नई दिल्ली: केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में आज ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें 1939 के हैदराबाद सत्याग्रह आंदोलन के बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. अंतरराष्ट्रीय आर्य समाज के प्रधान ने कहा कि 1937 में निजाम हैदराबाद के अत्याचारों से तंग आकर आर्य समाज द्वारा उन्हें चेतावनी दी गई. पर कोई असर ना होने पर 1939 में राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन शुरू किया गया.
अंतर्राष्ट्रीय आर्य समाज के प्रधान ने कहा कि देश भर से जत्थे आने शुरू हो गए. आखिरकार निजाम को झुकना पड़ा. इस आंदोलन में आर्य समाज के 38 सत्याग्रही शहीद हुए. भारत सरकार द्वारा 4000 आर्यों को स्वतंत्रता सेनानी स्वीकार कर पेंशन भी दी और सरदार पटेल ने यह स्वीकार किया कि यदि आर्य समाज ने हैदराबाद सत्याग्रह न किया होता तो भारत में उसे शामिल करना कठिन होता.साथ ही उन्होंने कहा कि आर्य समाज का अर्थ था विद्रोह, क्रांति और बलिदान. तभी महर्षि दयानंद से प्रेरणा पाकर हजारों लोग स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े और अनेकों शहीद हुए लेकिन उनका कहीं जिक्र भी नहीं होता है.केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि हैदराबाद सत्याग्रह के बलिदानियों को सदैव याद रखें. साथ ही क्रांतिकारी खुदीराम बोस को बलिदान दिवस पर याद करें.
यह गणमान्य रहे उपस्थित
इस दौरान गायक नरेन्द्र आर्य सुमन, संगीता आर्या गीत, वीना वोहरा, संध्या पाण्डेय, उर्मिला आर्य, उषा मलिक, सुलोचना आर्या आदि द्वारा गीत भी प्रस्तुत किए गए. साथ ही इस कार्यक्रम में देवेन्द्र भगत, यशोवीर आर्य, देवेन्द्र गुप्ता, विक्रम महाजन, अशोक बंसल, डॉ विपिन खेड़ा, सुरेन्द्र शास्त्री आदि उपस्थित रहे.