नई दिल्ली : अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी के बडे़ भाई विनोद अडाणी ने ऑस्ट्रेलिया में कोल खदानों से जुड़ी 3 कंपनियों से निर्देशक यानी डायरेक्टर का पद छोड़ दिया है. इन तीन कंपनियों में कारमाइकल रेल एंड पोर्ट सिंगापुर, कारमाइकल रेल सिंगापुर और एबॉट प्वाइंट टर्मिनल एक्सपैंशन के नाम शामिल हैं. जो ऑस्ट्रेलिया में अडाणी के कोल माइनिंग से जुड़ी हैं. हालांकि विनोद सिंगापुर स्थित कंपनी एबट प्वाइंट पोर्ट होल्डिंग्स के बोर्ड में बने हुए हैं. आपको बता दें कि ये इस्तीफा सुप्रीम कोर्ट द्वारा अडाणी समूह पर जांच के लिए समिती बनाने के आदेश देने से पहले ही दे दिया गया.
24 जनवरी को शार्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने अडाणी समूह पर अपनी रिपोर्ट जारी की, जिसमें धोखाधड़ी, शेयर मैन्यूपुलेशन जैसे कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. रिपोर्ट में गौतम अडाणी और विनोद अडाणी का नाम सबसे ज्यादा बार लिया गया है. हिंडनबर्ग रिपोर्ट में दावा किया गया कि विदेश में रहने वाले विनोद अडाणी ने अडाणी ग्रुप में कथित फ्रॉड के लिए ऑफशोर कंपनियों के एक नेटवर्क का इस्तेमाल किया था. हालांकि गौतम अडाणी (Gautam Adani) और कंपनी ने रिपोर्ट के सभी आरोपों का खंडन किया है. बाजार नियामक सेबी इन आरोपों की जांच कर रही है. सेबी ये पता लगा रही है कि क्या अडाणी ग्रुप और विनोद के बीच हुए कुछ लेन-देन का ठीक से खुलासा किया गया था.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अडाणी ग्रुप को करोड़ों का नुकसान हुआ है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विनोद अडाणी के पास अडाणी ग्लोबल के दुबई ऑफिस में एक केबिन है, जहां वह रोजाना दो- तीन घंटा बिताते हैं. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि विनोद अडानी ने दर्जनों शेल कंपनियों के जरिए अडानी ग्रुप के अरबों डॉलर को आरपार किया था. कुछ समय पहले ही विनोद सबसे अमीर एनआरआई के रुप में चर्चा का विषय बने थे.
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