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धोखाधड़ी के आरोपी आदेश भाटी की सशर्त जमानत मंजूर - गौतमबुद्धनगर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दादरी गौतमबुद्धनगर के अजीत कुमार उर्फ आदेश भाटी की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. इन पर धोखाधड़ी और निवेशकों के लाखों रुपये हजम करने का आरोप है.

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आरोपी आदेश भाटी की सशर्त जमानत मंजूर
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Published : Mar 4, 2021, 10:50 PM IST

नई दिल्ली/प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दादरी गौतमबुद्धनगर के अजीत कुमार उर्फ आदेश भाटी की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. इन पर धोखाधड़ी और निवेशकों के लाखों रुपये हजम करने का आरोप है. यह आदेश न्यायमूर्ति ओम प्रकाश ने दिया.

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सह अभियुक्त डायरेक्टर संजय गोयल की मेसर्स इनोवेटिव प्रमोटर्स लि कंपनी में ढाई लाख निवेशकों के 3500 करोड़ रुपये लगे हैं. इसकी ईडी जांच चल रही है. दादरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. याची का कहना है कि वह कंपनी डायरेक्टर नहीं है. उसका कंपनी से संबंध नहीं है. उसने बाइक वोट स्कीम में पैसा लगाया है. अभी तक उसे कोई लाभ नहीं मिला है. वह खुद पीड़ित है. उसे कंपनी ने चेक दिए थे, लेकिन कैश नहीं कराए हैं. पुलिस के सामने अपराध स्वीकार करना साक्ष्य में ग्राह्य नहीं है. उसके खिलाफ धोखाधड़ी का कोई सबूत नहीं है.

ये भी पढ़ें : ID हॉस्पिटल में हो रहा पाइप लाइन का निर्माण, घटिया सामग्री लगाने का आरोप

सरकार का कहना था कि पैसा याची के खाते में जमा हुआ, लेकिन उसने आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है. कंपनी ने रिजर्व बैंक की गाइडलाइंस का उल्लंघन किया है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने डेढ़ साल से जेल में बंद याची की सशर्त रिहाई का आदेश दिया है.

नई दिल्ली/प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दादरी गौतमबुद्धनगर के अजीत कुमार उर्फ आदेश भाटी की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. इन पर धोखाधड़ी और निवेशकों के लाखों रुपये हजम करने का आरोप है. यह आदेश न्यायमूर्ति ओम प्रकाश ने दिया.

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सह अभियुक्त डायरेक्टर संजय गोयल की मेसर्स इनोवेटिव प्रमोटर्स लि कंपनी में ढाई लाख निवेशकों के 3500 करोड़ रुपये लगे हैं. इसकी ईडी जांच चल रही है. दादरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. याची का कहना है कि वह कंपनी डायरेक्टर नहीं है. उसका कंपनी से संबंध नहीं है. उसने बाइक वोट स्कीम में पैसा लगाया है. अभी तक उसे कोई लाभ नहीं मिला है. वह खुद पीड़ित है. उसे कंपनी ने चेक दिए थे, लेकिन कैश नहीं कराए हैं. पुलिस के सामने अपराध स्वीकार करना साक्ष्य में ग्राह्य नहीं है. उसके खिलाफ धोखाधड़ी का कोई सबूत नहीं है.

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सरकार का कहना था कि पैसा याची के खाते में जमा हुआ, लेकिन उसने आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है. कंपनी ने रिजर्व बैंक की गाइडलाइंस का उल्लंघन किया है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने डेढ़ साल से जेल में बंद याची की सशर्त रिहाई का आदेश दिया है.

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