नई दिल्ली: इंडस्ट्री आधारित प्रदूषण को खत्म करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से पिछले एक साल में किए गए प्रयास का असर दिखा है. प्रयास का नतीजा है कि प्रदूषण फैलाने वाले तेल से संचालित हो रही 95 प्रतिशत इंडस्ट्री अब CNG में शिफ्ट हो गई हैं.
इसकी जानकारी दिल्ली विकास एवं संवाद आयोग (DDC) की ओर से मुख्यमंत्री को सौंपी गई रिपोर्ट से मिली है. जिसे DDC ने मुख्यमंत्री के आदेश के बाद हुए एक्शन के आधार पर तैयार किया है.
CNG के विस्तार से हुआ फायदा
मुख्यमंत्री पिछले एक साल से लगातार इंडस्ट्री प्रदूषण खत्म करने के लिए प्रयासरत थे. उन्होंने इंडस्ट्री संचालकों के सात बैठक की. उन्हें सीएनजी से इंडस्ट्री संचालन के फायदे के बारे में विस्तार से बताया. फिर प्रदूषण फैलाने वाले कैमिकल से CNG में इंडस्ट्री शिफ्ट करने पर मुआवजा देने की योजना बनाई. जिससे इंडस्ट्री को CNG में बदलने पर संचालकों को आर्थिक नुकसान न हो.
85 अन्य इंडस्ट्री को भी CNG संचालित करने पर जोर
दिल्ली में प्रदूषित केमिकल से संचालित 1,542 इंडस्ट्री थी, जिसमें 1,457 इंडस्ट्री को सीएनजी में बदला जा चुका है. अन्य 85 इंडस्ट्री को भी सरकार सीएनजी आधारित करने का प्रयास कर रही है. पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से इन इंडस्ट्री संचालकों से संपर्क किया जा रहा है. इंडस्ट्री के सीएनजी संचालित होने के फायदे के बारे में भी बताया जा रहा है.
दिल्ली सरकार ने जून 2018 में लगाया प्रतिबंध
दिल्ली सरकार ने थर्मल पावर प्लांट को छोड़कर हर तरह की इंडस्ट्री में पेटकोल, टायर ऑयल, समेत अन्य तरह के प्रदूषित कैमिकल के इस्तेमाल पर रोक लगा दी. साथ ही इंडस्ट्री संचालकों के साथ बैठक कर इंडस्ट्री को सीएनजी में बदलने के लिए प्रेरित किया. जिसका नतीजा है कि महज सवा साल में 1,457 कोल आधारित इंडस्ट्री ने खुद को सीएनजी में बदल दिया.
हजारों मजदूरों के जीवन पर पड़ा फर्क
स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न अध्ययन में ये सामने आया है कि कोल आधारित इंडस्ट्री में काम करने वाले मजदूर कई तरह की बीमारी से ग्रस्त हो जाते हैं. सबसे ज्यादा उन्हें फेफड़े की समस्या होती है. साथ ही चर्म रोग से भी वह ग्रस्त हो जाते हैं. सीएनजी आधारित इडस्ट्री के संचालन से हजारों मजदूरों का जीवन स्तर बदला. अब उन्हें विभिन्न तरह की बीमारी से बचाया जा सकता है.
दिल्ली के प्रदूषण में योगदान (पीएम 2.5)
- गर्मी के मौसम में - इंडस्ट्री - 22 %
- सर्दी के मौसम में - इंडस्ट्री - 30 %
मुआवजे की स्कीम से भी मिला फायदा
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी को 2017-18 में प्रदूषित केमिकल से संचालित इंडस्ट्री को CNG में बदलने पर मुआवजा देने के आदेश मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिए थे. इसके तहत छोटी इंडस्ट्री को पचास हजार और बड़ी इंडस्ट्री को एक लाख रुपये का मुआवजा दिया गया. इस कारण भी तमाम इंडस्ट्री ने खुद को CNG में बदला.