नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में ऑटो रिक्शा चालकों को सवारियां ना मिलने की वजह से उनका काम पूरी तरह ठप हो चुका है और यही हाल टिकरी बॉर्डर इलाके का भी है. जहां ऑटो रिक्शा चालक दिनभर सवारियों के इंतजार में खड़े रहते हैं.
इन ऑटो चालकों का कहना है कि एक तरफ जहां लॉकडाउन की वजह से उनके काम पर असर पड़ा, तो दूसरी तरफ सड़कों पर बढ़ रही ई-रिक्शा की संख्या ने उन्हें पूरी तरह बेरोजगार बना दिया है. क्योंकि ई रिक्शा चालक ₹10 प्रति सवारी लेकर चलते हैं. जबकि ऑटो का मीटर ही ₹30 से शुरू होता है. इसलिए ज्यादातर व्यक्ति ऑटो की बजाए ई-रिक्शा में सफर करना ही पसंद करते हैं.
मेट्रो शुरू होने के बाद सवारियां मिलनी होंगी मुश्किल
केवल यही नहीं यदि वह ₹10 प्रति सवारी में भी अपना गुजारा करने की कोशिश करें तो ट्रैफिक पुलिस द्वारा उनका चालान कर दिया जाता है. जिसकी वजह से उन्हें सिंगल सवारियों का इंतजार करना पड़ता है. वहीं दूसरी तरफ ऑटो चालकों का यह भी कहना है कि मेट्रो शुरू होने के बाद उन्हें नहीं लगता कि उनके पुराने दिन फिर से लौट पाएंगे.
इन सभी परेशानियों के कारण ऑटो चालकों के लिए ऑटो का किराया निकालने के साथ-साथ अपने परिवार का पालन पोषण करना भी मुश्किल होता जा रहा है और उन्हें उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आ रही है.