नई दिल्ली: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में जेल में बंद बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल की जमानत याचिका खारिज कर दिया है. पिछले 29 अगस्त को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
सुनवाई के दौरान ईडी और सीबीआई दोनों ने मिशेल की नियमित जमानत का विरोध किया था. पिछले 19 अगस्त ईडी ने कहा था कि मिशेल ने अपनी जमानत याचिका में ईटली की कोर्ट के आदेशों को लगाया है. इसका अनुवाद कर जवाब दाखिल करने में उन्हें समय लगेगा. मिशेल ने अपनी जमानत याचिका में ईटली के कोर्ट के आदेशों को आधार बनाया है. याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ जांच पूरी हो गई है और अब उन्हें हिरासत में रखने का कोई मतलब नहीं है. मिशेल ने कहा कि उसे जब भी जांच के लिए बुलाया जाएगा वह उसमें शामिल होगा.
डेविस पार्टनर डेविड साइम्स को भी बनाया गया आरोपी
पिछले 4 अप्रैल को ईडी ने मिशेल के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दायर किया था। ईडी ने आरोपपत्र में मिशेल की कंपनी के पार्टनर डेविड साइम्स को आरोपी बनाया है. ईडी ने मिशेल की कंपनी ग्लोबल सर्विसेज एफईजेड और ग्लोबल ट्रेडर्स को भी आरोपी बनाया है. मिशेल और साइम्स इन दोनों कंपनियों के डायरेक्टर हैं. इस चार्जशीट पर कोर्ट संज्ञान ले चुकी है.
पिछले 4 मई को कोर्ट ने मिशेल के खिलाफ दायर चार्जशीट उसे मिले बिना ही मीडिया में लीक होने पर आपत्ति जताई थी. स्पेशल जज अरविंद कुमार ने ईडी के स्टेटस रिपोर्ट में कोर्ट के कर्मचारी को चार्जशीट लीक होने का आरोपी बताने पर उसकी खिंचाई की थी.
ईडी ने अपने स्टेटस रिपोर्ट में कोर्ट के रिकार्ड कीपर को चार्जशीट लीक होने के लिए जिम्मेदार बताया था. कोर्ट ने इन आरोपों को गलत बताया। ईडी ने कहा था कि उसने पिछले 4 अप्रैल को रिकार्ड कीपर को चार्जशीट की कापी सौंपी थी. रिकार्ड कीपर ने ही चार्जशीट की कापी मिशेल को मिलने के पहले मीडिया को लीक कर दिया था. कोर्ट ने इस मामले को निस्तारित करते हुए ईडी को चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए.