नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारते समय आम आदमी पार्टी ने अपने 15 मौजूदा विधायकों का टिकट काट दिया था. इनमें से कई दूसरे दलों में शामिल हो गए है, वहीं कई पूर्व विधायक निर्दलीय सीट से ताल ठोक रहे हैं.
लेकिन कुछ ऐसे भी विधायक हैं, जो पार्टी से नाराज तो हैं, लेकिन चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. ऐसे विधायकों तक आम आदमी पार्टी के नेता पहुंच रहे हैं और उनसे बातचीत कर रहे हैं और उन्हें मनाने की कोशिशें जारी हैं.
कांग्रेस के साथ खड़े हो गए थे इशराक
सीलमपुर से आम आदमी पार्टी के विधायक हाजी इशराक का पार्टी ने टिकट काट दिया था और वहां से अब्दुल रहमान आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार बनाए गए हैं. टिकट कटने के बाद हाजी इशराक ने पार्टी से बगावत कर दिया और कांग्रेस के खेमे में दिखने लगे थे. स्थानीय कांग्रेस नेता मतीन अहमद के समर्थन का उन्होंने ऐलान भी कर दिया था. बाद में फिर कहा कि निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे, लेकिन आम आदमी पार्टी ने उन्हें फिर से अपने खेमे में लाने में कामयाब हुई है.
गोपाल राय-संजय सिंह ने मनाया
मंगलवार को आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय और राज्यसभा सांसद संजय सिंह हाजी इशराक के घर पहुंचे, उनकी शिकायतें सुनी और अपनी बातें रखी. उसके बाद हाजी इशराक पार्टी के लिए प्रचार करने को तैयार हो गए हैं. इस बारे में बताते हुए गोपाल राय ने कहा कि हाजी इशराक अब आम आदमी पार्टी के लिए प्रचार करेंगे, उम्मीदवार अब्दुल रहमान से भी उनकी बात हो गई है.
कई विधायक हुए बागी
गौरतलब है कि द्वारका से आदमी पार्टी के विधायक रहे आदर्श शास्त्री ने टिकट कटने के बाद कांग्रेस का दामन थाम लिया था, बदरपुर से विधायक नारायण दत्त शर्मा बसपा से मैदान में हैं, वहीं दिल्ली कैंट से विधायक कमांडो सुरेंद्र सिंह ने एनसीपी का दामन थाम लिया है और आप के खिलाफ मैदान में हैं. इनके अलावा, बाकी कई विधायक हैं, जिन्हें पार्टी मनाने के लिए प्रयास कर रही है.