नई दिल्ली: SDMC के मेयर मुकेश सूर्यान ने Press conference कर दिल्ली सरकार की शिक्षा नीति(Delhi government education policy) सवाल उठाते हुए कहा कि एसडीएमसी शिक्षा के क्षेत्र में नई क्रांति लाने जा रही है. दिल्ली सरकार द्वारा निगम के शिक्षा बजट में 24 से 26% कटौती करने के बावजूद निगम के विद्यालयों में शिक्षा के स्तर व गुणवत्ता में निरंतर सुधार हुआ है.
निगम के विद्यालयों में इस साल 93000 नए बच्चों ने लिया दाखिला लिया है. एसडीएमसी जल्द अपने 12 नए विद्यालयों का उद्घाटन करने जा रही है. साथ ही निगम बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए अपने हर एक वार्ड में English medium schools की शुरुआत भी जल्द करेगी. मेयर ने कहा कि दिल्ली सरकार सिर्फ अपनी झूठी नीतियों का प्रचार और प्रसार करती है जिनका जमीन पर कोई अस्तित्व नहीं है.उन्हें सिर्फ फोटो छपवाना आता है और कुछ नही.
एसडीएमसी के मेयर मुकेश सूर्यान ने निगम मुख्यालय सिविक सेंटर में यह भी कहा कि दक्षिण दिल्ली नगर निगम अपने अंतर्गत आने वाले विद्यालयों के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में नई क्रांति ला रही है. दिल्ली सरकार के द्वारा निगम के शिक्षा बजट में 24 से 26% की कटौती किए जाने के बावजूद निगम ने अपने विद्यालयों के शिक्षा स्तर में निरंतर सुधार किया है. मेयर ने जानकारी देते हुए बताया कि इस साल एसडीएमसी के विद्यालयों में दाखिले की प्रक्रिया में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है और इस बार लगभग 93000 से ज्यादा बच्चों के दाखिले निगम विद्यालयों में हुए हैं. Private schools के मुक़ाबके निगम विद्यालयों में इस बार कई गुना ज्यादा दाखिले हुए हैं. जिसके पीछे प्रमुख कारण निगम विद्यालयों में लगातार हो रहा सुधार भी है. निगम लगातार अपने शिक्षा से संबंधित सुविधाओं में न सिर्फ विस्तार कर रही है बल्कि उन्हें बेहतर भी बना रही है. आने वाले दिनों में एसडीएमसी अपने हर एक वार्ड के अंदर इंग्लिश मीडियम विद्यालय खोलने जा रही है. जिससे कि दिल्ली की जनता अपने बच्चों को इंग्लिश मीडियम विद्यालय में पढ़ा सकेगी. साथ ही अगले एक महीने के भीतर निगम 12 नए विद्यालयों का भी उद्घाटन करने जा रही है.
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मेयर मुकेश सूर्यान ने दिल्ली सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के द्वारा दूसरे राज्यों में जाकर अपनी शिक्षा नीति का झूठा प्रचार प्रचार किया जा रहा है. दिल्ली सरकार सिर्फ झूठे विज्ञापनों की राजनीति करती है और अपने चेहरे छपवाती है. जबकि निगम में शासित बीजेपी की सरकार धरातल पर काम कर रही है.दिल्ली सरकार ने चुनावों में 500 नए स्कूल खोलने का वादा किया था. लेकिन अभी तक एक भी नया स्कूल दिल्ली सरकार के द्वारा नहीं खोला गया है. जबकि दिल्ली सरकार के 16 विद्यालय बंद हो गए हैं. दिल्ली सरकार के 745 विद्यालयों में वर्तमान समय में प्रिंसिपल ही नहीं है. जबकि 418 विद्यालयों में वाइस प्रिंसिपल की नियुक्ति अभी तक नहीं की गई है. दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले विद्यालयों में वर्तमान समय में अध्यापकों की भारी कमी है. 15 हजार से ज्यादा TGT teachers के पद अकेले दिल्ली सरकार के स्कूलों में खाली हैं. साथ ही दिल्ली सरकार के 700 स्कूल ऐसे हैं जिसमें विज्ञान की पढ़ाई ही नहीं कराई जाती जिससे कि दिल्ली सरकार के शिक्षा के स्तर का अंदाजा लगाया जा सकता है.
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