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समलैंगिकों के लिए जागरूकता शिविर, जानिए एड्स को लेकर डॉक्टर की सलाह - दिल्ली में मनाया गया विश्व एड्स दिवस

विश्व एड्स दिवस पर दिल्ली के कई इलाकों में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया था. वहीं डॉक्टर का कहना है कि पहले के मुकाबले बिमारी का प्रकोप कम है लेकिन आज भी लोग इस बीमारी से संक्रमित पाए जा रहे हैं.

awareness camp on world AIDS Day in delhi
विश्व एड्स दिवस: समलैंगिकों को जागरूक करने को दयालपुर थाना परिसर में शिविर
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Published : Dec 2, 2020, 3:45 PM IST

नई दिल्ली : देशभर में कल विश्व एड्स दिवस मनाया गया. दुनियाभर में एचआईवी संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 1 दिसंबर को वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है. यह दिन पूरी दुनिया को इस बीमारी के खिलाफ एक जुट होकर लड़ने का मौका देता है. शुरुआती दौर में विश्व एड्स दिवस को सिर्फ बच्चों और युवाओं से ही जोड़कर देखा जाता था जबकि एचआईवी संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है. WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार इस बीमारी का पहला केस जो 1981 में सामने आया था, जिसके बाद 9 मिलियन लोग इस बीमारी का शिकार हो चुके हैं. ऐसे में विश्व एड्स दिवस के दिन दिल्ली के कई इलाकों में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया था.

समलैंगिकों के लिए जागरूकता शिविर

दयालपुर थाना परिसर में लोगों को किया जागरूक

विश्व एड्स दिवस के उपलक्ष्य में दयालपुर थाना परिसर में सरस्वती एजुकेशनल सोसाइटी एवं दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सयुंक्त तत्वावधान में एड्स जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में आने वाले लोगों को न केवल HIV एड्स विषय पर जागरूक किया गया बल्कि नि:शुल्क कानूनी सलाह भी वकीलों द्वारा दी गई. इस कार्यक्रम के दौरान संस्था की ओर से उत्कृष्ट कारी करने वाले समाजिक कार्यकर्ताओं को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. बता दें कि कार्यक्रम के दौरान संस्था की तरफ से उपस्थित लोगों को निशुल्क राशन भी वितरित किया गया.

awareness camp on world AIDS Day in delhi
समाजिक कार्यकर्ताओं को प्रतीक चिन्ह देकर किया गयासम्मानित

समलैंगिकों की समस्याएं भी सुनी

इस मौके पर समलैंगिकों की समस्याएं भी सुनी गई कि आखिर किस तरह से समाज में उन्हें सबसे अलग माना जाता है और उनके साथ भेदभाव करते हुए उनकी समस्याएं नहीं सुनी जाती. इस मौके पर दयालपुर थाने के एसएचओ वेद प्रकाश और DLSA की टीम द्वारा उनकी हर मदद करने का आश्वासन दिया गया और उन्हें एड्स से जुडी जानकारी के साथ ही बचाव के लिए उपाय भी बताए गए. कैंप में मौजूद DLSA के वकीलों ने बताया कि उन्हें अगर किसी तरह की कोई कानूनी मदद चाहिए तो कैसे वह निःशुल्क कानूनी मदद हासिल कर अपने केस को अंजाम तक पहुंचा सकते हैं. वहीं एड्स को लेकर डॉक्टर ने दी अपनी राय.

awareness camp on world AIDS Day in delhi
जागरूकता शिविर

एड्स को लेकर जानिए डॉ. गुरदास की सलाह

डॉक्टर का भी मानना यही है कि इस बिमारी से बचने के लिए समाज में जागरूकता की जरूरत है, हालांकि इस संबंध में रोहिणी स्थित डॉ. गुरदास का कहना है कि एड्स को लेकर लोगों में पहले के मुकाबले जागरूकता बढ़ी है, लेकिन अभी भी लोग पूरी तरह से जागरूक नहीं हैं. इसलिए 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है.

'लोगों में जानकारी का अभाव'

डॉ. गुरदास के अनुसार इस दिन विशेषतौर पर लोगों को जागरूक करने के मकसद से वर्ल्ड एड्स दिवस पर अनेकों कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, ताकि इसके प्रति लोगों में जागरूकता बढाई जा सके. डॉ. गुरदास का कहना है कि आज भले ही यह इस बिमारी का प्रकोप पहले की तरह नहीं है, लेकिन आज भी इसका संक्रमण आमतौर पर लोगों देखने को मिल जाता है, और उन्हें जानकारी भी नहीं होती.

जानिए एड्स को लेकर डॉक्टर की सलाह

बात दें कि एड्स वर्तमान युग की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है. आठ सरकारी सार्वजनिक स्वास्थ्य दिवसों में विश्व एड्स दिवस शामिल है. भारत सरकार द्वारा जारी किए गए आकड़ों के अनुसार भारत में एचआईवी के रोगियों की संख्या लगभग 2.1 मिलियन से ज्यादा है.

नई दिल्ली : देशभर में कल विश्व एड्स दिवस मनाया गया. दुनियाभर में एचआईवी संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 1 दिसंबर को वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है. यह दिन पूरी दुनिया को इस बीमारी के खिलाफ एक जुट होकर लड़ने का मौका देता है. शुरुआती दौर में विश्व एड्स दिवस को सिर्फ बच्चों और युवाओं से ही जोड़कर देखा जाता था जबकि एचआईवी संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है. WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार इस बीमारी का पहला केस जो 1981 में सामने आया था, जिसके बाद 9 मिलियन लोग इस बीमारी का शिकार हो चुके हैं. ऐसे में विश्व एड्स दिवस के दिन दिल्ली के कई इलाकों में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया था.

समलैंगिकों के लिए जागरूकता शिविर

दयालपुर थाना परिसर में लोगों को किया जागरूक

विश्व एड्स दिवस के उपलक्ष्य में दयालपुर थाना परिसर में सरस्वती एजुकेशनल सोसाइटी एवं दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सयुंक्त तत्वावधान में एड्स जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में आने वाले लोगों को न केवल HIV एड्स विषय पर जागरूक किया गया बल्कि नि:शुल्क कानूनी सलाह भी वकीलों द्वारा दी गई. इस कार्यक्रम के दौरान संस्था की ओर से उत्कृष्ट कारी करने वाले समाजिक कार्यकर्ताओं को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. बता दें कि कार्यक्रम के दौरान संस्था की तरफ से उपस्थित लोगों को निशुल्क राशन भी वितरित किया गया.

awareness camp on world AIDS Day in delhi
समाजिक कार्यकर्ताओं को प्रतीक चिन्ह देकर किया गयासम्मानित

समलैंगिकों की समस्याएं भी सुनी

इस मौके पर समलैंगिकों की समस्याएं भी सुनी गई कि आखिर किस तरह से समाज में उन्हें सबसे अलग माना जाता है और उनके साथ भेदभाव करते हुए उनकी समस्याएं नहीं सुनी जाती. इस मौके पर दयालपुर थाने के एसएचओ वेद प्रकाश और DLSA की टीम द्वारा उनकी हर मदद करने का आश्वासन दिया गया और उन्हें एड्स से जुडी जानकारी के साथ ही बचाव के लिए उपाय भी बताए गए. कैंप में मौजूद DLSA के वकीलों ने बताया कि उन्हें अगर किसी तरह की कोई कानूनी मदद चाहिए तो कैसे वह निःशुल्क कानूनी मदद हासिल कर अपने केस को अंजाम तक पहुंचा सकते हैं. वहीं एड्स को लेकर डॉक्टर ने दी अपनी राय.

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जागरूकता शिविर

एड्स को लेकर जानिए डॉ. गुरदास की सलाह

डॉक्टर का भी मानना यही है कि इस बिमारी से बचने के लिए समाज में जागरूकता की जरूरत है, हालांकि इस संबंध में रोहिणी स्थित डॉ. गुरदास का कहना है कि एड्स को लेकर लोगों में पहले के मुकाबले जागरूकता बढ़ी है, लेकिन अभी भी लोग पूरी तरह से जागरूक नहीं हैं. इसलिए 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है.

'लोगों में जानकारी का अभाव'

डॉ. गुरदास के अनुसार इस दिन विशेषतौर पर लोगों को जागरूक करने के मकसद से वर्ल्ड एड्स दिवस पर अनेकों कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, ताकि इसके प्रति लोगों में जागरूकता बढाई जा सके. डॉ. गुरदास का कहना है कि आज भले ही यह इस बिमारी का प्रकोप पहले की तरह नहीं है, लेकिन आज भी इसका संक्रमण आमतौर पर लोगों देखने को मिल जाता है, और उन्हें जानकारी भी नहीं होती.

जानिए एड्स को लेकर डॉक्टर की सलाह

बात दें कि एड्स वर्तमान युग की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है. आठ सरकारी सार्वजनिक स्वास्थ्य दिवसों में विश्व एड्स दिवस शामिल है. भारत सरकार द्वारा जारी किए गए आकड़ों के अनुसार भारत में एचआईवी के रोगियों की संख्या लगभग 2.1 मिलियन से ज्यादा है.

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