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62 फीसदी साइबर अपराध ऑनलाइन ट्रांजेक्शन फ्रॉड से संबंधित, ऐसे बनाते हैं शिकार - 62 फीसदी साइबर अपराध ऑनलाइन ट्रांजेक्शन फ्रॉड से संबंधित

पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव के अनुसार राजधानी में होने वाले 62 फ़ीसदी साइबर अपराध ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड के होते हैं. 24 फ़ीसदी साइबर अपराध के मामले सोशल मीडिया से संबंधित जबकि 14 फ़ीसदी मामले अन्य साइबर अपराध के होते हैं.

62 percent cyber crime are related to online transaction fraud
62 फीसदी साइबर अपराध ऑनलाइन ट्रांजेक्शन फ्रॉड से संबंधित, ऐसे बनाते हैं शिकार
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Published : Feb 19, 2021, 8:18 PM IST

नई दिल्ली: लॉकडाउन के दौरान राजधानी में तेजी से साइबर अपराध बढ़े थे और इसे काबू करने के लिए पुलिस ने भी तेजी से काम किया है. इसके चलते साइबर अपराध के मामलों में काफी कमी देखने को मिली है. यह कहना है पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव का. उन्होंने बताया कि राजधानी में होने वाले 62 फ़ीसदी साइबर अपराध ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड के होते हैं. 24 फ़ीसदी साइबर अपराध के मामले सोशल मीडिया से संबंधित जबकि 14 फ़ीसदी मामले अन्य साइबर अपराध के होते हैं. इनसे निपटने के लिए जिले में साइबर सेल बनाने के साथ थानों में साइबर टीम बनाई गई हैं.


स्पेशल सेल के विशेष आयुक्त नीरज ठाकुर ने बताया कि कोविड टाइम में सरकार द्वारा लोगों की मदद के लिए कई योजना शुरू की थी. इसके जरिये ही जालसाज लोगों से ठगी करने लगे. नर्सिंग, कोविड हेल्पर, कोविड से संबंधित वस्तुओं के टेंडर और नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी की गई. फ़ूड मंगाने के एप्प्स के जरिये आर्डर करने पर भी लोगों से ठगी की गई. केवाईसी वेरिफिकेशन के नाम पर ठगी और ओएलएक्स के जरिये क्यूआर कोड के माध्यम से ठगी की गई. नौकरी की वेबसाइट से जानकारी लेकर बेरोजगारों को भी जालसाजों ने ठगा.

इनके अलावा फेसबुक के माध्यम से फर्जी प्रोफाइल बनाकर लोगों से मदद के नाम पर ठगी की गई. अवेयरनेस प्रोग्राम चलाते हैं पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देते हैं. एफएम और टीवी के जरिये भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है. अब पाकिस के वास अचव्हे तफतिधि है और कांसुलगंत रकाहे जा तहे हैं बैंक के साथ मिलकर भी काम किया जा रहा है ताकि लोगों के साथ ठगी न हो


राजधानी में लोगों के साथ ऐसे होती हैं ठगी

  • फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को नौकरी का झांसा देते हैं.
  • ऐप बनाकर केवाईसी के नाम पर या सिम अपग्रेड करने के नाम पर लोगों से ठगी होती है.
  • विभिन्न स्कीम, ईमेल, व्हाट्सएप के माध्यम से फिशिंग लिंक भेज कर भी लोगों के साथ ठगी की जाती है.
  • कस्टमर केयर के फर्जी नंबर डालकर उसके जरिए भी लोगों से ठगी की जाती है.
  • एडिट कर पोर्न वीडियो बनाकर भी लोगों से जबरन उगाही के मामले किए जा रहे हैं.

इन जगहों पर सक्रिय हैं जालसाज

  • क्यूआर कोड से संबंधित ठगी करने वाले ओएलएक्स, जस्ट डायल और फेसबुक का इस्तेमाल ज्यादातर मेवात क्षेत्र में सक्रिय जालसाज करते हैं.
  • केवाईसी, वेरीफिकेशन के नाम पर सिम अपग्रेडेशन और रिफंड के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले गैंग झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में सक्रिय हैं.
  • नौकरी, लोन और इंश्योरेंस फ्रॉड करने वाले कॉल सेंटर एनसीआर में सक्रिय हैं.
  • सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाकर लोगों से फ्रॉड करने वाले मेवात में सक्रिय हैं.
    62 percent cyber crime are related to online transaction fraud
    साइबर अपराध
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    साइबर अपराध

इन मामलों में की गई गिरफ्तारी

दिल्ली पुलिस द्वारा फर्जी नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले 8 मामलों में 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन लोगों ने 1,49,280 लोगों से ठगी की थी. फर्जी कॉल सेंटर को लेकर 11 मामले दर्ज किए गए हैं और इनमें 138 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन लोगों ने 14,600 से ज्यादा लोगों से ठगी की थी. पीएम केयर यूपीआई आईडी फ्रॉड के दो मामलों में पुलिस द्वारा दो आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं जिन्होंने 78 फेक यूपीआई आईडी बनाकर लाखों लोगों से ठगी की थी. क्यूआर कोड के जरिए ठगी करने वाले 40 मामले दर्ज कर 41 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें 1200 से ज्यादा लोगों से ठगी की गई थी.

ईओडब्ल्यू ने भी लिया बड़ा एक्शन

आर्थिक अपराध शाखा द्वारा 2019 में 392 मामले दर्ज किए गए थे जबकि 2020 में 268 मामले दर्ज किए गए हैं. 2019 में जहां 192 लोगों की गिरफ्तारी हुई तो वहीं 2020 में 243 लोगों की गिरफ्तारी की गई है. वर्ष 2019 में जहां 866 शिकायतें पुलिस को मिली थी तो वहीं 723 शिकायतों का समाधान किया गया था. वर्ष 2020 में 620 शिकायतें पुलिस को मिली है जबकि 818 का समाधान किया गया है. दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस यह प्रयास कर रही है कि आर्थिक अपराध शाखा में आने वाली शिकायत पर 21 दिन के अंदर कार्रवाई हो.

नई दिल्ली: लॉकडाउन के दौरान राजधानी में तेजी से साइबर अपराध बढ़े थे और इसे काबू करने के लिए पुलिस ने भी तेजी से काम किया है. इसके चलते साइबर अपराध के मामलों में काफी कमी देखने को मिली है. यह कहना है पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव का. उन्होंने बताया कि राजधानी में होने वाले 62 फ़ीसदी साइबर अपराध ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड के होते हैं. 24 फ़ीसदी साइबर अपराध के मामले सोशल मीडिया से संबंधित जबकि 14 फ़ीसदी मामले अन्य साइबर अपराध के होते हैं. इनसे निपटने के लिए जिले में साइबर सेल बनाने के साथ थानों में साइबर टीम बनाई गई हैं.


स्पेशल सेल के विशेष आयुक्त नीरज ठाकुर ने बताया कि कोविड टाइम में सरकार द्वारा लोगों की मदद के लिए कई योजना शुरू की थी. इसके जरिये ही जालसाज लोगों से ठगी करने लगे. नर्सिंग, कोविड हेल्पर, कोविड से संबंधित वस्तुओं के टेंडर और नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी की गई. फ़ूड मंगाने के एप्प्स के जरिये आर्डर करने पर भी लोगों से ठगी की गई. केवाईसी वेरिफिकेशन के नाम पर ठगी और ओएलएक्स के जरिये क्यूआर कोड के माध्यम से ठगी की गई. नौकरी की वेबसाइट से जानकारी लेकर बेरोजगारों को भी जालसाजों ने ठगा.

इनके अलावा फेसबुक के माध्यम से फर्जी प्रोफाइल बनाकर लोगों से मदद के नाम पर ठगी की गई. अवेयरनेस प्रोग्राम चलाते हैं पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देते हैं. एफएम और टीवी के जरिये भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है. अब पाकिस के वास अचव्हे तफतिधि है और कांसुलगंत रकाहे जा तहे हैं बैंक के साथ मिलकर भी काम किया जा रहा है ताकि लोगों के साथ ठगी न हो


राजधानी में लोगों के साथ ऐसे होती हैं ठगी

  • फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को नौकरी का झांसा देते हैं.
  • ऐप बनाकर केवाईसी के नाम पर या सिम अपग्रेड करने के नाम पर लोगों से ठगी होती है.
  • विभिन्न स्कीम, ईमेल, व्हाट्सएप के माध्यम से फिशिंग लिंक भेज कर भी लोगों के साथ ठगी की जाती है.
  • कस्टमर केयर के फर्जी नंबर डालकर उसके जरिए भी लोगों से ठगी की जाती है.
  • एडिट कर पोर्न वीडियो बनाकर भी लोगों से जबरन उगाही के मामले किए जा रहे हैं.

इन जगहों पर सक्रिय हैं जालसाज

  • क्यूआर कोड से संबंधित ठगी करने वाले ओएलएक्स, जस्ट डायल और फेसबुक का इस्तेमाल ज्यादातर मेवात क्षेत्र में सक्रिय जालसाज करते हैं.
  • केवाईसी, वेरीफिकेशन के नाम पर सिम अपग्रेडेशन और रिफंड के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले गैंग झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में सक्रिय हैं.
  • नौकरी, लोन और इंश्योरेंस फ्रॉड करने वाले कॉल सेंटर एनसीआर में सक्रिय हैं.
  • सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाकर लोगों से फ्रॉड करने वाले मेवात में सक्रिय हैं.
    62 percent cyber crime are related to online transaction fraud
    साइबर अपराध
    62 percent cyber crime are related to online transaction fraud
    साइबर अपराध

इन मामलों में की गई गिरफ्तारी

दिल्ली पुलिस द्वारा फर्जी नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले 8 मामलों में 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन लोगों ने 1,49,280 लोगों से ठगी की थी. फर्जी कॉल सेंटर को लेकर 11 मामले दर्ज किए गए हैं और इनमें 138 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन लोगों ने 14,600 से ज्यादा लोगों से ठगी की थी. पीएम केयर यूपीआई आईडी फ्रॉड के दो मामलों में पुलिस द्वारा दो आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं जिन्होंने 78 फेक यूपीआई आईडी बनाकर लाखों लोगों से ठगी की थी. क्यूआर कोड के जरिए ठगी करने वाले 40 मामले दर्ज कर 41 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें 1200 से ज्यादा लोगों से ठगी की गई थी.

ईओडब्ल्यू ने भी लिया बड़ा एक्शन

आर्थिक अपराध शाखा द्वारा 2019 में 392 मामले दर्ज किए गए थे जबकि 2020 में 268 मामले दर्ज किए गए हैं. 2019 में जहां 192 लोगों की गिरफ्तारी हुई तो वहीं 2020 में 243 लोगों की गिरफ्तारी की गई है. वर्ष 2019 में जहां 866 शिकायतें पुलिस को मिली थी तो वहीं 723 शिकायतों का समाधान किया गया था. वर्ष 2020 में 620 शिकायतें पुलिस को मिली है जबकि 818 का समाधान किया गया है. दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस यह प्रयास कर रही है कि आर्थिक अपराध शाखा में आने वाली शिकायत पर 21 दिन के अंदर कार्रवाई हो.

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