्रोचमेंट हो रही थी.
'उपराज्यपाल को कैबिनेट मिनिस्टर्स की सलाह की जरूरत नहीं'
उन्होंने कहा कि कभी दिल्ली दंगों में आरोपी ताहिर हुसैन के मामले पर तो कभी बसों के मामले पर, दिल्ली में सरकार और उपराज्यपाल के बीच के मामले लगातार कोर्ट में पहुंच रहे थे. उन्होंने कहा कि पार्लियामेंट को यह अधिकार है कि वे इस प्रोविजन को बदल सकती है. बस यही किया गया है. दिल्ली के उपराज्यपाल को कैबिनेट मिनिस्टर्स की सलाह की जरूरत नहीं है. संसद ने उन्हें इतनी शक्ति दी है.
'धार्मिक सौहार्द की भावना खत्म'
एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मीनाक्षी लेखी ने कहा इस समय साजिश चल रही है कि कैसे भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया जाए. यहां के लोगों में धार्मिक सौहार्द की भावना को खत्म किया जाए. लोकतंत्र में राजनीतिक विरोध अपनी जगह है, लेकिन जब बात देश की आती है तो सभी पार्टियां एक साथ होती हैं. हालांकि दुर्भाग्य है कि देश में कुछ लोग मोदी विरोध के चक्कर में देश का विरोध करने लगे हैं.
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वहीं डीटीसी बसों को वापस बुलाने की दिल्ली सरकार के फ़ैसले पर बोलते हुए मीनाक्षी लेखी ने कहा कि ये बसें दिल्ली में सुरक्षित माहौल रखने के लिए तैनात सुरक्षाकर्मियों की आवाजाही के लिए होती हैं और जरूरी होती हैं. एजेंसियों के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट के चलते ये बसें और सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं. ऐसे समय में जब दिल्ली के मालिक अरविंद केजरीवाल उन बसों को वापस बुला लेते हैं, तब इस देश का इतिहास याद आता है, जहां एक बड़ी शृंखला जयचंद जैसे लोगों की भी है.
गौरतलब है कि बीते ही दिन दिल्ली परिवहन निगम की ओर से सभी डिपो को यह आदेश दिए गए कि उनकी जितनी भी बसें स्पेशल हायर पर हैं, उन्हें वापस बुलाया जाए. ऐसी लगभग 575 बसों में से 300 से ज्यादा बसों को वापस बुला भी लिया गया है.
दिल्ली परिवहन निगम का कहना है कि बसों की कमी होने के चलते यह फैसला लिया गया है, लेकिन जरूरी जगहों पर बसें अब भी लगी हुई हैं. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने इसे निराशाजनक क़दम बताया है. कहा है कि दिल्ली सरकार बाहरी ताकतों की तर्ज पर दिल्ली में अशांति की स्थिति पैदा करने का बढ़ावा दे रही है.