नई दिल्ली : अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद अन्य देशों में रह रहे अफगानी लोगों में भी तालिबान की दहशत को लेकर खौफ है. अलग-अलग देशों में रहकर अफगानिस्तान मूल के निवासी जैसे-तैसे अपना गुजर-बसर कर रहे हैं, क्योंकि अपना देश छोड़कर दूसरे देश में बस जाने के बाद उन्हें शिक्षा रोजगार से जुड़ी कई समस्याएं देखनी पड़ रही हैं, जिसके चलते वह आर्थिक समस्याओं से भी गुजर रहे हैं. इसको लेकर ईटीवी भारत ने राजधानी दिल्ली में रह रहे अफगानी मूल की महिलाओं से बात की.
पिछले करीब 5 साल से अपने दो भाइयों के साथ दिल्ली के लाजपत नगर में रह रही सिबा ने ईटीवी भारत को बताया कि जब से अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे की खबर सुनी है, उन्हें लगातार अपने परिवार की चिंता सता रही है, क्योंकि उनकी मां, दादी और अन्य रिश्तेदार सब अफगानिस्तान में हैं. सिबा ने बताया कि उनके परिवार से उनकी बात हुई है वह लोग सभी घरों में हैं. महिलाएं घर से नहीं निकल सकती हैं. वहीं उनके पड़ोस में से कई बच्चियों और महिलाओं को तालिबानी उठाकर ले गए हैं. सिबा ने कहा कि तालिबानी 12 से 15 साल की छोटी बच्चियों को उठाकर ले जाते हैं और उनके साथ जबरन शादी कर लेते हैं.
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अफगानी मूल की 15 साल की नायाब ने बताया कि अपने देश के बारे में इस तरीके की बातें सुनकर बहुत बुरा लगता है. अफसोस की बात है कि कभी हम अपने देश वापस नहीं लौट पाएंगे. उन्होंने कहा कि तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया और इस बार वह दावा कर रहा है कि महिलाओं पर अत्याचार नहीं किया जाएगा. महिलाओं को पढ़ने और नौकरी करने की इजाजत दी जाएगी, लेकिन तालिबान की किसी भी बात पर देश की किसी भी महिला को बिल्कुल भरोसा नहीं है. उसका दर्दनाक और क्रूरता वाला चेहरा हर किसी ने देखा है.
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