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कर्ज है तो 'घी' मत पीजिए, खर्चों में कटौती करें, क्रेडिट कार्ड फ्रीज कर दें

त्योहारों के समय में खरीददारी करने के लिए कई प्रकार के ऑफर दिए जाते हैं. आपको सस्ता लोन उपलब्ध करवाने का भी ऑफर दिया जाता है. लेकिन जब आप पर पहले से ही लोन है, तो नया लोन न लें. आप प्रलोभन में पड़कर कोई भी ऐसी खरीददारी न करें, जिसे चुकाने में समस्या आ सकती है. संभव हो तो क्रेडिट कार्ड को कुछ समय के लिए फ्रीज कर दें. मितव्ययिता अपनाएं. ऐसा नहीं करेंगे, तो आप कर्ज के जाल में उलझते चले जाएंगे.

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Published : Nov 20, 2022, 10:49 AM IST

हैदराबाद : जब कभी भी आपके ऊपर कर्ज का भार हो, तो आपको कई सारे ऐसे निर्णय लेने पड़ते हैं, जो सामान्य कदम नहीं होते हैं. लेकिन इन कदमों को उठाना जरूरी होता है. ये कदम, कड़े और कड़वे दोनों होते हैं. सबसे महत्वपूर्ण कदम होता है- क्रेडिट कार्ड को बंद करवाना या फिर फ्रीज करवा सकते हैं. किसी भी स्थिति में आप नया लोन न लें, जब तक कि आप पुराना लोन चुकता न कर दें. यह इसलिए जरूरी है, क्योंकि आजकल लोन मिलना बहुत आसान हो गया है. पहले के समय में लोन मिलने में कठिनाई होती थी. इसलिए आप लोन के प्रलोभन में न पड़ें.

इन दिनों कुछ भी खरीदने के लिए नकद रहने की जरूरत होती ही नहीं है. क्योंकि बिक्रेता आपको ईएमआई पर सामान उपलब्ध करवाने के लिए तैयार बैठे रहता है. आम तौर पर त्योंहारों के समय में इस तरह के कई ऑफर दिए जाते हैं. ग्राहक कई बार लालच में पड़कर खरीददारी कर बैठते हैं. उसके बाद आपक लोन के जाल में उलझते चले जाते हैं. इसलिए, भविष्य की वित्तीय कठिनाइयों को रोकने के लिए ऐसे ऋणों से बचें.

पहले तो अंदाजा लगा लीजिए कि त्योहारों पर कितना पैसा खर्च हुआ है. लिए गए ऋणों की कुल राशि और उनकी संबंधित शर्तें क्या हैं ? जांचें कि आप प्रत्येक ऋण पर कितना ब्याज दे रहे हैं. व्यक्तिगत और 'अभी खरीदें बाद में भुगतान करें' (बीएनपीएल) ऋणों की सूची बनाएं. स्पष्टता प्राप्त करने के लिए एक ही स्थान पर पुराने और नए ऋणों की सूची लिखें. फिर योजना बनाएं कि अपनी आय में से अधिशेष (एक्स्ट्रा) से इन ऋणों का भुगतान कैसे किया जाए.

यह पता लगाना महत्वपूर्ण है कि कौन से ऋण पहले निपटाए जा सकते हैं. ज्यादा ब्याज वाले कर्ज से जल्द से जल्द छुटकारा पाएं. अन्यथा, वे आपकी बचत के अधिकांश भाग का उपभोग कर लेंगे. छोटे कर्जों को जल्दी चुकाने की कोशिश करें क्योंकि वे अधिक कर्ज होने का मानसिक तनाव पैदा करेंगे. साथ ही यह भी पता करें कि ऐसे ऋणों को समय से पहले बंद करने पर जुर्माने का बोझ क्या होगा.

कम आमदनी वाली नीतियों में निवेश करना फ़ायदेमंद नहीं रहेगा. 16 फीसदी ब्याज पर कर्ज लेकर महज 8 फीसदी आय देने वाली योजनाओं में बचत जारी रखना समझदारी नहीं है. हो सके तो सावधि जमा और जीवन बीमा पॉलिसियों पर ऋण लें, जो कम ब्याज पर आती हैं. सोने को गिरवी रखकर कम ब्याज पर कर्ज लिया जा सकता है.

अपनी आय बढ़ाने के लिए उपलब्ध रास्ते तलाशें. यह आपके कर्ज को जल्दी चुकाने में मदद करेगा. आय-ऋण अनुपात को कम करने के लिए आवश्यक प्रयासों के बारे में अपने परिवार के सदस्यों से चर्चा करें. यह जानने के लिए अपने बैंक से भी संपर्क करें कि होम लोन पर ईएमआई कम होने की संभावना है या नहीं. त्योहारों का आनंद तभी दुगुना होगा जब ऐसे सुखद समय में लिए गए कर्ज को जल्द से जल्द चुकाया जाए. खुद को कर्ज से मुक्त करने की योजना बनाने से पहले इसे ध्यान में रखें.

इसके साथ ही, अपने खर्च को तब तक कम करें जब तक कि संचित ऋण का भुगतान नहीं हो जाता. नहीं तो आर्थिक परेशानी आपके दरवाजे पर दस्तक देगी. बेवजह की फिजूलखर्ची पर नियंत्रण रखना चाहिए. कुछ समय के लिए, मितव्ययिता से जियो. किसी भी परिस्थिति में नया कर्ज न लें, क्रेडिट कार्ड से खरीदारी से दूर रहें. जरूरत पड़ने पर अपने क्रेडिट कार्ड को कुछ दिनों के लिए फ्रीज कर दें.

ये भी पढे़ं : एफडी को लेकर निवेशकों में बढ़ा उत्साह, कितनी अवधि के लिए करें निवेश, पढ़ें पूरी खबर

हैदराबाद : जब कभी भी आपके ऊपर कर्ज का भार हो, तो आपको कई सारे ऐसे निर्णय लेने पड़ते हैं, जो सामान्य कदम नहीं होते हैं. लेकिन इन कदमों को उठाना जरूरी होता है. ये कदम, कड़े और कड़वे दोनों होते हैं. सबसे महत्वपूर्ण कदम होता है- क्रेडिट कार्ड को बंद करवाना या फिर फ्रीज करवा सकते हैं. किसी भी स्थिति में आप नया लोन न लें, जब तक कि आप पुराना लोन चुकता न कर दें. यह इसलिए जरूरी है, क्योंकि आजकल लोन मिलना बहुत आसान हो गया है. पहले के समय में लोन मिलने में कठिनाई होती थी. इसलिए आप लोन के प्रलोभन में न पड़ें.

इन दिनों कुछ भी खरीदने के लिए नकद रहने की जरूरत होती ही नहीं है. क्योंकि बिक्रेता आपको ईएमआई पर सामान उपलब्ध करवाने के लिए तैयार बैठे रहता है. आम तौर पर त्योंहारों के समय में इस तरह के कई ऑफर दिए जाते हैं. ग्राहक कई बार लालच में पड़कर खरीददारी कर बैठते हैं. उसके बाद आपक लोन के जाल में उलझते चले जाते हैं. इसलिए, भविष्य की वित्तीय कठिनाइयों को रोकने के लिए ऐसे ऋणों से बचें.

पहले तो अंदाजा लगा लीजिए कि त्योहारों पर कितना पैसा खर्च हुआ है. लिए गए ऋणों की कुल राशि और उनकी संबंधित शर्तें क्या हैं ? जांचें कि आप प्रत्येक ऋण पर कितना ब्याज दे रहे हैं. व्यक्तिगत और 'अभी खरीदें बाद में भुगतान करें' (बीएनपीएल) ऋणों की सूची बनाएं. स्पष्टता प्राप्त करने के लिए एक ही स्थान पर पुराने और नए ऋणों की सूची लिखें. फिर योजना बनाएं कि अपनी आय में से अधिशेष (एक्स्ट्रा) से इन ऋणों का भुगतान कैसे किया जाए.

यह पता लगाना महत्वपूर्ण है कि कौन से ऋण पहले निपटाए जा सकते हैं. ज्यादा ब्याज वाले कर्ज से जल्द से जल्द छुटकारा पाएं. अन्यथा, वे आपकी बचत के अधिकांश भाग का उपभोग कर लेंगे. छोटे कर्जों को जल्दी चुकाने की कोशिश करें क्योंकि वे अधिक कर्ज होने का मानसिक तनाव पैदा करेंगे. साथ ही यह भी पता करें कि ऐसे ऋणों को समय से पहले बंद करने पर जुर्माने का बोझ क्या होगा.

कम आमदनी वाली नीतियों में निवेश करना फ़ायदेमंद नहीं रहेगा. 16 फीसदी ब्याज पर कर्ज लेकर महज 8 फीसदी आय देने वाली योजनाओं में बचत जारी रखना समझदारी नहीं है. हो सके तो सावधि जमा और जीवन बीमा पॉलिसियों पर ऋण लें, जो कम ब्याज पर आती हैं. सोने को गिरवी रखकर कम ब्याज पर कर्ज लिया जा सकता है.

अपनी आय बढ़ाने के लिए उपलब्ध रास्ते तलाशें. यह आपके कर्ज को जल्दी चुकाने में मदद करेगा. आय-ऋण अनुपात को कम करने के लिए आवश्यक प्रयासों के बारे में अपने परिवार के सदस्यों से चर्चा करें. यह जानने के लिए अपने बैंक से भी संपर्क करें कि होम लोन पर ईएमआई कम होने की संभावना है या नहीं. त्योहारों का आनंद तभी दुगुना होगा जब ऐसे सुखद समय में लिए गए कर्ज को जल्द से जल्द चुकाया जाए. खुद को कर्ज से मुक्त करने की योजना बनाने से पहले इसे ध्यान में रखें.

इसके साथ ही, अपने खर्च को तब तक कम करें जब तक कि संचित ऋण का भुगतान नहीं हो जाता. नहीं तो आर्थिक परेशानी आपके दरवाजे पर दस्तक देगी. बेवजह की फिजूलखर्ची पर नियंत्रण रखना चाहिए. कुछ समय के लिए, मितव्ययिता से जियो. किसी भी परिस्थिति में नया कर्ज न लें, क्रेडिट कार्ड से खरीदारी से दूर रहें. जरूरत पड़ने पर अपने क्रेडिट कार्ड को कुछ दिनों के लिए फ्रीज कर दें.

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