नई दिल्ली: शादियों में चोरी कराने के लिए बैंड, बाजा व बारात गैंग के सदस्य बच्चों को एक वर्ष के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर लेते थे. इनको कुछ दिन ट्रेनिंग देने के बाद बड़ी-बड़ी शादियों में चोरी करवाते थे. पिछले दिनों पकड़े गए गैंग के सदस्यों से पुलिस की पूछताछ में यह खुलासा हुआ.
परिजनों को दिए जाते थे 10 से 12 लाख रुपये
बता दें कि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की स्पेशल टास्क फोर्स ने गैंग के सात लोगों को गिरफ्तार किया था. इनमे से दो नाबालिग थे. ये लोग शादियों में मेहमान के रूप में शूट-बूट पहनकर शामिल होते थे. गैंग के लीडर से पूछताछ में खुलासा हुआ कि मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में स्थित छोटे से गांव गुलखेरी से तेज तर्रार बच्चों को एक साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर लेते थे. कुछ दिन की ट्रेनिंग देने के बाद बड़ी-बड़ी शादियों में चोरी की वारदात को अंजाम दिलवाते थे.
डीसीपी भीष्म सिंह ने बताया कि गैंग के सदस्यों की गिरफ्तारी से दिल्ली, लुधियाना जीरकपुर और चंडीगढ़ में हुई शादियों में की गई चोरी के आठ मामलों का खुलासा हुआ है. गैंग में एक बच्चे को शामिल करने के लिए 10 से 12 लाख रुपए माता-पिता को दिए जाते थे. शादी में शामिल होने के बाद जल्दबाजी करने की बजाए ये गेस्ट के साथ घुल-मिल जाते थे. मौका मिलते ही गिफ्ट बैग, शगुन, ज्वेलरी, कैश इत्यादि लेकर फरार हो जाते थे.
मध्यप्रदेश जाते समय पुलिस ने दबाेचा
क्राइम ब्रांच की टीम ने बैंड,बाजा व बारात गैंग के सदस्यों को दिल्ली से मध्यप्रदेश जाते समय पकड़ा. इन्होंने पूछताछ में शादियों में चोरी की वारदात को अंजाम देने की बात कबूल कर ली है. इनके पास से चार लाख रुपये, सोने के इयररिंग्स, दो बैग, चांदी का सिक्का और पांच मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं. गिरफ्तार किए गए सदस्यों में संदीप पर दो, किशन पर एक और संत कुमार पर एक मामला दर्ज है.